पटना में दो दिवसीय रेडिएशन ऑंकोलॉजी का 7वां वार्षिक सम्मेलन शुरू

पटना में दो दिवसीय रेडिएशन ऑंकोलॉजी का 7वां वार्षिक सम्मेलन शुरू

• महामहिम राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने किया उद्घाटन
• देशभर के कैंसर विशेषज्ञ ने लिया हिस्सा
पटना।
कैंसर के इलाज में आधुनिक तकनीकों और नवाचारों पर केंद्रित दो दिवसीय 7वां वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ शनिवार को पटना के होटल मौर्या में हुआ। एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (एआरओआई) बिहार चैप्टर और पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन बिहार के *महामहिम राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान* ने किया।
सम्मेलन में देश-विदेश से आए रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, कैंसर विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने कैंसर रोगों के इलाज में उभरती तकनीकों और उनके बिहार जैसे राज्यों में उपयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही विशेषज्ञों ने अपने शोधपत्र भी प्रस्तुत किए।
सम्मेलन के पहले दिन फेफड़े का कैंसर, लीवर और गॉल ब्लाडर कैंसर, मुंह और गले का कैंसर, तथा स्तन कैंसर जैसे प्रमुख कैंसर रोगों पर गहन परिचर्चा हुई।
टीएमएच मुंबई की डॉ. सार्वणी घोष लश्कर ने मुंह और गले के कैंसर, वहीं डॉ. रीना इंजीनियर ने गॉल ब्लाडर कैंसर पर व्याख्यान दिया। सीएमसी वेल्लोर के डॉ. बाला कृष्णन ने फेफड़ों के कैंसर पर अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव व वाइस प्रेसीडेंट *डॉ. शेखर केसरी* ने बताया कि रविवार को सम्मेलन के दूसरे दिन महिलाओं से जुड़े विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे स्तन व गर्भाशय कैंसर और ब्रेन ट्यूमर पर विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे। उन्होंने कहा कि पटना के प्रमुख कैंसर संस्थानों के डॉक्टरों के अलावा देशभर से आए वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। मेडिकल के पीजी छात्रों के लिए क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है।
पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि पारस हॉस्पिटल का हमेशा यही लक्ष्य रहा है कि वैश्विक स्तर पर अपनाई जा रही नई तकनीकों को मरीजों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन बिहार में कैंसर के उपचार को नई दिशा देने में अहम पड़ाव साबित होगा साथ ही औरगेनाइजिंग कमेटी को धन्यवाद दिया।
सम्मेलन में एआरओआई प्रेसिडेंट *डॉ. राजीव रंजन प्रसाद* , सचिव *डॉ. राजेश कुमार सिंह, डॉ. प्रीतांजलि सिंह, डॉ. विनीता त्रिवेदी* और  *डॉ. ऋचा चौहान* ने भी अपने विचार रखे।

*पारस एचएमआरआई के बारे में* 
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।

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