स्लाईट एलुमनाई बिहार चैप्टर कॉफी मीट: आत्मीयता, प्रेरणा और कौशल विकास की नई राह

स्लाईट एलुमनाई बिहार चैप्टर कॉफी मीट: आत्मीयता, प्रेरणा और कौशल विकास की नई राह

पटना, 5 फरवरी 2025

संत लोंगोवाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (स्लाईट) के निदेशक डॉ. मणिकांत पासवान के दूरदर्शी नेतृत्व एवं डीन (एलुमनाई एवं औद्योगिक संबंध) प्रो. रवि कांत मिश्रा के मार्गदर्शन में स्लाईट एलुमनाई बिहार चैप्टर कॉफी मीट का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।

यह विशेष अवसर न केवल पूर्व छात्रों के पुनर्मिलन का मंच बना, बल्कि साझा यादों को संजोने और सहयोगात्मक भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने का सशक्त कदम भी साबित हुआ। इस बैठक में "कौशल आधारित शिक्षा: समय की आवश्यकता" विषय पर भी गहन चर्चा हुई, जिसमें 21वीं सदी के उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्रणाली में बदलाव पर जोर दिया गया।


स्नेहिल मिलन और कौशल विकास पर सार्थक संवाद

डीन (एलुमनाई एवं औद्योगिक संबंध) के कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने स्लाईट के पूर्व छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहाँ वे अपने पुराने संबंधों को पुनर्जीवित कर सके, विचार-विमर्श कर सके और स्लाईट एलुमनाई एसोसिएशन (SAA) को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में सार्थक संवाद कर सके। SAA के वर्तमान अध्यक्ष श्री विनरजीत सिंह खादियाल ने इस संगठन को और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने आगे बताया कि आगामी 9 फरवरी को एलुमनाई मीट स्लाईट में होना सुनिश्चित है, और यह सभी चैप्टर मीट का एक अभिन्न हिस्सा होगी।

इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण था "कौशल आधारित शिक्षा: समय की आवश्यकता", जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि आज की बदलती अर्थव्यवस्था में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान और उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास भी अनिवार्य है।


प्रेरणादायक नेतृत्व और शिक्षा की नई दिशा

बैठक की गरिमा को डीन (एलुमनाई एवं औद्योगिक संबंध) प्रो. आर.के. मिश्रा, SAA बिहार चैप्टर एवं यूपी (लखनऊ) चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. संतोष चौरसिया, तथा सचिव अश्विनी कुमार की प्रेरक ऑनलाइन उपस्थिति ने और अधिक बढ़ाया।

डॉ. मणिकांत पासवान ने इस अवसर पर कौशल आधारित शिक्षा की अनिवार्यता पर जोर देते हुए कहा—

"बदलती तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा जरूरी है। हमें अपने छात्रों को सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि अवसरों का सृजन करने वाला बनाना होगा।"




कौशल आधारित शिक्षा क्यों जरूरी है?

उद्योग और शिक्षा के बीच की खाई को पाटना – डिग्री प्राप्त करने के बाद भी कई छात्रों को नौकरी पाने में कठिनाई होती है। कौशल आधारित शिक्षा उन्हें सीधे रोजगार योग्य बनाती है।

रोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा – तकनीक में तेजी से बदलाव हो रहा है, जिससे AI, डेटा एनालिटिक्स, कोडिंग और ऑटोमेशन जैसे कौशलों की मांग बढ़ रही है।

आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास बढ़ाना – व्यावहारिक प्रशिक्षण से रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा मिलता है, जिससे विद्यार्थी केवल याद करने के बजाय सीखने और उसे व्यवहार में लाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप – NEP 2020 में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और बहु-अनुशासनात्मक शिक्षण को बढ़ावा दिया गया है।

अभूतपूर्व प्रयासों की सराहना

इस आयोजन की सफलता इसके आयोजनकर्ताओं की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। विशेष रूप से, श्री कुमार वैभव, श्री प्रवीण कुमार और श्री मुकेश कुमार के उत्कृष्ट समन्वय और नेतृत्व ने इस कार्यक्रम को अत्यंत प्रभावी और प्रेरणादायक बना दिया

भविष्य की नई दिशाएँ

बैठक का समापन नई ऊर्जा, उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ हुआ। स्लाईट निदेशक डॉ. मणिकांत पासवान की गरिमामयी उपस्थिति ने सभी पूर्व छात्रों को प्रेरित किया और यह स्पष्ट किया कि—

"स्लाईट एलुमनाई नेटवर्क को और सशक्त बनाना, संस्थान के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना और छात्रों को कौशल आधारित शिक्षा से जोड़ना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।"
साझा दृष्टिकोण और सामूहिक उद्देश्य की भावना ने सभी उपस्थितजनों को प्रेरित किया। उन्होंने स्लाईट की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत शिक्षा प्रणाली स्थापित करने के संकल्प को दोहराया।

निष्कर्ष: यह सिर्फ एक मीटिंग नहीं, बल्कि बदलाव की दिशा में उठाया गया सशक्त कदम था!

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