जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत वन एवं वनों से बाहर कराये जा रहे वृक्षारोपण के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।

जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत वन एवं वनों से बाहर कराये जा रहे वृक्षारोपण के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी।

डॉ० प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत वन एवं वनों से बाहर कराये जा रहे वृक्षारोपण के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी। उक्त बैठक में सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार / विशेष सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार/प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF). बिहार/अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, बिहार / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा)-सह-नोडल पदाधिकारी (वन संरक्षण), बिहार / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कार्य नियोजना प्रशिक्षण एवं विस्तार, बिहार / मुख्य वन संरक्षक-सह-राज्य नोडल पदाधिकारी, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आर्द्र भूमि, बिहार / मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन, पटना एवं अन्य वरीय पदाधिकारी शामिल हुए।

हरित आवरण

बिहार राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 15 प्रतिशत हरित आवरण से अच्छादित है। चतुर्थ कृषि रोड मैप में इसे बढ़ाकर 17 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य है।

जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत विभाग के द्वारा वन एवं वन से बाहर भूमि पर व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण कराया जा रहा है। किसानों के माध्यम से कृषि वानिकी के तहत पौधारोपण एवं जीविका दीदियों के सहयोग से उनकी भूमि पर पौधारोपण किया जा रहा है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत वर्ष 2023-28 के अवधि में 20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 3.89 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं।

वर्ष 2024-25 में कृषि वानिकी अन्य प्रजाति योजना अंतर्गत अभी तक किसानों के द्वारा 41.5 लाख के लक्ष्य के विरूद्ध 32.57 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है। वहीं जीविका दीदियों के द्वारा 80.34 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 75.24 लाख पौधों का रोपण किया गया है।

मनरेगा द्वारा 177.49 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 199.62 लाख पौधों का रोपण तथा उद्यान निदेशालय द्वारा 9.31 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 8.12 लाख पौधों का रोपण

किया जा चुका है।

पौधों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राज्य में 246 विभागीय पौधशालायें स्थापित है, जिनकी उत्पादन क्षमता 08 करोड़ से अधिक है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना के अंतर्गत 192 किसान एवं 302 जीविका पौधशालायें स्थापित है, जहां से 01 करोड पौधे प्रति वर्ष उत्पादित होते है। किसानों / जीविका दीदियों से पौधशाला स्थापना हेतु आवेदन प्राप्त करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

माननीय मंत्री द्वारा निदेश दिया गया कि बसंतकालीन वृक्षारोपण कराकर निधारित लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जाय। उत्तर बिहार की जलवायु बसंतकालीन वृक्षारोपण के लिये अनुकूल है। इसलिये उत्तर बिहार के जिलों में अधिकाधिक पौधे लगाने हेतु योजना प्रस्ताव तैयार किया जाय। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि वानिकी-पॉप्लर योजनान्तर्गत पॉप्लर पौधारोपण हेतु निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये कार्रवाई करने का निदेश माननीय मंत्री द्वारा दिया गया।

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