हितैषी हैप्पीनेस होम नशा मुक्ति एवं मानसिक आरोग्य संस्थान में  सेमिनार और जागरूकता अभियान का किया गया आयोजन, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई डॉक्टर बिंदा सिंह

हितैषी हैप्पीनेस होम नशा मुक्ति एवं मानसिक आरोग्य संस्थान में सेमिनार और जागरूकता अभियान का किया गया आयोजन, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई डॉक्टर बिंदा सिंह

अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निषेध दिवस 26 जून के अवसर पर हितैषी हैप्पीनेस होम, नशा मुक्ति एवं मानसिक आरोग्य संस्था में एक सेमिनार और जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया।
आज के दिन हितैषी हैप्पीनेस होम के 17 वर्ष पूरे होने पर स्थापना दिवस भी मनाया गया।

इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि डॉ बिंदा सिंह ने दीप जलाकर विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इसके प्रति कड़ा कानून व्यवस्था लागू करने और उचित तरीके से स्वास्थ्य के प्रति सहयोग देने की बात कही। बच्चों का स्कूल में ड्रग टेस्ट अनिवार्य करने की भी बात कही। उन्होंने हितैषी के 17 बर्ष पूरे होने पर बधाई दी और इसी तरीके से समाज सेवा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि और राज्यों की तुलना में बिहार में नशा का सेवन कम है, फिर भी यह तेजी से फैल रहा है। इसके रोकथाम के लिए जो भी कदम होगा सरकार उठाएगी।

हितैषी हैप्पीनेस होम के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ विवेक विशाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय द्वारा वर्ष 2024 के लिए चुना गया विषय है: “साक्ष्य स्पष्ट है: रोकथाम में निवेश करें।”नशे का व्यापार आर्म्स के व्यापार के बाद इसका सबसे बड़ा कारोबार है। उन्होंने कहा कि आज नशे को लोग फैशन और प्रचलन के रूप में ले रहे हैं। कई तरह के मानसिक और शारीरिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। आने वाले समय में यह इतना विकराल रूप ले लेगा कि स्वास्थ्य मनुष्य के रूप में लोगों को पहचान पाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद अन्य प्रकार का नशा जैसे स्मैक, गांजा, भांग, गुल, इंजेक्शन, कोकेन, आयोडेक्स, पेट्रोल, डीजल और नशीली दवाइयों का प्रचलन बढ़ रहा है। यदि सही तरीके से इलाज हो तो, से मुक्ति मिल सकती है।लोगों को जागरूक करने की बहुत आवश्यकता है ।ख़ासकर इसमें मीडिया का रोल बहुत महत्वपूर्ण है ।स्कूल ,कॉलेज और विभिन्न संस्थाओं में जागरूकता अभियान भी बहुत ज़रूरी है ।
इस अवसर पर कोइलवर मानसिक अस्पताल के पूर्व सुपरिटेंडेंट और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केपी शर्मा ने कहा कि नशा समाज की नींद को खोखला कर रहा है, उन्होंने बताया कि 1.4 मिलीयन बच्चों की मृत्यु जो कि 10-14 वर्ष के हैं, कारण शराब और अन्य नशीले पदार्थ होते हैं। उनमें HIV/AIDS होने की संभावना भी अधिक होती है। डॉ० बिंदा सिंह जो कि जानी मानी मनोवैज्ञानिक है कोमा उन्होंने कहा कि नशा से व्यवहारिक और परिवारिक जीवन बिखर रहा है। नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा ही मादक पदार्थ का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव कोमा प्रेम संबंध कोमा दो पत्ते जीवन व तलाक आदि के कारण महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार हैं। इसके लिए काउंसलिंग और उचित उपचार जरूरी है। जिससे संघात्मक गलतियों को दूर कर नई सोच समझ को विकसित किया जा सके।
इस अवसर पर हितैषी हैप्पीनेस होम की निदेशक सुमीता शर्मा ने कहा कि पारिवारिक माहौल का अच्छा होना,अभिभावक का अपने बच्चों से खुलकर बात करना बहुत ज़रूरी है ।हितैषी हैप्पीनेस होम के द्वारा राज्य स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा जिसने प्रशासन और मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है ।
इस अवसर पर डॉक्टर राकेश कुमार ,मानसिक रोग विशेषज्ञ ने बताया कि हर 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय निरोधक दिवस मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थ के निवारण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थ का सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने उदेस्य से इसे मनाया जाता है। नशा एक ऐसी बीमारी है जो की युवा पीढ़ी को मगर अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है।

