याद किए गए महामना मालवीय जी एवं अटल जी

याद किए गए महामना मालवीय जी एवं अटल जी

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 25 दिसम्बर ::

राजधानी पटना के चांदपुर बेला स्थित दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के तत्वावधान में भारत रत्न महामना मदनमोहन मालवीय जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती सह तुलसी पूजन कार्यक्रम श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक चेतना के वातावरण में गरिमापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह आयोजन भारतीय राष्ट्रजीवन की दो महान विभूतियों के स्मरण के साथ-साथ सनातन परंपरा के महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान तुलसी पूजन को समर्पित रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ फाउंडेशन के निदेशक डॉ. राकेश दत्त मिश्र द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा महामना मदनमोहन मालवीय जी एवं अटल बिहारी वाजेपीयी जी के तैल चित्र पर पुष्पार्चन के साथ हुआ। इसके पश्चात विधिविधान से तुलसी पूजन सम्पन्न कराया गया, जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने भक्ति भाव से सहभागिता की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋचा दुबे ने किया। उद्घाटन सत्र में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए संस्था के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि 25 दिसंबर भारतीय इतिहास का अत्यंत गौरवपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन देश ने दो ऐसे महापुरुषों को जन्म दिया जिन्होंने अपने विचारों, कर्म और नेतृत्व से राष्ट्र को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि महामना मदनमोहन मालवीय जी का संपूर्ण जीवन स्वतंत्रता संग्राम, शिक्षा के प्रसार और राष्ट्रनिर्माण के लिए समर्पित रहा। वे महान शिक्षाविद्, पत्रकार और समाज सुधारक थे, जिनका योगदान भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने में अमूल्य है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से उन्होंने देश को ज्ञान और संस्कार की अमर धरोहर दी। उनके त्याग, तप और राष्ट्रभक्ति के कारण ही देश ने उन्हें ‘महामना’ की उपाधि दी और भारत रत्न से सम्मानित किया।

अटल बिहारी वाजपेयी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि वे केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि संवेदनशील कवि, प्रखर वक्ता और दूरदर्शी राष्ट्रनायक थे। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश को विकास, सुशासन और आत्मविश्वास की राह पर आगे बढ़ाया। चाहे पोखरण परमाणु परीक्षण हो, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना हो या विदेश नीति में संतुलन, हर क्षेत्र में उनके निर्णय आज भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने यह भी सिद्ध किया कि गठबंधन की सरकारें भी स्थायित्व और प्रभावशीलता के साथ देश का नेतृत्व कर सकती हैं।

तुलसी पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कोषाध्यक्ष प्रेम सागर पाण्डेय ने कहा कि तुलसी भारतीय संस्कृति में केवल एक पौधा नहीं, बल्कि आस्था, आरोग्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। तुलसी पूजन से सकारात्मक वातावरण बनता है, मानसिक शांति प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव मजबूत होता है।

कार्यक्रम में संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भी महामना मालवीय जी, अटल बिहारी वाजपेयी जी और तुलसी पूजन के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। अंत में आभार ज्ञापन करते हुए श्रीमती सुनीता पाण्डेय ने कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाता है कि महान विभूतियों के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।
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