जलवायु अनुकूल कृषि के लिए समेकित पद्धति आवश्यक : डॉ वी. के. सिंह

जलवायु अनुकूल कृषि के लिए समेकित पद्धति आवश्यक : डॉ वी. के. सिंह

 केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक डॉ. वी. के. सिंह और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार सिंह दिनांक 03 मई 2025 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना पहुंचे | डॉ. वी. के. सिंह ने संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास  एवं वैज्ञानिकों से विभिन्न मुद्दों एवं भविष्य की कृषि संबंधी चुनौतियों से निपटने हेतु रणनीतियों पर बातचीत की और आय संवर्धन एवं पर्यावरणीय सुरक्षा हेतु जलवायु अनुकूल कृषि के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास एवं प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने फसल प्रणाली में मिलेट्स (मोटे अनाज) को शामिल करने, जल एवं मृदा प्रबंधन की दक्ष तकनीकों तथा स्थान विशेष के लिए समेकित कृषि प्रणाली पर विशेष बल दिया।
केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद देशभर में आईसीएआर की प्रमुख परियोजना "नेशनल इनोवेशन ऑन क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर (एनआईसीआरए)" का क्रियान्वयन कर रहा है, जो विभिन्न संस्थानों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों को सम्मिलित करते हुए चल रही है और इस परियोजना के अंतर्गत किसानों के जोखिम को कम करने एवं बदलते जलवायु परिदृश्य में उनकी आय बढ़ाने हेतु अनेक तकनीकों एवं किस्मों का विकास किया गया है।
बिहार सरकार की महत्त्वाकांक्षी जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम (सीआरए) पर भी इस दौरान चर्चा हुई और इस प्रयास की सराहना की गई। डॉ वी. के. सिंह ने टिकाऊ तकनीकों के प्रचार-प्रसार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के प्रयासों की सराहना की और एनआईसीआरए एवं अन्य संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों के अंतर्गत भविष्य की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

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