
आईसीसी बिहार राज्य परिषद ने नई नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 को 'हरित विकास का प्रेरक' बताया
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (आईसीसी), बिहार राज्य परिषद ने 'बिहार नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025' का स्वागत किया है। परिषद ने इसे राज्य में तेजी से हरित ऊर्जा विस्तार और पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिकीकरण की राह प्रशस्त करने वाली नीति बताया।
श्री प्रभात कुमार सिन्हा, अध्यक्ष, आईसीसी बिहार राज्य परिषद ने कहा:
"यह नीति बिहार को भारत की हरित ऊर्जा क्रांति में अग्रणी बनाने वाली ऐतिहासिक रूपरेखा है। 2030 तक लगभग 24 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और 6 गीगावॉट/घंटे ऊर्जा भंडारण का लक्ष्य राज्य सरकार के साहसिक दृष्टिकरण को दर्शाता है।" उन्होंने नीति के तहत घोषित प्रोत्साहनों—15-20 वर्षों तक बिजली कर, एसजीएसटी, संचरण एवं व्हीलिंग शुल्क में 100% छूट—की सराहना करते हुए कहा:
"इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और व्यापार लागत घटेगी। आईसीसी लंबे समय से बिहार के लिए ऐसी नीति की वकालत कर रहा था। यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी, नवाचार और युवाओं के नेतृत्व वाले हरित उद्यमिता के नए अवसर खोलेगी।"
श्री के.के. सिंह, अध्यक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा समिति, आईसीसी बिहार ने जोर दिया:
"छत एवं भूमि-आधारित सोलर, फ्लोटिंग सोलर, एग्रीवोल्टिक, लघु जलविद्युत, पवन, बायोमास और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे समावेशी दृष्टिकोण सराहनीय हैं। ऊर्जा भंडारण प्रणाली (ईएसएस), हाइब्रिड पार्क और बीआरईडीए को क्रियान्वयन एजेंसी बनाने का प्रावधान नीति को मूर्त रूप देगा।"
उन्होंने कौशल विकास की आवश्यकता भी रेखांकित की:
"इस नीति के क्रियान्वयन के लिए उद्योग सहयोग, ग्रिड एकीकरण, कुशल जनशक्ति और जलवायु-अनुकूल योजना जरूरी है। आईसीसी सरकार के साथ जागरूकता, निवेशक जुटाने और सहयोग में पूर्ण समर्थन देगा।"
आगे की राह: दोनों ने बिहार सरकार और संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर इस नीति को "जमीनी वास्तविकता" में बदलने की आईसीसी की प्रतिबद्धता दोहराई। उनका मानना है कि यह नीति समावेशी विकास और टिकाऊ भविष्य की नींव रखेगी।
प्रभात कुमार सिन्हा
अध्यक्ष इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (ICC), बिहार
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