ब्रेस्ट कैंसर से बचाव संभव, जागरूकता ही है सबसे बड़ा हथियार : पारस एचएमआरआई

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव संभव, जागरूकता ही है सबसे बड़ा हथियार : पारस एचएमआरआई

• पारस एचएमआरआई में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
पटना।
ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल और कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी की ओर से शुक्रवार को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी केंद्र की सेविकाएं, अलाय फातिमा हई कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्राएं, जे.डी. वीमेन्स कॉलेज की छात्राएं, एनएसएस की टीम सहित करीब 300 महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के *अध्यक्ष डॉ. अहमद अब्दुल हई* ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों की पहचान बेहद जरूरी है। यदि ब्रेस्ट या कांख में दर्दरहित कड़ी गांठ महसूस हो, त्वचा के रंग में बदलाव आए या स्तन से स्राव दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से मैमोग्राफी करवानी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के सचिव और पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी *विभागाध्यक्ष डॉ. शेखर केस* री ने बताया कि “ब्रेस्ट कैंसर का इलाज पूरी तरह संभव है, यदि इसका पता शुरुआती चरण में लगाया जाए।” उन्होंने कहा कि समय पर जांच और नियमित स्क्रीनिंग से महिलाओं की जान बचाई जा सकती है। डॉ. केसरी ने यह भी बताया कि स्तनपान कराने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी कम होता है  और महिलाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के पोस्ट-मेनोपॉज़ल हार्मोन रिप्लेसमेंट नहीं कराना चाहिए। उन्होंने चेताया कि हर 9 में से 1 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के खतरे में होती हैं  इसलिए जागरूकता ही सबसे बेहतर बचाव है।
पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि आज स्क्रीनिंग और मैमोग्राम जैसी जांचें सुलभ और किफायती हो चुकी हैं, इसलिए महिलाओं को संकोच छोड़कर जांच करवानी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान पारस एचएमआरआई के डॉ. आर.एन टैगोर, डॉ. वेद प्रकाश,  डॉ. मोसर्रत शाहीन,  डॉ. हरिहर नाथ तिवारी, डॉ. स्मिता सिंह, जस्टिस समरेन्द्र प्रताप सिंह, शशांक शेखर एंव डीबी गुप्ता ने ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े सभी पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
*पारस एचएमआरआई के बारे में* 
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। इस अस्पताल की बेड क्षमता 400 से ज्यादा की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं साथ ही 2 LINAC मशीन एंव PET-CT की सुविधा भी उपलब्ध है।

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