कृषि विभाग, बिहार सरकार तथा भारतीय प्रबंध संस्थान, बोधगया के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हुआ हस्ताक्षर
विभागीय पदाधिकारियों का कौशलता प्रबंधन आवश्यक
प्रशिक्षण के बाद पदाधिकारियों में शोध, जिम्मेदारी एवं विश्वसनियता का विकास होगा
- मंगल पाण्डेय
प्रशिक्षण कार्यक्रम से निखरेगा अधिकारियों का प्रबंधन कौशल, कार्य निष्पादन में आएगी तेजी
- संजय कुमार अग्रवाल
(दिनांक 06.08.2024)
माननीय कृषि मंत्री, बिहार श्री मंगल पाण्डेय तथा सचिव, कृषि श्री संजय कुमार अग्रवाल के समक्ष भारतीय प्रबंध संस्थान, बोधगया के निदेशक श्रीमती विनीता एस0 सहाय तथा निदेशक बामेती, पटना श्री धनंजय पति त्रिपाठी द्वारा कृषि विभाग के पदाधिकारियों के बैच के प्रशिक्षण हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। भारतीय प्रबंधन संस्थान, बोधगया के प्रो0 अमित श्रीवास्तव, सह प्राध्यापक तथा बामेती, पटना के श्रीमती शारदा शर्मा, उप निदेशक (कृषि) द्वारा सह हस्ताक्षर किया गया। इस मौके पर निदेशक कृषि श्री मुकेश कुमार लाल, निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, अपर सचिव श्री शैलेन्द्र कुमार सहित विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन कृषि विभाग के सहायक निदेशक/उप निदेशक स्तर के सभी कोटि पदाधिकारियों के क्षमता संवर्धन तथा प्रबंधन कौशल को निखारने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। पदाधिकारियों का प्रशिक्षण का कार्यक्रम बोधगया स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान में कराया जायेगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले दो वर्षों की अवधि में चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जायेगा। प्रशिक्षण के माध्यम से विभाग के 350 पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रत्येक बैच में कुल 30 पदाधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि पदाधिकारियों के प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों के साथ कार्य करने में उनके व्यवहार तथा सोचने की क्षमता, कार्य करने की क्षमता यादि में गुणात्मक परिर्वतन लाना है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के उपरान्त उनके किसानों तथा विभाग के प्रति शोघ, जिम्मेदारी तथा विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होगी, ऐसा मुझे उम्मीद है। उन्होंने पदाधिकारियों को बताया कि यह एक सुनहरा अवसर है कि अपने कार्य पद्धित में सुधार करने का, अपने को व्यवस्थित करने का तथा आप में कुछ नया सिखने का इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
इस मौके पर कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में हर क्षेत्र में प्रबंधन का गुण बहुत जरूरी है। आईआईएम द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम से पदाधिकारियों की दक्षता बढ़ेगी और विभाग की योजनाओं तथा कार्यों में उनके ज्ञान एवं कौशल का सर्वोत्तम उपयोग हो सकेगा।
इसके उद्देश्यों में अधिकारियों में नयी चीजों व नये विचारों को ग्रहण करने, समय और ऊर्जा का प्रबंधन, नवोन्मेष और सुझाव देने योग्य व्यक्तित्व का निर्माण करना शामिल है। अधिकारी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से यह भी सीख सकेंगे कि विभाग और समाज के लाभ और उत्थान के लिए विभिन्न परिस्थितियों में कैसे संसाधनों का उपयुक्त उपयोग और प्रबंधन किया जाता है।
डॉ॰ विनिता एस॰ सहाय, निदेशक, भारतीय प्रबंध संस्थान, बोधगया ने अपने संबोधन में कहा कि बोधगया का भारतीय प्रबंध संस्थान देश का सबसे बड़ा प्रबंध संस्थान है। आज 293 शहरों के बच्चे भारतीय प्रबंध संस्थान, बोधगया में विभिन्न पाठयक्रमों में शिक्षा प्राप्त कर रहे है और यह खुशी की बात है कि 17 प्रतिशत छात्र बिहार के है।
प्रशिक्षण के मुख्य उद्देश्य
अधिकारियों को नवीनतम प्रबंधन तकनीकों, कृषि में नवीनतम खोजों एवं प्रौद्योगिकी, तथा कार्य दक्षता बढ़ाने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यक्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढ़ाना।
परियोजना प्रबंधन और समय प्रबंधन कौशल को सुदृढ़ करना।
डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग तकनीकों में प्रवीणता प्राप्त करना।
जोखिम प्रबंधन और संकट प्रबंधन की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना।
हितधारकों के साथ प्रभावी संवाद और बातचीत कौशल का विकास।
कृषि विपणन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की समझ को गहरा करना।
सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों को लागू करना।
टीम निर्माण और नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित करना।
