पटना में हुआ "पर्यावरण संवाद" का आयोजन, पर्यावरण संरक्षण पर दिया गया जोर

पटना में हुआ "पर्यावरण संवाद" का आयोजन, पर्यावरण संरक्षण पर दिया गया जोर

पर्यावरण संरक्षण हेतु आम जनों के साथ संवाद है सार्थक पहल : अवधेश नारायण सिंह  

स्वस्थ जीवन की पहचान और हरित भविष्य की माँग है पर्यावरण संरक्षण : डॉ. प्रेम कुमार 

हरित भविष्य के लिए पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाएं : बंदना प्रेयषी

पटना : पर्यावरण संरक्षण और हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार के तत्वावधान में "पर्यावरण संवाद" कार्यक्रम का आयोजन आज शहीद वीर कुंवर सिंह आजादी पार्क, पटना में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर  बिहार विधान परिषद के माननीय सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के माननीय मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयषी, माननीय विधायक श्री अरुण कुमार सिन्हा, पटना की मेयर श्रीमती सीता साहू ने संयुक्त रूप से किया। 
"पर्यावरण संवाद" कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बिहार में हरित क्षेत्र बढ़ाने, पौधारोपण को प्रोत्साहित करने, जलवायु परिवर्तन नियंत्रण, जैव विविधता संरक्षण, आर्द्रभूमि संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के प्रति आम जनता को जागरूक करना था। उक्त अवसर पर बिहार विधान परिषद के माननीय सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह ने “पर्यावरण संवाद” को एक सार्थक पहल बताया और कहा कि आज विश्व भर का पर्यावरण दूषित हो रहा है, इसको ध्यान में रखकर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक पहल की है और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाली सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़कर काम कर रही है. सभापति ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार के मंत्री और सचिव के कार्यों की सराहना की. साथ ही अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि बिहार में जल – जीवन – हरियाली के उत्साहजनक परिणाम सामने आये. इसलिए मैं प्रदेशवासियों से आग्रह करूंगा कि पर्यावरण संरक्षण के दिशा में हर आदमी अपने हिस्से का योगदान दे. 

वहीं,  अपने अध्यक्षीय भाषण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि इस ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ग्रह है, जहाँ जीवन संभव है। हमें इसे सुंदर बनाए रखना होगा। पर्यावरण संरक्षण, स्वस्थ जीवन की पहचान और हरित भविष्य की माँग है. यदि हमने समय रहते पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा. डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि  यदि हमें स्वस्थ जीवन चाहिए, तो पर्यावरण संरक्षण को एक चुनौती के रूप में लेना होगा। उन्होंने इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि प्रकृति से छेड़छाड़ ही जीवों के विनाश का कारण बनती है। जैव विविधता के क्षरण के कारण कई प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं, जिससे संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता और सामूहिक प्रयास की जरूरत है और इसके लिए अधिकाधिक पौधारोपण करें. जल संरक्षण की दिशा में कार्य करें. प्लास्टिक का उपयोग कम करें. प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग करें. नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा को बढ़ावा दें. स्वच्छता और कचरा प्रबंधन पर ध्यान दें. उन्होंने इस संवाद के माध्यम से लोगों से अपने दायित्व को समझने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस विचार-मंथन से जो अमृत प्राप्त होगा, उसे हम अपने जीवन में अपनाएँ और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
उक्त अवसर पर विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयषी ने “पर्यावरण संवाद” में शामिल हो रहे लोगों से पर्यावरण के अनुकूल अपनी जीवन शैली को अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण एक विभाग मात्र नहीं है, यह प्रदेश की जनता के साथ साझा कार्यक्रम है. हमारा विभाग लोगों को जागरूक कर पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने को तत्पर है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में जल – जीवन – हरियाली कार्यक्रम बेहद सफल रहा. उन्होंने कृषि वानिकी योजना और बंसत कालीन पौधा रोपण पर भी चर्चा की. पौधा रोपण और संरक्षण, कार्बन फुट प्रिंट कम करने हेतु पैदल या साईकिल से चलने को प्रोत्साहित किया. साथ ही उन्होंने प्रदेश के पार्क के विकास को लक्ष्य बताया और कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्तर का पार्क बनाने के दिशा में काम कर रही है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF), श्री प्रभात कुमार गुप्ता अपने संबोधन में कहा कि “पर्यावरण संवाद” से पर्यावरण संरक्षण में समाज की समावेशी भागीदारी बढ़ेगी. हर वर्ग से लोग इसमें जुड़ सकेंगे और अपने सुझावों से अवगत कराने के साथ – साथ जिम्मेवारी के साथ पर्यावरण अनुकूल कार्य भी करेंगे. यह संवाद महज कार्यक्रम ने समस्त बिहार वासियों के लिए अपने हरित विरासत को संवारने का अच्छा अवसर साबित हो सकेगा.  

पर्यावरण संवाद कार्यक्रम में पटना की डिप्टी मेयर श्रीमती रेशमी चंद्रवंशी, जैव विविधता पर्षद के अध्यक्ष श्री भारत ज्योति, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) श्री अरविंदर सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य नियोजन प्रशिक्षण एवं विस्तार) श्री अभय कुमार द्विवेदी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, पटना, श्री गौरव ओझा, पटना पार्क प्रमंडल पदाधिकारी, श्री सुबोध कुमार गुप्ता, समेत अन्य पदाधिकारी मौजदू रहे.  इस कार्यक्रम में पर्यावरणविदों, समाजसेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सरकारी-ग़ैर सरकारी संगठनों, ग्रीन वॉरियर्स, जल मित्र, पक्षी मित्र, और स्कूली छात्र-छात्राओं ने अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। वक्ताओं ने जोर दिया कि पर्यावरण संरक्षण सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सामूहिक जिम्मेदारी है।  

पर्यावरण संवाद के जरिये राज्य की प्राकृतिक धरोहर को संजोते हुए हमें हरित भविष्य की ओर बढ़ना है। पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है। इसके लिए आम जनता की भागीदारी बेहद आवश्यक है। हम सबको मिलकर हरित बिहार का सपना साकार करना है। हमें प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा।

0 Response to "पटना में हुआ "पर्यावरण संवाद" का आयोजन, पर्यावरण संरक्षण पर दिया गया जोर"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article