*भारतीय नृत्य कला मंदिर के द्वारा हुआ मेघ मल्हार उत्सव का आयोजन*

*भारतीय नृत्य कला मंदिर के द्वारा हुआ मेघ मल्हार उत्सव का आयोजन*

*बारिश की फुहारों के बीच हुआ मेघ मल्हार का आयोजन*
पटना 
28.09.2024
आज कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार एवं भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना के हरि उप्पल प्रेक्षागृह में मेघ मल्हार उत्सव 2024 का आयोेेजन किया गया। 
कार्यक्रम का उद्घाटन श्री दयानिधान पाण्डेय, सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग सह-निदेशक, भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना एवं श्रीमती रुबी, निदेशक, सांस्कृतिक कार्य निदेशलय, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
मेघ मल्हार उत्सव में भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना में संचालित विभिन्न विद्याओं-गायन, वादन, नृत्य जिसमें शास्त्रीय गायन, संगीत रचना विभाग, लोकसंगीत विभाग, तबला वादन विभाग, भरतनाट्यम नृत्य, कथक नृत्य एवं लोकनृत्य विभाग के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं के द्वारा रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत कथक नृत्य शैली पर आधारित शिव वंदना से की गयी । कथक विभाग के शिक्षक श्री कुमार कृष्ण किशोर एवं छात्रा ऋचा सुमन के द्वारा की गयी। इसके बाद शिक्षक श्री शान्तनु राॅय एवं संगीत कुमार पाठक के द्वारा तबला एवं पखावज केमाध्यम से ताल वाद्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में राग मेघ मल्हार पर आधारित संगीत रचना विभाग के शिक्षक श्री अशोक कुमार प्रसाद, द्वारा गायन की प्रस्तुति की गयी।
शिक्षक श्री मनोरंजन ओझा के निर्देशन में लोक संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा लोक परम्परा पर आधारित झूमर, चैहर और कजरीगीत की प्रस्तुति हुई। भगवान शीव को समर्पित नचारी नृत्य की प्रस्तुति भरतनाट्यम विभाग की शिक्षिका श्रीमती सुदीपा घोष द्वारा की गयी ।
वर्षा ऋतु पर केन्द्रित कजरी नृत्य की प्रस्तुति - शिक्षिका श्रीमती सोमा चक्रवर्ती के निर्देशन में लोकनृत्य विभाग की छात्राओं के द्वारा किया गया । 
तिरुवातिराक्कलि केरल में प्रचलित एक अनोखा नृत्य प्रदर्षन है जो शीव के जन्मदिन तिरुवातिरा नक्षत्र के पवित्र दिन में आयोजित किया जाता है। इसका निष्पादन चिर वैवाहिक सुख प्राप्ति हेतु महिलाएँ करती है। यह नृत्य समूह में पारंपरिक केरल की वेषभूषा में सजी महिलाएँ एक गोल घेरे में इस नृत्य का प्रदर्षन करती हैं। नृत्य की गति और स्त्री ऊर्जा की शक्ति इस प्राचीन रिवाज का मूल है। भरतनाट्यम विभाग की शिक्षिका संगीता रमण कुट्टी एवं विभाग की छात्राओं द्वारा भरतनाट्यम नृत्य शैली पर आधारित इस नृत्य की प्रस्तुति की गयी।
कथक विभाग की छात्राओं द्वारा पावस उल्लास की प्रस्तुति की गयी। ध्रुपद गायन की प्रस्तुति शिक्षक श्री विनोद कुमार पाठक ने की तत्पष्चात म्यूजिकल फ्यूजन की प्रस्तुति शास्त्रीय गायन विभाग के शिक्षक श्री बम शंकर मिश्रा के निर्देषन में की गयी।
 संगीत रचना विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रेरणा गीत के साथ पुनः कथक विभाग द्वारा श्री कुमार कृष्ण किशोर के निर्देशन में पद्म श्री पंडित बिरजू महाराज द्वारा रचित तराना की प्रस्तुति छात्राओं द्वारा की गयी।
अंत में सभी शिक्षकों एवं संगत करने वाले कलाकारों को सचिव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग सह-निदशक, भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन श्री सुशांत  कुमार, प्रशासी पदाधिकारी, भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना द्वारा की गयी।
कार्यक्रम में समस्त षिक्षकगण, कर्मचारीगण, अभिभावकगण, आमंत्रित अतिथिगण एवं छात्रगण उपस्थित रहें। मंच का संचालन श्रीमती सोमा चक्रवर्ती, द्वारा किया गया ।

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