लगभग 70 सालों के संघर्ष के बाद हमें मिला महिला दिवस: रागिनी रंजन

लगभग 70 सालों के संघर्ष के बाद हमें मिला महिला दिवस: रागिनी रंजन

1908 में महिलाओं ने अमेरिका में अपने हित के लिए संघर्ष शुरु किया था। इस आंदोलन के जरीए उन्होंने अपने लिए कई मांगें रखी थी। इनमें से एक था वोट देने का अधिकार। दिन बीतने के साथ-साथ यह संघर्ष लंबा, बड़ा और ताकतवर होता गया। तब कहीं जाकर 1977 में 8 मार्च के दिन उन्हें उनका हक मिला, और तब से इसी दिन प्रत्येक वर्ष अंतरारष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा। ये बातें गलोबल कायस्थ कांफ्रेस की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कही।

श्रीमती रंजन जीकेसी द्वारा आयोजित महिला दिवस सह सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि यह सच है कि आज भी हम बराबरी की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन यह भी सच है कि पुरूषों ने भी हमारा कम साथ नहीं दिया है। महिलाओं की बड़ी बड़ी उपलब्धियों में कहीं न कहीं पुरुषों का हाथ और साथ तो होता ही है। कभी पिता बन कर तो कबी भाई बनकर और फिर पति और पुत्र बन कर ये हमारे साथ खड़े होते हैं और हमारी सफलता के सहभागी भी बनते हैं। इसलिए हमें भी उनका सम्मान करना चाहिए। 

इसके पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) द्वारा पटना स्थित रायल गार्डेन में आयोजित महिला दिवस के भव्य आयोजन की शुरुआत भगवान चित्रगुप्त जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद औपचारिक उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही संगठन की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

मौक़े पर ग्लोबल उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ने कहा कि पुरुषार्थ का ही एक हिस्सा है महिलाओं को सम्मन देना। कोई भी पुरुष महिला के बिना अधूरा ही माना जाता है। इसलिए हम सबका दायित्व बनता है कि अपने परिवार में और समाज में हम महिलाओं को सम्मान दें और उन्हें प्रोतसाहित करें।
 
जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नम्रता आनन्द ने कहा कि हम महिला हैं, हम पुरुषों का सम्मान करते हैं। और बस हम भी ये ही चाहते हैं कि पुरुष भी हम महिलाओं का सम्मान करें। ख़ुशी इस बात की है की स्थितियाँ हमारे पक्ष में धीरे धीरे ही सही लेकिन बदल रहीं हैं। 

इसके बाद सुप्रसिद्ध गायिका रूपाली दास टुम्पा के गायन से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई।  डाली सिंहा, निशा परासर, डा नम्रता आनंद, शबनम कुमारी, डा.भवानी शारदेय, सहित कई कलाकारों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी। 

महिला दिवस के इस अवसर पर कई 30 अलग अलग महिलाओं को उनके विशिष्ट योगदान के लिए "जीकेसी नारी सशक्तिकरण सम्मान" से सम्मानित किया गया। 

इस मौक़े पर जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मुकेश महान, प्रदेश महासचिव संजय कुमार सिन्हा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष निलेश रंजन, विजय लक्ष्मी, रंजना कुमारी, रचना कुमारी, राकेश मणि, नेहा मणि, राहुल मणि, नुतन बक्षी, सोनाक्षी प्रिया, कामिनी कुमारी, दुर्गेश सिन्हा, अभिषेक श्रीवास्तव, मोहन कुमार, अनिता कुमारी, रणधीर वर्मा, रविशंकर प्रसाद सिन्हा,  शिखा स्वरूप, कानन लक्ष्मी, हर्षवर्धन प्रियदर्शी, दिवाकर वर्मा, निहारिका अखौरी प्रसून कुमार सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
                  -----------

0 Response to "लगभग 70 सालों के संघर्ष के बाद हमें मिला महिला दिवस: रागिनी रंजन"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article