जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज धान अधिप्राप्ति टास्क फोर्स की बैठक हुई।

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज धान अधिप्राप्ति टास्क फोर्स की बैठक हुई।

पटना, मंगलवार, दिनांक 18.03.2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज धान अधिप्राप्ति टास्क फोर्स की बैठक हुई। इसमें खरीफ विपणन मौसम, 2024-25 में विकेन्द्रीकृत अधिप्राप्ति व्यवस्था अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान अधिप्राप्ति कार्य में प्रगति की समीक्षा की गयी। लक्ष्य के विरुद्ध जिला में सीएमआर प्राप्ति की स्थिति, अनुमंडलवार एवं प्रखंडवार एसएफसी को सीएमआर प्राप्त कराए जाने की स्थिति, किसानों को भुगतान की स्थिति, सीएमआर प्राप्ति के विरूद्ध भुगतान की स्थिति, मिलवार साप्ताहिक सीएमआर प्राप्ति की स्थिति एवं अन्य बिन्दुओं पर समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप समय-सीमा के अंदर शत-प्रतिशत धान अधिप्राप्ति किया गया है। अब मुख्य कार्य सीएमआर की समय से प्राप्ति एवं प्राप्ति के विरूद्ध ससमय भुगतान सुनिश्चित करना है। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को इसे सुनिश्चित कराने का निदेश दिया। कुल लक्ष्य के विरुद्ध मार्च तक 60 प्रतिशत, अप्रैल तक 80 प्रतिशत, मई तक 95 प्रतिशत तथा 15 जून तक 100 प्रतिशत सीएमआर प्राप्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

समीक्षा में पाया गया कि दिनांक 18 मार्च, 2025 तक एसएफसी को मात्र 40.88 प्रतिशत ही सीएमआर आपूर्ति की गई है। पटना सदर अनुमंडल में 27.09 प्रतिशत, पालीगंज अनुमंडल में 38.37 प्रतिशत, दानापुर अनुमंडल में 38.51 प्रतिशत, मसौढ़ी अनुमंडल में 40.76 प्रतिशत, पटना सिटी अनुमंडल में 43.40 प्रतिशत तथा बाढ़ अनुमंडल में 53.54 प्रतिशत सीएमआर की आपूर्ति की गई है। जिलाधिकारी ने इस पर गंभीर खेद व्यक्त करते हुए अनुमंडल पदाधिकारियों को स्थिति में तुरत सुधार लाने का निदेश दिया। पटना सदर, दानापुर, मसौढ़ी एवं पालीगंज अनुमंडलों में स्थिति खराब है। उन्होंने लक्ष्य के अनुरूप सीएमआर आपूर्ति में तेजी लाने का निदेश दिया। समीक्षा बैठक में कई अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि पिछले दो सप्ताह से एसटीआर नहीं मिलने के कारण सीएमआर जमा नहीं हो पा रहा है। गोदाम में जगह खाली नहीं है। सीएमआर प्राप्ति कम होने के बारे में पृच्छा के क्रम में अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर, दानापुर, पालीगंज एवं मसौढ़ी के द्वारा बताया गया कि ऐक्सेप्टेंस ऑर्डर नहीं मिल रहा है। सीएमआर गोदाम लगभग पूर्ण रूप से भर गया है। फलस्वरूप जगह की कमी रहने के कारण ऐक्सेप्टेंस निर्गत नहीं हो रहा है एवं सीएमआर प्राप्ति की प्रतिशत कम है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम से स्पष्टीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि जिला प्रबंधक को गोदाम की पर्याप्त व्यवस्था करना था। वे ससमय गोदाम खाली नहीं करा पा रहे हैं। उनके द्वारा मामले को ससमय जिलाधिकारी के समक्ष नहीं लाया जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा निर्णायक कार्रवाई भी नहीं की गई है। ट्रांस्पोर्टर्स पर उनका नियंत्रण नहीं है। जिला प्रबंधक द्वारा मामले को सुलझाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस कारण से सम्पतचक प्रखंड में 18.99 प्रतिशत, पटना सदर प्रखंड में केवल 23.31 प्रतिशत तथा फुलवारीशरीफ में केवल 31.85 प्रतिशत ही सीएमआर आपूर्ति की गई है। तीनों का सीएमआर बिहटा में जमा होता है परन्तु जिला प्रबंधक द्वारा संबंधित ट्रांस्पोर्टर्स का मामला नहीं सुलझाए जाने के कारण सीएमआर जमा नहीं हो रहा है। जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम के द्वारा बताया गया कि सीएमआर गोदाम में जमा सीएमआर को टीपीडीएस गोदाम में स्थानांतरण हेतु विभाग से अनुमति प्राप्त कर ली गयी है।परन्तु ट्रांस्पोर्टर्स के कारण सीएमआर गोदाम से टीपीडीएस गोदाम में स्थानांतरण लंबित है, जिसके कारण सीएमआर हेतु ऐक्सेप्टेंस पैक्स को निर्गत नहीं किया जा रहा है। ससमय समस्या संज्ञान में नहीं लाने के कारण एवं ट्रांस्पोर्टर्स के विरूद्ध कार्रवाई हेतु प्रतिवेदित नहीं किये जाने के कारण जिला पदाधिकारी के द्वारा जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम, पटना से स्पष्टीकरण करते हुए जवाब देने को निदेशित किया गया। साथ ही ट्रांस्पोर्टर्स के विरूद्ध पेनल्टी एवं विभागीय प्रावधान के अनुसार कार्रवाई करने हेतु आज ही संचिका उपस्थापित करने हेतु निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी द्वारा लापरवाही बरतने वाले प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों से भी स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया गया। समीक्षा के क्रम में अनुमण्डल पदाधिकारी, सदर के द्वारा बताया गया कि सम्पतचक प्रखंड अंतर्गत चिपुरा पैक्स के साथ मिल की संबद्धता में संशोधन किए जाने हेतु बीसीईओ, सम्पतचक को प्रस्ताव उपलब्ध कराने हेतु कहा गया था, परन्तु उनके द्वारा प्रस्ताव नहीं दिया गया है। फलस्वरूप अनुमण्डल पदाधिकारी के स्तर से जिला टास्क फोर्स को प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका जिससे सीएमआर प्राप्ति प्रभावित है। इस आरोपों के कारण जिलाधिकारी द्वारा सम्पतचक बीसीईओ से स्पष्टीकरण करने हेतु निदेशित किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी राईस मिल सीएमआर आपूर्ति में लापरवाही बरतेगा उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अनुमंडल पदाधिकारियों को सीएमआर आपूर्ति में शिथिलता बरतने वाले राईस मिलर्स से स्पष्टीकरण कर उनके विरूद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने पदाधिकारियों को निदेश दिया कि सीएमआर प्राप्ति के विरूद्ध भुगतान ससमय करें।

डीएम डॉ. सिंह ने सभी संबद्ध पदाधिकारियों को धान अधिप्राप्ति कार्य के हरएक चरण में सजग एवं तत्पर रहने का निदेश दिया है। 


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