किसानों के दुर्दशा का मुख्य जिम्मेवार केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कारपोरेट प्रस्त नीतियां हैं:- उमेश सिंह

किसानों के दुर्दशा का मुख्य जिम्मेवार केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कारपोरेट प्रस्त नीतियां हैं:- उमेश सिंह

 

* पटना जिला सहित सम्पूर्ण दक्षिण बिहार को सरकार सुखाड़ ग्रस्त घोषित करे सरकार ।

बेदौली , मसौढ़ी , 30 जुलाई 2023

  आज अखिल भारतीय किसान महासभा के मसौढ़ी प्रखंड सम्मेलन मसौढ़ी प्रखंड के बेदौली ग्राम में संपन्न हुआ । सम्मेलन में पूरे मसौढ़ी प्रखंड से 120 किसान प्रतिनिधि मौजूद थे । 

सम्मेलन की अध्यक्षता श्याम नारायण यादव, जनक देव सिंह और देवेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से किया। संचालन श्री भगवान सिंह ने किया ।

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए किसान महासभा के राज्य सचिव कॉमरेड उमेश सिंह ने कहा कि आप ऐसे वक्त में सम्मेलन कर रहे हैं जब हम किसान सबसे अधिक संकट में हैं।हम किसानों की दुर्दशा का मुख्य कारण केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की कारपोरेट प्रस्त नीतियां हैं। केंद्र सरकार ने हमारे ऐतिहासिक आंदोलन के साथ विश्वासघात किया है ।एम एस पी पर नकली सरकारी कमिटी बना दी गई। और गुपचुप तरीके से कृषि भूमि अधिग्रहण कानून  2013 में संशोधन कर हमारे खेतों को विभिन्न सरकारी गैर सरकारी योजनाओं के नाम पर औने पौने भाव में बल पूर्वक लूट जारी है ।वन अधिकार कानून 2006 में संशोधन कर जंगल से आदिवासियों और रहवासियों को उजाड़ने व कारपोरेट को सौंप देने कि कोशिश जारी है । 

मणिपुर जल रहा है सैंकड़ों लोग अब तक मारे जा चुके हैं।हजारों हजार घरों को आग के हवाले कर दिया गया है हजारों हजार लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। महिलाओं को नंगा कर घुमाया जा रहा है जो पूरे मानवता को कलंकित करने वाली घटना है फिर भी सरकार जवाब नही दे रही है क्योंकि केंद्र और मणिपुर के भाजपा सरकार द्वारा यह कुकृत्य किया जा रहा है ।

 बिहार कभी सुखाड़ तो कभी बाढ़ से तबाह होता है फिर भी सरकार इसकी समुचित प्रबंध नही करती है ।आज फिर बिहार सुखाड़ के आगोस में है सरकार सिर्फ डीजल सब्सिडी की घोषणा कर निश्चिंत हो ली।जबकि इसके मद्देनजर अविलंब बिहार को सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करते हुए अविलंब किसान मजदूरों और पशुओं के लिए राशन और चारा का प्रबंध करें, 6 महीना तक मालगुजारी और किसी भी प्रकार के कर्ज की वसूली पर रोक लगे ।

दूसरी ओर पचास वर्ष पुरानी  पुनपुन नदी पर हामिद नगर परियोजना का नया सर्वे हो ,और पटना जिला में पुन पुन शाख नहर परियोजना पटना जिला से वापस हो चुकी यह पटना जिला के लिए अनुपयोगी है चुकी इस नहर प्रणाली से पटना जिला में सिंचाई नही होगी ।इसके जगह पर हम पुनपुन नदी को तिशखोरा में बांध कर आहर पाइन पद्धति से हमारी खेतों की सिंचाई का प्रबंध हो । आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया ।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि पटना जिला सचिव कॉमरेड कृपा नारायण सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यक्रमों  को  सफल बनाने के अपील के साथ बताया कि 9 अगस्त 2023 को किसानो से पटना चलने का आह्वान करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर " एम एस पी - खाद्य सुरक्षा - कर्ज मुक्ति"  के अतिरिक्त 24 मांगों को लेकर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन को सफल करना है। इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य नारा होगा " कारपोरेट खेती छोड़ो - खेती बचाओ - किसान बचाओ - देश बचाओ " होगा । 15 अगस्त 2023 को हम सभी चट्टी बाजारों पर राष्ट्रीय झंडा फहराने के उपरांत " संविधान बचाओ - लोकतंत्र बचाओ - देश बचाओ " नारे के साथ आजादी मार्च निकाले जायेंगे । इन कार्यक्रमों में किसानो को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए ।साथ ही  24अगस्त 2023 को दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में किसानो मजदूरों सम्मेलन  में भी पटना जिला से एक सौ से अधिक किसानों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना है । 

सम्मेलन को भाकपा माले के जिला कमिटी सदस्य कॉमरेड नागेश्वर पासवान ने भी संबोधित किया ।

सम्मेलन में बिदाई कमिटी के सचिव शशि यादव ने एक वर्ष के काम काज का रिपोर्ट पेश किया जिस पर 15 किसान प्रतिनिधियों ने बातें रखी ।

सम्मेलन के अंत में कॉमरेड निरंजन बर्मा के प्रयवेक्षण में 17 सदस्यों की प्रखंड परिषद का चुनाव हुआ जिसके अध्यक्ष श्रीभगवान सिंह और सचिव शशि यादव चुने गए । विटेसर यादव उपाध्यक्ष और सत्यनारायण सिंह उपसचिव चुने गए । ललन यादव, अवधेश यादव, सच्चिदानंद यादव, सुरेश सिंह, श्याम नारायण सिंह, मुनारिक यादव, विनोद यादव, श्याम सुंदर यादव, देवेंद्र सिंह (पैक्स अध्यक्ष ), शिया शरण पासवान, सुभाष चौधरी, शेखर यादव, और चिंता देवी सदस्य के रूप में चयनित किए गए ।

सम्मेलन ने व्यापक किसानो को किसान महासभा से जोड़ने का और उनके मुद्दे पर आंदोलन चलाने का संकल्प लिया ।

    

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