*चारू मजूमदार के शहादत के 52 वीं बरसी पर आयोजित की गई छात्र संगोष्ठी*
*चारू मजूमदार की विरासत को आगे ले जाना हमारी जिम्मेदारी*
नक्सलबाड़ी आंदोलन के नायक तथा भारत के बड़े वामपंथी नेता कामरेड चारू मजूमदार के शहादत की 52 वीं बरसी पर छात्र संगोष्ठी आइसा राज्य कार्यालय छज्जूबाग में आयोजित की गई।
संगोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धांजलि दी तथा एक मिनट का मौन रखा गया।
कार्यक्रम का संचालन आइसा बिहार राज्य उपाध्यक्ष नीरज यादव ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटना विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. शोभन चक्रवर्ती ने कहा कि कॉमरेड चारू मजूमदार की विरासत को आगे ले जाना है। हमे इनके संघर्ष और शहादत को याद रखना है।
बिहार राज्य अध्यक्ष प्रीति ने कहा कि आज के सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष ही कॉमरेड चारू मजुमदार की असली विरासत को आगे बढ़ाना है। आज के दौर में संविधान लोकतंत्र की लड़ाई को तेज करना होगा।
राज्य सह सचिव कुमार दिव्यम ने संबोधित करते हुए कहा कि देश में किसान मजदूरों की हक की लड़ाई में कॉमरेड चारू मजूमदार का बड़ा योगदान रहा है। हिन्दुस्तान के वामपंथी आंदोलन के बड़े नायक हैं। बर्बाद होते विश्वविद्यालयों को बचाना हमारी बड़ी ज़िम्मेदारी है। नक्सलबाड़ी के आंदोलन को हमे आगे ले के जाना है।किसानों, मजदूरों, नौजवानों तथा महिलाओं के आंदोलन को गति देनी होगी।
जसम बिहार के उपाध्यक्ष प्रमोद यादव ने शहीद गीत के पेश किया।
आइसा पटना विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष अनिमेष चंदन, आइसा नेता आकाश दीप , गौतम कुमार, ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में आइसा राज्य परिषद सदस्य हेमंत राज, रौशन कुमार, आलोक यादव, पीयूष कुमार, सहित दर्जनों छात्र मौजुद थें।
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