*एक पीढ़ी से दूसरी पीढी तक चलनी वाली सुजनी केवल कला नहीं , संस्कृति का भी हिस्स्सा - श्री विजय कुमार चौधरी*
कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सौजन्य से स्वास्ति सेवा समिति के द्वारा सुजनी प्रदर्शनी का माननीय मंत्री शिक्षा श्री विजय कुमार चौधरी ने किया उद्घाटन
पटना/ 24 फ़रवरी 2024
आज राजधानी के ललित कला अकादमी में "सीबे सजयबै साथे-साथ" सुजनी कला की प्रर्दशनी का उद्घाटन माननीय मंत्री शिक्षा विभाग, बिहार सरकार श्री विजय कुमार चौधरी के द्वारा पहले फीता काट कर प्रदर्शनी दीर्घा का उद्घाटन किया गया । साथ ही दीप प्रज्वालित कर 6 दिनों तक चलने वाले इस समारोह का भी उद्घाटन किया । इस अवसर पर स्वास्ति सेवा समिति के अध्यक्ष श्री उज्ज्वल चौधरी, श्रीमती रूबी, निदेशक, ( सांस्कृतिक कार्य निदेशालय), स्वस्ति सेवा समिति के महिला ईकाई की अध्यक्ष श्रीमती अनिता चौधरी, विशेष कार्य पदाधिकारी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग श्रीमती पुण्य तरु एवं अन्य गणमान्य उपस्थिति भी उपस्थित रहें ।
अपने संबोधन में माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम को देख कर मुझे अद्भुत ख़ुशी हो रही है मुझे सचमुच नहीं लग रहा ही की केवटा, समस्तीपुर में नहीं, पटना में हूँ । सुजनी की विशेषता है कि यह आवश्यकता और पुन उपयोग चीजों के से निकली हुई ऐसी कला या ऐसा उत्पाद है जो उपयोगिता के मामले में बेमिसाल है । सुजनी को मैं सिर्फ एक कला के रूप में नहीं देखते हमने सुजनी की जिंदगी भी देखी है, स्वयं उसका प्रयोग किया है । यहां जो प्रदर्शनी लगी है उसकी बुनियाद, उसका जुड़ाव केवटा से है इसलिए हमारे लिए तो यह प्रसन्नता की बात है । बच्चों के जन्म से लेकर शादी तक बनने वाली इस सुजनी केवल एक प्रक्रिया या आवश्यकता नहीं बल्कि हमारे संस्कृति का हिस्सा भी है और यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली आ रही है ।
स्वस्ति सेवा समिति के अध्यक्ष श्री उज्ज्वल चौधरी ने कहा कि यह प्रदर्शनी हर घर के हर गांव के हर आंगन की कहानी है, हमारी कोशिश यह रही है कि स्वस्ति सेवा समिति के द्वारा वह कहानी यह कला आपके सामने लाई जा सके । यहाँ कला न केवल इन महिला कलाकारों के प्रेम और तन्मन्यता की कहानी है बल्कि उनके बच्चों के साथ जुड़ाव सब कुछ दर्शाता है ।
स्वस्ति सेवा समिति की महिला इकाई की अध्यक्ष श्रीमती अनीता चौधरी ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज प्रदर्शनी में जो भी आपने देखा है वह कृतियां पिछले कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद हमारी महिलाओं ने तैयार किया है । 29 फ़रवरी तक चलने वाले इस आयोजन में परंपरा, सांस्कृतिक स्मृति और पहचान पर 24 और 25 फ़रवरी को परिचर्चा, सूफी और भक्ति कवियों की रचनाएं और कथाएं : झीनी चदरिया का प्रदर्शन, धागों के माध्यम से कहानियां और प्रदर्शनी सहित कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे । इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर सुश्री उन्नति चौधरी हैं । उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन भी किया ।
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