
अब "हर घर नल का जल योजना" के वार्ड आच्छादन का सामुदायिक प्रमाणीकरण कर प्रबंधन सूचना प्रणाली (एम.आई.एस) पर किया जाएगा अपलोड ।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने ‘हर घर नल का जल’ योजना के अंतर्गत जलापूर्ति से आच्छादित वार्डों का सामुदायिक प्रमाणीकरण कराने का निर्णय लिया है। जलापूर्ति की गुणवत्ता और स्थायित्व को सुनिश्चित करने हेतु आच्छादित वार्डों का प्रमाणीकरण वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से कराया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को शत प्रतिशत आच्छादित वार्ड की स्थलीय स्थिति का मूल्यांकन कर उसे निर्धारित मानकों पर प्रमाणित करने और इस संबंध में प्रतिवेदन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एम.आई.एस) पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करने का निर्देश दे दिया है । मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के अंतर्गत कार्यान्वित योजनाओं के लिए प्रमाणीकरण "हर घर नल का जल" वार्ड के रूप में तथा केंद्र प्रायोजित जलापूर्ति योजनाओं के लिए "हर घर जल" वार्ड के रूप में किया जाएगा। विदित हो कि इस संबंध में निर्णय मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया , जिसके आलोक में विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया है ।
प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के तहत कनीय अभियंता द्वारा वार्डों का सर्वेक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी इच्छुक घर योजना से वंचित न रहे। सर्वेक्षण के उपरांत कनीय अभियंता स्वप्रमाणन(Self-Declaration) देंगे, जिसे कार्यपालक अभियंता द्वारा सत्यापित कर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की बैठक में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। समिति द्वारा अनुमोदन के बाद ही संबंधित जानकारी प्रबंधन सूचना प्रणाली (एम.आई.एस) पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।प्रमाणीकरण प्रक्रिया में गृह जल संयोजन की उपलब्धता, जलापूर्ति की नियमितता एवं गुणवत्ता, पाइपलाइन नेटवर्क की स्थिति, स्कूल एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में पाइपलाइन की कनेक्टिविटी, जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण के पश्चात सड़कों की मरम्मत एवं ग्रामीणों को जल सुरक्षा विषय पर समुदाय को दी गई जानकारी जैसे बिंदुओं का समग्र मूल्यांकन किया जाएगा। स्थानीय प्रतिनिधियों एवं वार्ड सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित बैठकों के माध्यम से जलापूर्ति योजनाओं में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे प्रमाणीकरण प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सहभागितापूर्ण और तथ्य आधारित होगी।
इस संबंध में विभागीय प्रधान सचिव, श्री पंकज कुमार द्वारा सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रमाणीकरण की कार्यवाई प्राथमिकता पर पूरी की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी आच्छादित वार्डों की स्थिति पारदर्शी रूप से दर्ज हो। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि प्रमाणीकरण में लापरवाही बरतने पर संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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