• दुनिया में करीब 30 करोड़ ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। 
• हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है।
• कोरोना महामारी का नशीले पदार्थों की तस्करी पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, नशीली दवाओं से संबंधित विकारों के उपचार की मांग काफी हद तक पूरी नहीं हुई है। 2021 में नशीली दवाओं से संबंधित विकारों से पीड़ित पाँच में से केवल एक व्यक्ति ही नशीली दवाओं के उपयोग के लिए उपचार में था, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उपचार तक पहुँच में असमानताएँ बढ़ रही हैं। युवा आबादी नशीली दवाओं के उपयोग के लिए सबसे अधिक संवेदनशील है और कई क्षेत्रों में पदार्थ उपयोग विकार से भी अधिक गंभीर रूप से प्रभावित है।
रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, रोकथाम और उपचार सेवाओं तक पहुँच को दुनिया भर में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, अन्यथा नशीली दवाओं की चुनौतियाँ और अधिक लोगों को पीछे छोड़ देंगी। रिपोर्ट में कानून प्रवर्तन प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता को और भी रेखांकित किया गया है ताकि चुस्त आपराधिक व्यापार मॉडल और सस्ते सिंथेटिक दवाओं के प्रसार के साथ तालमेल बनाए रखा जा सके जिन्हें बाजार में लाना आसान है।
अवसर पर डॉ शिवम् सुनील ,मानसिक रोग विशेषज्ञ ने कहा की भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुटका, पान मसाला किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व में धूम्रपान करने वाले लोगों की 12% आबादी भारत में है, तंबाकू से संबंधित बीमारियों से लगभग 50 लाख लोग प्रतिवर्ष मारे जाते है। जिनमें करीब डेढ़ लाख महिलाएं हैं। उन्होंने बताया की आज 7.5% लोग मानसिक बीमारी से ग्रसित और 15% लोग न्यूरोलॉजिकल बीमारी से ग्रसित है, जिसका कारण नशा का दुरुपयोग है, और मादक पदार्थ के सेवन से मस्तिष्क के महत्वपूर्ण अंग एवं न्यूरोट्रांसमीटर डोपालिन एवं सेरोथेनिन पर गहरा असर पड़ता है ।
इस अवसर डॉ० अमृता मिश्रा ने बताया कि युवा बच्चे और महिलाएं सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से गुल, स्मैक, ब्राउन शुगर, गांजा, भांग, सिगरेट, इंजेक्शन एवं अवैधा नशीली दवाइयों का दुरुपयोग कर रहे है, जिसकी वजह से महिलाओं में अवसाद 47%, चिंता संबंधी बीमारी 55%, दर्द संबंधी बीमारी 23%, अनिद्रा 47% हो रही है।

हितैषी हैप्पीनेस होम की सीनियर मनोवैज्ञानिक डॉ० प्रतिभा सिंह ने इसके उपचार एवं बचाव के संबंध में बताया कि आज लोगों को मनोवैज्ञानिक एवं संवेगात्मक रूप से मजबूत बनाना जरूरी है।

मनोवैज्ञानिक कामिनी कुमारी ने छात्रों में बढ़ती नशे के संबंध में बहुत ही आश्चर्यजनक रूप से स्पष्ट किया कि आज 8 क्लास के 61% बच्चे और ट्वेल्थ क्लास के 62% छात्र अल्कोहल के अलावा गुल, व्हाइटनर, थिनर, ब्राउन शुगर, गांजा  आदि का दुरुपयोग कर रहे हैं और उन्हें ग्लानि भी नहीं होती है।
इस अवसर पर यहाँ पर भर्ती लोगों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया ।

इस अवसर पर डॉ ब्रिज भूषण ,डॉ माधवेन्द्र  सिन्हा ,मनोवैज्ञानिक नुसरत बानो, आराधना, पूजा, नीरू, भी इसमें सामिल हुए और उत्साहवर्धक रूप से इस कारगर बताने की कोशिश की।
इस अवसर पर हितैषी में नशे से पीड़ित लोगों के लिए मुफ़्त काउंसलिंग की व्यवस्था भी की गई |डॉ बिंदा सिंह ,डॉ अमृता मिश्रा ,डॉ प्रतिभा सिंह ,कामिनी कुमारी ,नीरू कुमारी ,आराधना कुमारी और गुड़िया कुमारी ने ३५ लोगों की काउंसलिंग की।
इस अवसर पर ये भी निर्णय लिया गया कि स्कूल ,ऑफिस ,और विभिन्न संस्थाओं में नशे की रोकथाम के लिए कैम्प भी लगाये जाएँगें ।

अंत में हितैषी हैप्पीनेस होम की कार्यकारी निदेशक सुमीता शर्मा ने सबों का धन्यवाद ज्ञापन  किया।

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