बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने XChange कॉन्क्लेव के दूसरे संस्करण में साझा किया नैतिक और समावेशी प्रगति का दृष्टिकोण
पटना, 11 जून 2025: समाचार चैनल के XChange के 2nd Edition में बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने एक प्रभावशाली मुख्य संबोधन में भारत के 2047 तक के विकास यात्रा की एक व्यापक और मूल्य-आधारित रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि भारत की आज़ादी के शताब्दी वर्ष को केवल आधारभूत ढांचे की दृष्टि से नहीं, बल्कि एक गहन राष्ट्रीय परिवर्तन के रूप में देखा जाना चाहिए—एक ऐसा विकास जो देश की भौतिक उन्नति के साथ-साथ आत्मिक और नैतिक मूल्यों को भी समृद्ध करे।
चर्चा के दौरान राज्यपाल ने चेतावनी दी कि अगर वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को नैतिकता के बिना अपनाया गया तो उसका परिणाम विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने कहा, विज्ञान बिना ज्ञान के खतरनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास में कई बड़ी त्रासदियाँ अज्ञानता से नहीं, बल्कि ज्ञान के दुरुपयोग और नैतिक ज़िम्मेदारी की कमी से हुई हैं। खान ने यह भी उल्लेख किया कि भारत को केवल इसकी भौगोलिक या सांस्कृतिक विरासत के लिए नहीं, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी आध्यात्मिक और दार्शनिक सत्य को बनाए रखने के लिए सराहा जाता है। उन्होंने विविधता में एकता को पहचानने और जाति, धर्म या क्षेत्र की सीमाओं से ऊपर उठकर एक साझा मानवीय पहचान को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल खान ने मीडिया नैतिकता पर भी चिंता जताई और कहा कि सनसनीखेज और झूठी खबरें जनता के विश्वास को तोड़ती हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को जिम्मेदारी और तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। राम-लक्ष्मण प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह समझाया कि मनुष्य केवल शरीर या सुख-सुविधा से परिभाषित नहीं होता—वास्तविक समझ आत्मिक पहचान को जानने से आती है। अपने समापन में उन्होंने कहा कि भारत को प्रगति का मूल्यांकन केवल जीडीपी से नहीं, बल्कि करुणा, नैतिक चेतना और सांस्कृतिक विवेक की वृद्धि से करना होगा।
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