बिहार को मिला पहला कौशल विश्वविद्यालय, पीएम मोदी ने किया “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” का भव्य उद्घाटन

बिहार को मिला पहला कौशल विश्वविद्यालय, पीएम मोदी ने किया “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” का भव्य उद्घाटन

*पटना में 4000 युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरण, अगले पाँच साल में 1 करोड़ रोजगार का संकल्प*

पटना, 4 अक्टूबर 2025 : देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के पहले कौशल विश्वविद्यालय “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” का भव्य उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर संकल्प, 1 अण्णे मार्ग, पटना से मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री पंचायती राज सह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग श्री ललन सिंह, संसदीय कार्य एवं जल संसाधन मंत्री, बिहार सरकार श्री विजय कुमार चौधरी इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहें। यह विश्वविद्यालय बिहार के युवाओं को आधुनिक कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।

वहीं, पटना के बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में श्रम संसाधन विभाग द्वारा चयनित 4000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। यह नियुक्ति पत्र वितरण बिहार सरकार के रोजगार और स्वरोजगार से युवाओं को जोड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसी के तहत अगले पाँच वर्षों (2025-30) में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर उपस्थित युवाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला।
उक्त अवसर पर बिहार सरकार के कई मंत्रियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ा दिया। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय और श्रम संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी ने बिहार के युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध कराने के संकल्प को दोहराया। कौशल विश्वविद्यालय के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक आनन्द, रजिस्ट्रार श्री राजेश भारती और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।  

विदित हो कि विश्वविद्यालय की परिकल्पना मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के सात निश्चय पार्ट-1 और पार्ट-2 के कौशल विकास कार्यक्रमों को विस्तार देने के उद्देश्य से की गई है। बदलते वैश्विक बाजार और रोजगार परिदृश्य के अनुरूप, विश्वविद्यालय अब उन्नत और प्रासंगिक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देगा। यहाँ न केवल कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि उद्यमशीलता, शोध, व्यावसायिक शिक्षा और नवाचार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

राज्य सरकार का मानना है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना से बिहार के युवाओं की रोजगार क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। साथ ही, यह विश्वविद्यालय राज्य भर के कौशल विकास संस्थानों को संबद्धता प्रदान करेगा, परीक्षाएँ आयोजित करेगा और विद्यार्थियों को उपाधियाँ देगा। इससे बिहार के युवाओं को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाया जा सकेगा।
श्रम संसाधन विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण राज्य सरकार की रोजगार नीति का ठोस उदाहरण है। अगले पाँच वर्षों में नौकरी और रोजगार के अवसर तलाशने और नीति निर्माण के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। यह कदम बिहार को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है, जिसका लाभ सीधे राज्य की युवा आबादी को मिलेगा।

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