डीएम ने की राजस्व मामलों की समीक्षा

डीएम ने की राजस्व मामलों की समीक्षा

दाखिल-खारिज में 94.34 प्रतिशत एवं परिमार्जन में 99.99 प्रतिशत आवेदनों को निष्पादित किया गया है
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दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन में प्राप्त आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का डीएम ने दिया निदेश
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सभी अंचलाधिकारियों को डीएम ने दिया निदेशः सरकार की विभिन्न लोक-कल्याणकारी योजनाओं के लिए भूमि चिन्ह्ति कर शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराएँ
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समयपार (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए; लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगीः डीएम
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पटना, सोमवार, दिनांक 30.09.2024ः 

1. समाहर्ता-सह-जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज राजस्व मामलों की समीक्षा की गई। उन्होंने ई-म्यूटेशन, परिमार्जन, भू-अर्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमण हटाने, नापीवाद, सीमांकन, विशेष सर्वेक्षण, भूमि उपलब्धता एवं हस्तानांतरण सहित विभिन्न मामलों में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी अंचल में दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन का निर्धारित समय-सीमा के बाद एक भी आवेदन लंबित नहीं रहनी चाहिए। एक्सपायर्ड आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रखें अन्यथा लापरवाह अंचलाधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को सरकार की विभिन्न लोक-कल्याणकारी योजनाओं के लिए भूमि चिन्हित कर शीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निदेश दिया। 

2. जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के बहुत अधिक मामले 75 दिनों से अधिक समय से लंबित है वहाँ जिला-स्तर से जाँच करायी जा रही है। उन्होंने निदेश देते हुए कहा कि हर भूमि सुधार उप समाहर्ता प्रत्येक सप्ताह कम-से-कम एक अंचल का निरीक्षण कर प्रतिवेदन दें। कर्मचारीवार विस्तृत समीक्षा करें। समाहर्ता डॉ. सिंह ने कहा कि विभिन्न विभागों यथा कल्याण, पंचायती राज, समाज कल्याण एवं अन्य की विभिन्न योजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध कराया जाना है। जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता को जमीन चिन्हित करने, हस्तांतरण आदि की लंबित प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का निदेश दिया गया। विदित हो कि सरकार के निदेश के आलोक में पटना जिला में 30 हजार से अधिक अनुसूचित जाति की आबादी वाले 13 प्रखंडों में एक एकड़ भूमि पर अंबेदकर कल्याण छात्रावास भवन का निर्माण किया जाना है। मोकामा, नौबतपुर, मसौढ़ी, बिहटा, दानापुर, फतुहा, पुनपुन प्रखंडों में जमीन चिन्हित कर ली गई है। इन सात प्रखंडों में भूमि हस्तानान्तरण, अभिलेख तैयार किया जाना इत्यादि मामलों को तेजी से निष्पादित करने तथा शेष छः प्रखंडों में भी जमीन खोजकर उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड के निर्माण हेतु कार्यकारी एजेंसियों स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन 1 एवं 2 को 17 का लक्ष्य दिया गया है। जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) के स्थापना हेतु जमीन चिन्हित कर ली गई है। अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु अपर समाहर्ता को निदेशित किया गया। पटना सदर में एक अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय के निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर शीघ्र प्रस्ताव उपस्थापित करने का निदेश दिया गया। इसके अतिरिक्त समाज कल्याण विभाग के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु भूमि चिन्ह्ति कर उपलब्ध कराया जाना है। डीएम डॉ. सिंह ने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि प्राथमिकता के आधार पर भूमि चिन्हित करने के कार्य का अनुश्रवण करें। चिन्हित भूमियों का अनापत्ति प्रमाण-पत्र अंचलाधिकारियों द्वारा शीघ्र उपस्थापित कराएँ। प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारियों, विकास मित्रों, सीडीपीओ इत्यादि प्रखंड स्तरीय विभागीय पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए भूमि को चिन्हित करने के कार्य में तेजी लाई जाए। अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को आ रही समस्याओं का समाधान करने का निदेश दिया गया। 
3. भूमि सुधार उप समाहर्ताओं एवं अंचल अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व प्रशासन आपका कोर कार्य है। आप सभी को इसी भावना से काम करना चाहिए। फिर भी ऐसा संज्ञान में आता है कि आम लोगों को काफी असुविधा हो रही है। लोगों को काफी शिकायतें हैं। यह खेदजनक है। सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुपालन में शिथिलता के विरूद्ध जिला प्रशासन की शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) है। उन्होंने कहा कि आज की तिथि में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों की संख्या 50,720 है जिसमें 14,430 आवेदन 35 दिन से अधिक तथा 32,747 आवेदन 75 दिनों से अधिक समय से लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत 07 दिनों में पटना जिला में निष्पादित किए गए वादों की संख्या लगभग 3,297 है जबकि 977 मामले प्राप्त हुए। यह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारियों द्वारा प्राप्त वादों की तुलना में निष्पादन में अच्छी प्रगति की गई है। हम उनके प्रयास की सराहना करते हैं।
 
4. जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश देते हुए कहा कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा के अंदर निष्पादन नहीं करने, नापीवाद एवं अतिक्रमणवाद का विधिवत संचालन नहीं करने पर दोषी अधिकारियों पर जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को निदेश दिया गया कि दाखिल-खारिज के अपील मामलों एवं बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम (बीएलडीआरए) के तहत मामलों का समय-सीमा के अंदर विधिवत निष्पादन सुनिश्चित करें। साथ ही अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत सभी अंचलों का निरीक्षण करें एवं राजस्व कार्यों का अनुश्रवण कर सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएँ।
5. डीएम डॉ. सिंह ने अंचल अधिकारियों को 90 दिन से अधिक समय से अतिक्रमण के लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का निदेश दिया। 

6. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों की नियमित समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला-स्तर से टीम बनाकर हर एक अंचल का निरीक्षण कराया जाएगा। लंबित सबसे पुराने मामलों की समीक्षा की जाएगी। वे भी समय-समय पर अंचल कार्यालयों का निरीक्षण करते हैं। यदि कोई अनियमितता उजागर होती है तो राजस्व कर्मचारी एवं अंचलाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वे भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय कार्यों की समीक्षा करेंगे। जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता को राजस्व मामलों का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया। 

7. आज की बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में आवेदनों के निष्पादन की स्थिति, मामलों के लंबित रहने के कारण एवं अन्य मानकों पर गहन समीक्षा की।

8. समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 28 सितम्बर, 2024 तक दाखिल-खारिज के 8,95,977 प्राप्त आवेदनों में से 8,45,257 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। यह प्राप्त आवेदनों का 94.34 प्रतिशत है। अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए डीएम डॉ. सिंह ने पाया कि दिनांक 21 सितम्बर, 2024 से 28 सितम्बर, 2024 तक पूरे जिले में दाखिल-खारिज के प्राप्त एवं निष्पादित वादों की संख्या क्रमशः 977 तथा 3,297 है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने अंचलाधिकारियों को निदेश दिया कि प्राप्त आवेदनों की तुलना में नियमानुसार निष्पादन की गति तेज रखें ताकि बैकलॉग को तुरत खत्म किया जा सके। उन्होंने विशेष प्रयास कर समय-सीमा पार लंबित मामलों को शीघ्र निष्पादित करने का निर्देश दिया।

9. अद्यतन प्रगति की समीक्षा में यह पाया गया कि दिनांक 21 सितम्बर, 2024 से 28 सितम्बर, 2024 तक दाखिल-खारिज के मामले में पुनपुन, धनरूआ, सम्पतचक, पटना सदर एवं बाढ़ ने अच्छी प्रगति की है जबकि दनियावाँ, दानापुर, घोसवरी, फुलवारीशरीफ एवं बिहटा का खराब प्रदर्शन रहा है।

10. जिलाधिकारी ने कहा कि दाखिल-खारिज के आवेदनों को अस्वीकृत करने में विशेष सावधानी बरतें तथा सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला में यह दर 36.56 प्रतिशत है। इससे अधिक जिन-जिन अंचलों में दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत किया गया है वहाँ भूमि सुधार उप समाहर्ता समीक्षा कर प्रतिवेदन देंगे। 

