
गया में बनेगा पूर्वी भारत का अत्याधुनिक औद्योगिक नगर, ₹1339 करोड़ की परियोजना के तहत EPC निविदाएं जारी
बिहार सरकार और भारत सरकार की संयुक्त पहल के अंतर्गत गया जिले के डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) की स्थापना की जा रही है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (AKIC) के अंतर्गत राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास एवं कार्यान्वयन ट्रस्ट (NICDIT) द्वारा संचालित राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) का हिस्सा है।
माननीय उद्योग मंत्री श्री नीतीश मिश्रा ने गहरी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार जताया और कहा कि आज बिहार के लिए उनका देखा गया सपना पूर्ण होता दिख रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्वीकृति में थोड़ी देरी अवश्य हुई, लेकिन अब यह परियोजना पूरी गति से आगे बढ़ रही है और शीघ्र ही इसका परिणाम धरातल पर दिखेगा
इस परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL) को दी गई है, जो BIADA (राज्य सरकार की एजेंसी) और NICDC (भारत सरकार की इकाई) की साझेदारी से गठित एक विशेष प्रयोजन संस्था (SPV) है। यह क्लस्टर राज्य में एक नियोजित और समग्र औद्योगिक ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है।
₹1339 करोड़ की लागत से विकसित होने वाले इस औद्योगिक शहर का उद्देश्य गया को पूर्वी भारत के एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इसमें से ₹462.14 करोड़ केवल भूमि अधिग्रहण पर व्यय किया गया है। लगभग 1670 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहे इस क्लस्टर के अंतर्गत अत्याधुनिक अधोसंरचना का निर्माण प्रस्तावित है।
परियोजना के अंतर्गत Engineering, Procurement and Construction (EPC) कार्यों के लिए ₹675 करोड़ की अनुमानित लागत की निविदा जारी कर दी गई है। यह निविदा विश्वस्तरीय ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से संबंधित है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
EPC कार्यों में आंतरिक सड़कों का निर्माण, जल निकासी प्रणाली, विद्युत सब-स्टेशन, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP), सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं, प्रशासनिक एवं कमांड सेंटर तथा सार्वजनिक एवं अर्ध-सरकारी उपयोग की सुविधाएं शामिल होंगी। यह समस्त कार्य तीन वर्षों की अवधि में पूर्ण किए जाएंगे और इसके उपरांत चार वर्षों तक अनुरक्षण का दायित्व ठेकेदार के पास रहेगा।
इस परियोजना के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों को औद्योगिक निवेश के लिए प्राथमिकता दी जा रही है, जिनमें एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग, रेडीमेड परिधान, ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स, स्टील आधारित उत्पाद, एयरोस्पेस एवं डिफेंस, निर्माण सामग्री, फर्नीचर, हस्तशिल्प एवं हथकरघा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, Programme Manager for New Cities (PMNC) की नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और इसका कार्यादेश निर्गत कर दिया गया है। PMNC, परियोजना प्रबंधन, निगरानी और तकनीकी सहयोग में प्रमुख भूमिका निभाएगा, जिससे समग्र कार्यान्वयन में गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
यह क्लस्टर न केवल निवेशकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं और अनुकूल वातावरण प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी व्यापक रोजगार अवसर सृजित करेगा। बिहार सरकार की यह पहल राज्य को आत्मनिर्भर, उद्योगोन्मुखी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यह परियोजना गया को भारत के औद्योगिक मानचित्र पर एक नई पहचान देने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास को भी गति प्रदान करेगी।
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