पटना जिला में "स्वच्छोत्सव" थीम पर 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2025 तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा का आयोजन होगा
जिलाधिकारी ने की लोगों से स्वच्छता मानकों को व्यवहार में लाने की अपील
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पटना जिला में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा हैः जिलाधिकारी
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पटना, बुधवार, दिनांक 17.09.2025:
जिला पदाधिकारी, पटना द्वारा आज पटना समाहरणालय से स्वच्छता ही सेवा अभियान-2025 का शुभारंभ किया गया। इसका थीम "स्वच्छोत्सव" है। ज़िलाधिकारी, पटना द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि तिथिवार गतिविधि करते हुए सार्वजनिक स्थल जैसे बस स्टैंड, हार्ट बाजार, रेलवे स्टेशन, सांस्कृतिक एवं पर्यटक स्थल की साफ-सफाई कराते हुए, IMIS Potal पर अद्यतन करेंगे। विभिन्न माध्यमों से स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के मूल उद्देश्यों के बारे में लोगों को अवगत कराएं, समुदायों को जागरूक करें तथा सभी लोगों को अपने घर के साथ-साथ आस-पास के स्थलों को भी स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करें। साथ ही लोगों से भी स्वच्छता मानकों को व्यवहार में लाने की अपील की गई है।
ज़िलाधिकारी द्वारा स्वच्छता पखवाड़े के आयोजन हेतु किए जाने वाले गतिविधियों एवं तैयारियों की समीक्षा भी की गयी। इस बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी, निदेशक डीआरडीए, जिला समन्वयक, जिला सलाहकार, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, अन्य जिला-स्तरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे। ज़िलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा 2025 के आयोजन के संबंध विभाग से जिला को विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त है। सभी अधिकारियों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत कैलेण्डर के अनुसार विभिन्न कार्यक्रमों का पूरे जिला में आयोजन किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अध्यापकों, मीडिया, जीविका दीदियों, आशा दीदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं, विकास मित्रों, स्वयं सेवी संस्थाओं सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के सक्रिय सहयोग से लोगों को सम्पूर्ण स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के विभिन्न घटकों के लिए वृहत स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य :-
*स्वच्छता (ODF PLUS) के प्रति जन आंदोलन के रूप में स्वच्छता को बढ़ावा देना,
*नागरिकों, संस्थानों और प्रशासन के सभी स्तरों की भागीदारी सुनिश्चित करना,
*संपूर्ण स्वच्छता के स्थायित्व की दिशा में सामूहिक प्रयास करना।
स्वच्छता ही सेवा-2025 अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रम के प्रमुख पांच स्तम्भ निम्नवत है :-
1. लक्षित स्वच्छता इकाई (Cleanliness Target Unit / CTUs) की पहचान व सफाई द्वारा रूपांतरण।
2. सार्वजनिक स्थलों की सफाई।
3. स्वच्छता मित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन कर स्वच्छता कर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ दिलाना।
4. स्वच्छ एवं हरित उत्सवों (Clean) का आयोजन, जिसके अंतर्गत पूजा एवं उत्सवों को ‘प्लास्टिक मुक्त एवं शून्य अपशिष्ट आयोजन' (Zero Waste Event) बनाने पर बल प्रदान करना।
5. स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता हेतु अभियानों का संचालन एवं नागरिक सहभागित्ता सुनिश्चित करना।
पटना जिला में आयोजित होने वाली प्रमुख गतिविधियाँ:-
1. लक्षित स्वच्छता इकाई (Cleanliness Target Unit / CTUs) की पहचान व सफाई द्वारा रूपांतरण के तहत प्रति ग्राम पंचायत न्यूनतम 3 CTUs का चयन कर वर्षों पुराने कचड़े के ढेर की सफाई की जायेगी।
2. हर प्रखण्ड में स्वच्छोत्सव:- जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी एवं प्रखण्ड स्तर पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्वच्छोत्सव का आयोजन किया जायेगा। इसमें जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों, मुखिया, स्वच्छता चैंपियन, समुदाय द्वारा प्रतिभाग अपेक्षित है। स्थानीय कलाकारों एवं युवाओं द्वारा आधारित सास्कृतिक कार्यक्रम, स्वच्छता रंगोली, स्वच्छता चैंपियन सम्मान समारोह, श्रमदान इत्यादि आयोजित किया जाएगा।
