श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के शैक्षिक कार्यक्रम में जुटे नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चाएं भी खूब हुई।

श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के शैक्षिक कार्यक्रम में जुटे नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चाएं भी खूब हुई।

पुस्तक और पुस्तकालय हमारी संस्कृति की धरोहर है। विदेशी आक्रांताओं ने गुलामी के कालखंड में देश की धन संपदाओं को लूटने के साथ ही विश्वविद्यालय और पुस्तकालयों को भी निशाना बनाया। नालंदा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उपरोक्त बातें बेगूसराय विधायक कुंदन सिंह ने कही। वे श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के 68वें वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे।  विधायक ने कहा कि बखरी के जागीर गाछी ठाकुरवाङी में अनुमंडलीय अस्पताल तथा डिग्री कालेज की स्थापना को लेकर वे लगातार प्रयासरत रहे,जो अब साकार हो रहा है। 
एसडीएम सन्नी कुमार सौरभ ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता के आयोजन से बच्चों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन के लिए बेहतर मंच मिलता है। उन्होंने अनुमंडलीय अस्पताल के लिए धार्मिक न्याय बोर्ड से भूमि स्वीकृति एवं अन्य योगदान के लिए नगर विधायक की सराहना की।  कार्यक्रम में विषय प्रवेश करते हुए पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष सिधेश आर्य ने कहा कि श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय बखरी के समृद्ध साहित्यिक व बौद्धिक विरासतों की जीवंत आकृति है।  सात दशक पूर्व स्थापित यह पुस्तकालय आज भी   वर्तमान व भावी पीढ़ी के बीच शिक्षा की मशाल थामे खङा है।  बोले, पुस्तकालय प्रबंधन पुस्तकों के बेहतरीन कलेक्शन के साथ ही ई-लाइब्रेरी पर भी काम कर रहा है।  जिला पार्षद अमित कुमार देव ने कहा कि श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय का गौरवशाली अतीत रहा है।  वहीं आर एस एस के जिला संघचालक मनोरंजन वर्मा के अनुसार भावी पीढ़ी को उनकी अपनी संस्कृति से जोङे रखने में पुस्तकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अध्यक्षता करते हुए पुस्तकालय के अध्यक्ष प्रो सुरेन्द्र केसरी ने कहा स्थापना दिवस पखवारा समारोह के दौरान बखरी विधायक सूर्यकांत पासवान से पुस्तकों के बेहतर रखरखाव के लिए  15 लाख की राशि फर्नीचर खरीद हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है। जबकि पुस्तकालय भवन के लिए क्षेत्रीय विधायक सहित विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने भी अपनी सहमति दी है। कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष पवन कुमार सुमन व सह सचिव मो साबिर आलम ने संयुक्त रूप से किया। 
श्रीविश्वबंधु पुस्तकालय के शैक्षिक कार्यक्रम में जुटे नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चाएं भी खूब हुई। विधानसभा सत्र के दौरान विधायक कुंदन सिंह द्वारा बेगूसराय को प्रमंडल बनाने के गैर सरकारी संकल्प की चर्चा करते हुए पूर्व पार्षद सिधेश आर्य ने कहा कि दिनकर विश्वविद्यालय  स्थापना सहित क्षेत्र के विकास के लिए प्रमंडल आवश्यक है। यहां की जनता इस मांग के साथ है। किन्तु विकास से अब तक वंचित बखरी अनुमंडल को जिला में अपग्रेडेशन किये बगैर यह बेमानी साबित होगा। सपा जिलाध्यक्ष दिलीप केसरी ने कहा कि बखरी जिला बनने के सभी अर्हताओं को पूरा करता है। तत्कालीन सीएम जीतन राम मांझी से इस बाबत बखरी का एक प्रतिनिधिमंडल मिला भी था, जिसमें उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया था।  दुर्भाग्य से उनकी सरकार चली गयी। पूर्व मुखिया मनोहर केसरी ने कहा कि अनुमंडल बनने के तीन दशक बाद भी बखरी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कार्यक्रम को उप सभापति ज्ञानती देवी,जद यू नेता जवाहर राय, जयदेव सान्याल,संरक्षक समिति के संयोजक प्रो आनंद चन्द्र झा, नंदलाल पंडित,रामचंद्र केसरी,राजेश अग्रवाल,द्रवेश्वर सहनी,बाइट कम्प्यूटर के निदेशक संजय सिंह, जयशंकर जायसवाल, संतोष भारती गुड्डू, मणीश कुमार, नीरज राय आदि ने भी संबोधित किया।  मौके पर आगत अतिथियों ने विभिन्न प्रतियोगिता के सफल प्रतिभागियों को मोमेंटो व प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत भी किया।

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