
जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्दशेखर सिंह द्वारा लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्दशेखर सिंह द्वारा लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की गयी। सभी लोक प्राधिकारों एवं अधिकारियों को आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने का निदेश दिया गया।
समीक्षा में पाया गया कि जिला में लोक शिकायत निवारण में विगत एक सप्ताह में 351 मामलों को निष्पादित किया गया है जबकि 329 परिवाद प्राप्त हुआ था। विगत 30 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 387; विगत 45 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या 185 तथा विगत 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या शून्य है। लंबित परिवादों की कुल संख्या 2,089 है।
लोक शिकायत निवारण के अपील मामलों के क्रियान्वयन की समीक्षा में पाया गया कि प्रथम अपील के लिए दायर 10,269 मामलों में 10,121 मामलों को निष्पादित कर दिया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 148 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। द्वितीय अपील के लिए दायर 3,797 मामलों में 3,665 मामलों को निष्पादित किया गया है। 60 कार्य दिवस से कम 132 मामले तथा 60 कार्य दिवस से अधिक शून्य मामले लंबित है। 99 मामलों में लोक प्राधिकार के विरुद्ध आर्थिक दण्ड लगाया गया है जिसमें 2,77,800 रूपये की राशि दण्ड स्वरूप अध्यारोपित है। 25 मामलों में अनुशासनिक कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन-जिन अधिकारियों पर दंड लगाया गया है वे एक सप्ताह के अंदर दंड की राशि जमा कर दें अन्यथा उनके वेतन से कटौती की जाएगी।
सुनवाई से लोक प्राधिकारों की अनुपस्थिति का प्रतिशत शून्य है अर्थात हरेक सुनवाई में सभी लोक प्राधिकार उपस्थित हो रहे हैं। ज़िलाधिकारी ने इस पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। लोक शिकायतों की सुनवाई में लोक प्राधिकारों की हर हाल में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित रहनी चाहिए।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अन्तर्गत अतिक्रमण वाद के 402 मामले निष्पादन हेतु लंबित हैं। अतिक्रमण के 62 मामलों में अंचल अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त होना शेष है। इसमें दो अंकों में लंबित अंचलों में बिहटा में 21, दानापुर में 17 तथा धनरूआ में 10 मामले निष्पादन हेतु लंबित है। जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अंचलाधिकारियों को विशेष रूचि लेकर तेजी से निष्पादन करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारियों को निदेश दिया कि 90 दिन से अधिक से लंबित अतिक्रमण के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करें।
बैठक में अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों की संयुक्त बैठक की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि 23 अंचलों में संयुक्त बैठक के कुल 11,348 कार्यवाही को अपलोड किया गया है।
आरटीपीएस में प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें कुल एक्सपायर्ड मामलों की संख्या 05 पायी गई। इसका मुख्य कारण तकनीकी समस्या बताया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप समय-सीमा के अंदर आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित करें। आम जनता को सेवा प्रदान करने में कोई कोताही नहीं करे। जिन-जिन विभागों का मामला तकनीकी कार्यों से लंबित है उन विभागों के अधिकारी इसका संबंधित पदाधिकारी से समन्वय कराते हुए निष्पादन कराएं। आरटीपीएस अधिनियम अन्तर्गत जिन पदाधिकारियों के विरूद्ध दंड लगाया गया है उनसे इसे जमा करने के लिए स्थापना उप समाहर्ता को पत्राचार करने का निदेश दिया गया। दंड की राशि जमा नहीं करने पर कार्रवाई हेतु दोषी पदाधिकारियों के प्रशासी विभाग को प्रतिवेदित किया जाएगा।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 तथा बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। योजनाओं के क्रियान्वयन में शिथिलता, अनियमितता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि आरटीपीएस के मामलों में जिन-जिन अंचलों/प्रखंडों में शिथिलता बरती जा रही है वहाँ संबंधित अपीलीय प्राधिकार अनुमंडल पदाधिकारी समीक्षा करते हुए मामलों की स्वतः सुनवाई करेंगे तथा लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार दंड अध्यारोपित करेंगे। यही नियम लोक शिकायत निवारण के मामलों में भी लागू किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया कि सीपीग्राम, जनता दरबार सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आवेदनों को त्वरित गति से निष्पादित करें।
0 Response to "जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्दशेखर सिंह द्वारा लोक शिकायत निवारण एवं आरटीपीएस से संबंधित मामलों की समीक्षा की गयी।"
एक टिप्पणी भेजें