3. सफाई मित्र सुरक्षा शिविर:- स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण/लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अतर्गत घर-घर से कचड़ा उठाव एवं साफ-सफाई में योगदान देने 5 हजार स्वच्छता कर्मियों के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण शिविर तथा सामाजिक सुरक्षा की विविध योजनाओं से लाभान्वित कराया जाएगा।
4. स्वच्छ व हरित त्यौहार:- नवरात्र पर्व स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा की अवधि में आ रहा है। नवरात्र पूजा पंडालों एवं मंदिरों, मेला परिसर व अन्य उत्सवों में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर रोकथाम, स्वच्छ, 'हरित कचड़ा विहीन उत्सव (Zero Waste Celebration) आयोजन करने हेतु पूजा समितियों को निदेश एवं समन्वय तथा दीपावली एवं छठ तक इसका विस्तारीकरण किया जाएगा।
5. परिसंपत्तियों का सौंदर्यीकरण एवं “एक दिया स्वच्छता के नाम”:- स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण परिसंपत्तियो यथा- कचड़ा प्रबंधन इकाई (डब्ल्यूपीयू), "प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई" (PWMU), गोबरधन इकाई इत्यादि की साफ-सफाई, टूट-फूट की मरम्मत एव सौंदर्यीकरण कराने पर बल प्रदान किया जायेगा। इसे स्वच्छता गतिविधियों के केन्द्र बिंदु के रूप में स्थापित कर स्वच्छता चौपाल का आयोजन कर लोगों को यहाँ एक दिया स्वच्छता के नाम जलाने हेतु उत्प्रेरित किया जायेगा।
6. दिनांक 25 सितम्बर, 2025 को राष्ट्रव्यापी "एक दिन, एक घंटा, एक साथ" श्रमदान का आयोजन किया जायेगा।
7. जीविका आधारित संवाद:- जीविका के समुदाय आधारित संगठनों में आयोजित बैठकों में संपूर्ण स्वच्छता संबंधित आदतें यथा-शौचालय का नियमित उपयोग, हाथ धुलाई, घर में सूखा-गीला कचड़ा अलग-अलग करना, गीला कचड़ा एवं घर से निकलने वाले धूसर जल का उचित निष्पादन, उपयोगिता शुल्क देने इत्यादि पर चर्चा करायी जायेगी।
8. गंगा ग्रामों में गंगा उत्सव।
9. स्थानीय अभिनेता, सेलिब्रिटी, लोक गायक-गायिकाओं, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को अभियान से जोड़ना एवं इनके स्वच्छता संदेशो के विडियो को सोशल मीडिया हैंडल पर साझा करना।
10. पारंपरिक माध्यम यथा-अखबार एवं स्थानीय टीवी, यू-ट्यूब चैनल, लोक माध्यम एवं सोशल मीडिया द्वारा प्रचार-प्रसार।
11. दिनांक 02 अक्टूबर, 2025 को स्वच्छ भारत मिशन का आयोजन कर स्वच्छता ही सेवा 2025 तथा गांवों को ओडीएफ प्लस बनाने में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को सम्मानित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमारी राज्य सरकार द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान एवं सात निश्चय के तहत कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में भी इस क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। विगत 10 वर्षों में 5.15 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण हुआ है। भूमिहीन परिवारों एवं अस्थायी आबादी के लिए अबतक 156 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया गया है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के तहत घर-घर से ठोस अपशिष्ट का उठाव, संग्रहण एवं निष्पादन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, धूसर जल एवं मलिन जल का समुचित निष्पादन तथा मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन संबंधी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट के समुचित निष्पादन हेतु अभी तक 222 ग्राम पंचायतों में कचड़ा प्रबंधन इकाई (डब्ल्यूपीयू) का निर्माण किया जा चुका है। ग्राम पंचायतों में निर्मित अपशिष्ट प्रसंस्करण केन्द्रों पर अबतक 17,7560 किलोग्राम जैविक खाद का निर्माण किया गया है जिससे स्थानीय किसान लाभांवित हो रहे हैं। तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु पटना जिला में 7,697 से अधिक सामुदायिक सोकपिट का निर्माण किया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव की समस्या को दूर करने एवं सुचारू तरल कचड़ा प्रबंधन के लिए 6,256 से अधिक जंक्शन चैम्बर, 2,062 से अधिक नाली आउटलेट प्वाईंट का निर्माण कराया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट के समुचित निष्पादन हेतु प्रखंड/अनुमंडल स्तर पर 9 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण किया गया है जहाँ 25,553 किलोग्राम प्लास्टिक कचड़े को