धान-परती भूमि प्रबंधन की जानकारी दी गई

धान-परती भूमि प्रबंधन की जानकारी दी गई

धान-परती भूमि में रबी फसल उत्पादन के दौरान किसानों को नमी की कमी और सिंचाई संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा विशेष प्रयास किया जा  रहा है, जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास और डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक की बहुविषयक टीम द्वारा किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों द्वारा भूमि प्रबंधन में सुधार और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दिशा में दिनांक 20 जनवरी 2025 को गया जिले के टेकारी प्रखंड के गुलेरियाचक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में किसानों को विभिन्न उन्नत कृषि उपायों की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए उपयुक्त उपायों पर चर्चा की गई, साथ ही दलहन और तिलहन की सर्वोत्तम किस्मों की पहचान और उनके फायदे भी बताए गए। विशेष रूप से उर्वरक प्रबंधन, सिंचाई प्रणाली और मृदा संरक्षण के महत्व पर किसानों को विस्तार से बताया गया।
किसानों को NPK (15:15:15) स्प्रे के लाभ के बारे में भी बताया गया, जो असिंचित परिस्थितियों में फसलों की वृद्धि में सहायक होता है और सूखा सहनशीलता में वृद्धि करता है। इस विशेष उर्वरक का प्रयोग फसलों की उत्पादन क्षमता में सुधार लाती है और जल की कम उपलब्धता वाले क्षेत्रों में उपज में वृद्धि होती है। इस कार्यक्रम में 25 किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर, गया ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह के कार्यक्रमों से किसानों को कृषि में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करने की प्रेरणा  मिलती है |

0 Response to "धान-परती भूमि प्रबंधन की जानकारी दी गई "

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article