11. जिले में 75 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा की गई। इस मानक पर अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचलों में खुशरूपुर में 45 मामले, दनियावाँ में 62 मामले, घोसवरी में 86 मामले, बेलछी में 190 मामले तथा मोकामा में 217 मामले लंबित हैं। खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में पटना सदर में 4,477 मामले, बिहटा में 4,076 मामले, सम्पतचक में 3,788 मामले, फुलवारीशरीफ में 3,024 मामले एवं धनरूआ में 2,551 मामले लंबित हैं। डीएम डॉ. सिंह ने इसपर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए दाखिल-खारिज में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों के अंचलाधिकारियों को स्थिति में तुरंत सुधार लाने का निदेश दिया।

12. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर दाखिल खारिज नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपर समाहर्ता को निदेश दिया कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई हेतु प्रस्ताव उपस्थापित करें। 

13. समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 28 सितम्बर, 2024 तक परिमार्जन के 2,99,842 प्राप्त आवेदनों में से 2,99,825 आवेदनों (99.99 प्रतिशत) को निष्पादित किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने शेष सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया। 

14. दिनांक 28 सितम्बर, 2024 तक परिमार्जन हेतु प्राप्त आवेदनों की निष्पादन की समीक्षा में पाया गया कि बख्तियारपुर (99.96 प्रतिशत निष्पादन), दुल्हिनबाजार (99.97 प्रतिशत निष्पादन), पटना सदर (99.97 प्रतिशत निष्पादन) एवं धनरूआ (99.99 प्रतिशत निष्पादन) खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में शामिल है। शेष सभी अंचलों में परिमार्जन हेतु प्राप्त आवेदनों का 100 प्रतिशत निष्पादन किया गया है। अद्यतन प्रगति की समीक्षा में यह पाया गया कि दिनांक 21 सितम्बर, 2024 से 28 सितम्बर, 2024 तक परिमार्जन के मामले में मसौढ़ी, दनियावाँ, बाढ़, मोकामा एवं सम्पतचक ने अच्छी प्रगति की है जबकि बख्तियारपुर, दुल्हिनबाजार, धनरूआ, अथमलगोला एवं बेलछी का खराब प्रदर्शन रहा है।
15. डीएम डॉ सिंह ने कहा कि विभिन्न माध्यमों यथा समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स, लोक शिकायत एवं जनता से साक्षात्कार के क्रम में यह पता चलता है कि दाखिल खारिज आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं किया जाता है एवं बिना उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 एवं बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम, 2011 में दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की अवधि एवं विधि का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि दाखिल खारिज आवेदनों को प्रत्येक स्तर पर यथा दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की कार्रवाई करने वाले प्रत्येक कर्मी/पदाधिकारी द्वारा तय अवधि एवं विधि द्वारा निष्पादित किया जाएगा तथा बिना स्पष्ट/उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत नहीं किया जाएगा। सभी अंचल अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दाखिल खारिज आवेदनों को निष्पादित करने के क्रम में फीफो (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट) का अनुपालन करें। साथ ही आवेदनों को निष्पादित करने के क्रम में किसी कर्मी/पदाधिकारी द्वारा बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया जाता है तथा तय समय-सीमा से अधिक समय लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में अविलंब इस संबंध में जिम्मेदार कर्मी एवं पदाधिकारी को चिन्हित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त कर उपस्थापित करें, दोषी पाए जाने की स्थिति में आरोप-पत्र गठित कर विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

16. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभिन्न मानकों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलाधिकारी तुरंत अपेक्षित सुधार ले आएँ। उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।

17. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारीवार नियमित समीक्षा करें। साथ ही सभी भूमि-सुधार उप समाहर्ता अंचलाधिकारियों के कार्यों का लगातार अनुश्रवण करें। 

18. डीएम डॉ. सिंह ने राजस्व-कार्यों में संलग्न अधिकारियों को प्रतिबद्धता एवं तत्परता से कार्य करने का निर्देश दिया।

19. आज के इस बैठक में समाहर्ता के साथ अपर समाहर्ता, बन्दोबस्त पदाधिकारी, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी अंचलों के अंचलाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।

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