2. मिथिला मखाना को जी. आई. टैग:-
16 अगस्त, 2022 को मिथिला मखाना को भारत सरकार द्वारा जी. आई. टैग प्रदान किया गया। फलस्वरूप आज बिहार के युवक मखाना के व्यावसायिक मूल्य को समझते हुए इसके उत्पादन, प्रसंस्करण, मार्केटिंग आदि क्षेत्रों में स्वरोजगार अपना रहे हैं।
3. मुट्ठी भर मखाना है, सेहत का खजाना:-
मखाना प्रोटीन, फाइबर एवं कार्बाेहइड्रेट का अच्छा स्रोत है, जबकि इसमें वसा, कॉलेस्ट्रॉल एवं कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसके अलावे इसमें विटामिन एवं आवश्यक पोषक तत्वों जैसे पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम आदि से भरपूर है। आज देश-विदेश में लोग मखाना को सुपरफूड के रूप में अपना रहे हैं।
4. राज्य सरकार की पहल:-
मखाना के आर्थिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के द्वारा मखाना विकास योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत मखाना के उन्नत प्रभेदों के बीज उत्पादन एवं प्रत्यक्षण तथा क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार की पहल से मखाना भण्डारण की भी सहायता वर्ष 2023-24 से मखाना उत्पादकों को दी जा रही है जिसमें भण्डारण इकाई पर 75 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है।
इसी प्रकार, राज्य में बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति अन्तर्गत चयनित 7 सेक्टर्स में मखाना को भी शामिल किया गया है, जिसके अन्तर्गत मखाना प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने हेतु पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है। इस योजना के तहत् व्यक्तिगत निवेशक के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 15 प्रतिशत (प्रोजेक्ट कॉस्ट न्यूनतम 0.25 करोड़ रूपये एवं अधिकतम 5.00 करोड़ रूपये) एवं एफ.पी.सी. (फार्मर्स प्रोड्युसर कंपनी) के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।
मखाना महोत्सव, 2024 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मखाना एवं इसके प्रसंस्कृत उत्पाद एवं निर्यात क्षमता को बढ़ाना है। फलस्वरूप इस महोत्सव में मखाना के प्रगतिशील कृषकों एवं उत्पादक कंपनी, देश एवं राज्य के प्रमुख निर्यातकों, ट्रेडर्स, वैज्ञानिक आदि को आमंत्रित किया गया है।
मखाना विकास की प्रमुख झलकियाँ :-
(1) विभिन्न ग्रेड के मखाना एवं मखाना उत्पाद का प्रदर्शन।
(2) क्रेता-विक्रेता सम्मेलन।
(3) मखाना हार्वेस्टिंग एवं पॉपिंग में मशीन का उपयोग, कीट एवं रोग प्रबंधन, भौगोलिक सूचक रजिस्ट्री के लाभ, आदि पर तकनीकी सत्र।
(4) मखाना के विभिन्न उत्पादों के लिए 20 से अधिक स्टॉल
मखाना महोत्सव, 2024 दो दिनों तक चलेगा, जिसके प्रथम दिन पैनल चर्चा के माध्यम से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जैसे मखाना के उत्पादन में वृद्धि की संभावना, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, यंत्रीकरण, देश के बाजार के लिए बिहार के मखाना की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, वैश्विक पहुंच के लिए बिहार के मखाना की मार्केटिंग रणनीतियों को बढ़ाना आदि। देश के प्रमुख निर्यातक के.एम.एस. एक्सपोर्ट्स, डी.पी. ग्रूप आदि, संस्थागत क्रेता, बिग बास्केट, रिलायन्स, फ्लिपकार्ट, डाबर इंडिया, स्विग्गी आदि भाग लेंगे।
बिहार तथा अन्य राज्यों स्थित कई प्रोसेसर भाग ले रहे हैं। यथा - फार्मले, मिस्टर मखाना, मखाना वर्ल्ड, मखायो, एम.बी.ए. मखानावाला, मिथिला नैचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड, मधुबनी, फार्म-टू-फैक्ट्री, पूर्णिया, कोशिआन्चल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, सुपौल, ऑर्गेनिक सत्त्वा, इत्यादि।
मखाना किसानों को कृषि ऋण की जानकारी सुचारु रूप से प्राप्त हो इसलिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, बिहार द्वारा भी स्टॉल लगाया जा रहा है। खाद्य प्रसंकरण इकाईयों के लिए बिहार सरकार द्वारा दी जा रही सहायताओं की जानकारी साझा करने हेतु उद्योग विभाग, बिहार सरकार द्वारा भी स्टॉल लगाया जा रहा है।
इस्टर्न सेन्ट्रल रेलवे के प्रतिनिधि, इंडिया पोस्ट एवं बिहार स्थित एयरपोर्ट प्रतिनिधि भी भाग ले रहे है।
मखाना व्यंजन प्रतियोगिता के अंतिम चरण का आयोजन भी महोत्सव के प्रथम दिन किया जायेगा जिसमें मखाना से बने भिन्न व्यंजनों जिनका होटल प्रबंधन संस्थान, बोधगया तथा हाजीपुर एवं ताज सिटी के शेफ द्वारा मूल्यांकन किया जायेगा ।
लोगों में सुपरफूड मखाना के औषधीय एवं पोषक गुणों के प्रति आम लोगों के बीच जागरूकता हेतु राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी मखाना महोत्सव के दूसरे दिन भाग ले रहे हैं।
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