डीएम द्वारा लोक शिकायत के 21 मामलों की सुनवाई की गई, 03 लोक प्राधिकारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई
कार्यों में शिथिलता, लोक शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में अंचल अधिकारी, पालीगंज, बख्तियारपुर एवं नौबतपुर के विरूद्ध पाँच-पाँच हजार रूपया का अर्थदंड लगाया गया; अंचल अधिकारी, मसौढ़ी से स्पष्टीकरण किया गया
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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
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पटना, शनिवार, दिनांक 03 मई, 2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत के तीन मामलों में निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन लोक प्राधिकारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 21 मामलों की सुनवाई की गई तथा समस्याओं का समाधान किया गया। लोक शिकायत के निष्पादन में शिथिलता बरतने के कारण अंचल अधिकारी, पालीगंज, बख्तियारपुर एवं नौबतपुर से स्पष्टीकरण करते हुए उनके विरूद्ध पाँच-पाँच हजार रूपया का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही अंचल अधिकारी, मसौढ़ी से भी स्पष्टीकरण किया गया।
अपीलार्थी श्री सुरेश कश्यप, पोस्ट+थाना पालीगंज, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत तालाब पर हो रहे अतिक्रमण के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, पालीगंज द्वारा इस मामले में कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गयी है। उनका प्रतिवेदन भी अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। जिलाधिकारी ने कहा कि अंचल अधिकारी, पालीगंज की यह कार्यशैली अत्यंत आपतिजनक है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने, अस्पष्ट प्रतिवेदन देने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, पालीगंज के विरूद्ध 5,000/- रुपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी, पालीगंज को एक सप्ताह के अंदर अंचल अधिकारी के विरूद्ध प्रपत्र-क गठित करने का आदेश दिया गया।
एक अन्य मामले में अपीलार्थी श्री आनन्द प्रसाद सिंह, ग्राम-सैदपुर, पोस्ट- करौटा, प्रखंड-बख्तियारपुर, अनुमंडल-बाढ़, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत अतिक्रमण के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बख्तियारपुर द्वारा इस मामले में अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गयी है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, बाढ़ के समक्ष दिनांक 03.07.2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। लगभग दस महीना की अवधि में भी परिवाद अंचल अधिकारी, बख्तियारपुर के स्तर पर ही लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बख्तियारपुर के विरूद्ध 5,000/- रुपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही कारण-पृच्छा की गई।
अपीलार्थी बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी, 809 अशियाना प्लाजा, बृद्ध मार्ग, पोस्ट-जीपीओ, प्रखंड- पटना सदर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत भू-लगान निर्धारण करने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, नौबतपुर द्वारा इस मामले में अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गयी है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, दानापुर के समक्ष दिनांक 16.09.2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। लगभग आठ महीना की अवधि में भी परिवाद अंचल अधिकारी, नौबतपुर के स्तर पर ही लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह खेदजनक है। लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, नौबतपरु के विरूद्ध 5,000/- रुपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही कारण-पृच्छा की गई।
एक दूसरे मामले में अपीलार्थी श्री अजीत कुमार, ग्राम+पोस्ट-तिनेरी, प्रखंड-मसौढ़ी, अनुमंडल-मसौढ़ी, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत दाखिल-खारिज के आवेदन को अस्वीकृत करने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, मसौढ़ी द्वारा इस मामले में अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गयी है। लोक शिकायत के मामले में असंवेदनशीलता प्रदर्शीत करने तथा शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, मसौढ़ी से स्पष्टीकरण करते हुए उन्हें निदेशित किया गया है कि उनके द्वारा किस प्रावधान के तहत दाखिल-खारिज अस्वीकृत की गई है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।
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