प्रसंस्कृत किया गया है। कृषि एवं पशु अपशिष्ट के निपटान हेतु जिला स्तर पर बायोगैस उत्पादन के लिए गोबर-धन योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत धनरूआ में एक गोबरधन इकाई का निर्माण किया गया है। मलयुक्त कीचर प्रबंधन के लिए जिला में तीन फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में सम्पूर्ण स्वच्छता की काफ़ी बेहतर स्थिति है। यहाँ 1,105 गाँव समुदाय द्वारा ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया गया है। गाँवों में सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों एवं घर-घर से कचड़े का उठाव, साफ-सफाई इत्यादि सुविधाओं की निरंतरता के लिए लोग स्वेच्छा से उपयोगिता शुल्क दे रहे हैं। पटना जिला में अबतक 110 लाख रुपये से अधिक की उपयोगिता शुल्क की राशि संग्रहित की गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों का मूल प्रयोजन लोगों में स्वच्छता के विषय में जन-जागरूकता फैलाना, उसके महत्व को बताना तथा आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित करना है। एक अध्ययन के मुताबिक खुले में शौच के उन्मूलन से शिशु मृत्यु दर में काफी तेजी से गिरावट आई है। देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 60 से 70 हजार शिशुओं की जान बचायी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार विशेष अभियान चला जा रहा है। पखवारा के दौरान सम्पूर्ण स्वच्छता अंतर्गत व्यापक स्तर पर कचड़ा मुक्ति अभियान, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर, स्वच्छ व हरित त्योहार, सांस्कृतिक उत्सव इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हम सबके व्यवहार में आना चाहिए कि अपने आस-पास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखें। सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी न फैलाएं। स्वच्छता के मानकों का पालन करें। अगर हम सभी लोग इन चीजों का ख्याल रखेंगे तो हमारा गाँव, शहर, राज्य एवं पूरा देश स्वच्छ रहेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी लोग इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लें, स्वयं भी स्वच्छता अभियान में योगदान दें तथा लोगों को ऐसा करने के लिए जागरूक भी करें।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न विभागों एवं संगठनों यथा पंचायती राज, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईपीआरडी, आईसीडीएस, जीविका, मनरेगा, नेहरू युवा केन्द्र इत्यादि के जिला के पदाधिकारियों को आपस में सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद स्थापित रखने का निदेश दिया गया है। इन सभी विभागों के जिला-स्तरीय पदाधिकारीगण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए विविध कार्य करेंगे। जिला स्तर पर उप विकास आयुक्त, अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी तथा प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि पखवाड़ा के तहत गाँवों एवं सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई अभियान, एक दिया स्वच्छता के नाम, गंगा ग्रामों में गंगा उत्सव, दिवाल चित्रण, स्वच्छता चौपाल इत्यादि गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इसके माध्यम से समुदायों को अपने गाँव को ओडीएफ प्लस मॉडल बनाने के लिए जन-भागीदारी, अपशिष्ट प्रबंधन के उपायों को अपनाने एवं उपयोगिता शुल्क दिए जाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान ग्राम पंचायत स्तरों पर सामुदायिक अभियान चलाया जाएगा, विद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रभात फेरी निकाली जाएगी तथा महत्वपूर्ण स्थलों पर श्रमदान के माध्यम से स्वच्छता संदेशों को प्रचारित किया जाएगा। अभियान के तहत प्रखंड विकास पदाधिकारियों, प्रखंड समन्वयकों एवं प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधकों जीविका की स्वच्छता लक्षित इकाइयों (सीटीयू) को आपसी समन्वय से स्वच्छ करने का निदेश दिया गया है। पंचायतों, प्रखंडों एवं अनुमंडलों में खेल-कूद प्रतियोगिता, मैराथन इत्यादि का आयोजन किया जाएगा। स्वच्छता का संदेश देते हुए रंगोली, स्वच्छ गाँव प्रतियोगिता, मानव श्रृंखला का निर्माण, कचड़ा से कला इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अभियान के दौरान विभिन्न मानकों पर बेहतर कार्य करने वालांे को 02 अक्टूबर, 2025 को पुरस्कृत किया जाएगा।
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