एकदिवसीय दिव्यांगजन अभिभावक एवं अध्यापक, प्रशिक्षण कार्यक्रम का सी.आर.सी. पटना में हुआ आयोजन
दिनांक 22.01.2025 को समेकित क्षेत्रिय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केन्द्र (एन.आई.एल.डी. कोलकाता के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन) में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार (जागरूकता सृजन एवं प्रचार कार्यक्रम सिपडा योजना) द्वारा दिव्यांगजन के माता पिता एवं अध्यापक को विषय- " अधिगम अक्षमता को समझना-मूल्यांकन, निदान और हस्तक्षेप "पर अतिमहत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. प्रमोद चंद्रवंशी (प्रधानाचार्य) राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय शास्त्रीनगर पटना, एवं श्रीमति प्रियदर्शिनी (निदेशक सी.आर.सी. पटना) के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर शुरुआत किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से समाज और समुदाय को जागरूक करना है ।और दिव्यांगता को लेकर गलत अवधारणा को समाप्त करना है । इसपे काम करने की आवश्यकता है,और लोगो को समाज के मुख्यधारा से जोड़ना तथा सशक्तिकरण प्रदान करना है, साथ ही निदेशक महोदया ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अधिगम अक्षमता से जुड़े दिव्यांगजन बच्चों का पहचान कर शीघ्रहस्तक्षेप करना बहोत जरूरी है समय रहते अगर शीघ्रहस्तक्षेप किया जाता है, तो ऐसे बच्चों को अधिगम अक्षमता से बचाया जा सकता है, इसी क्रम में सी.आर.सी. में उपलब्ध बिभिन्न सेवाओ जैसे- भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास, विकासात्मक चिकित्सा, नैदानिक मनोविज्ञान (क्लिनिकल साइकोलॉजी), श्रवण एवं वाक् उपचार, भौतिक चिकित्सा (फिजियोथेरेपी), व्यावसायिक चिकित्सा, कौशल विकास कार्यक्रम, गृह आधारित कार्यक्रम, उन्मुखीकरण एवं जागरूकता कार्यक्रम, मार्गदर्शन एवं परामर्श विस्तार कार्यक्रम, सहायक उपकरण वितरण, समुदाय आधारित पुनर्वास, अभिभावक प्रशिक्षण कार्यक्रम, अनुस्थिति ज्ञान एवं चलिष्णुता प्रशिक्षण, कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण का निर्माण तथा प्रत्यारोपण* विशेष शिक्षा, निरामया स्वास्थ्य बीमा योजना एवं यू.डी.आई.डी (UDID) कार्ड के निर्माण से संबधित सहायता आदि को विस्तृत रूप में उल्लेख कर अपने शब्दो को विराम दी। कार्यक्रम में कुल 3 व्याख्यान प्रस्तुत हुआ, जिसमे प्रथम व्याख्यान श्री. विद्या भूषण (व्याख्याता भौतिक चिकित्सा विभाग ) द्वारा वीडियो क्लिप के माध्यम से प्रस्तुति कर सीखने से संबंधित समस्या पर जानकारी प्रदान किये। द्वितीय वक्ता डॉ अनिल कुमार (सहायक प्राध्यापक, नैदानिक मनोविज्ञान विभाग ) सी.आर.सी. पटना द्वारा अधिगम अक्षमता के लक्षण, प्रकार,निदान, पुनर्वास प्रबन्ध आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अधिगम को प्रभावित करने वाले मूलतः तीन कारक होते है, प्रथन - गृह कारक, विद्यालय कारक एवं वातावरणीय माहौल, अगर सुरूआत में अभिभावक, अध्यापक को यह पता चल जाये कि बच्चे में अधिगम अक्षमता संबंधित लक्षण दिख रहे है, तो तुरंत नजदीकी पुनर्वास केंद, हॉस्पिटल में बच्चे का मूल्यांकन कराया जाय जिससे कि शैक्षणिक कार्यो को करने में हो रही समस्या का पता चल सके और पुनः पुनर्वास/ थैरेपी के माध्यम से सुधारा जा सके।इसी क्रम में कार्यक्रम समन्वयक डॉ राजेन्द्र कुमार प्रवीण ( सहायक प्राध्यापक विशेष शिक्षा विभाग ) सी.आर.सी. पटना द्वारा अधिगम अक्षमता से संबंधित विभिन्न थैरेपी , व्यक्तिगत पाठ्ययोजना, कैसे तैयार किया जाय आदि विषयों पर सभी वक्ताओं द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया गया। आज इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विस्तार पूर्वक सभी अभिभावकों एवं अध्यापक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और अपने स्कूल के बच्चों के प्रति जागरूक हुए। मंचसंचालक श्री शिवकुमार ( अनुस्थितिज्ञान एवं चलिष्णुता अनुदेशक सी.आर.सी.पटना)द्वारा किया गया,कार्यक्रम में अलग अलग विद्यालय के अध्यापक , दिव्यांगजन के माता -पिता एवं संस्थान के सभी अधिकारी/कर्मचारीगण व पुनर्वास विशेषज्ञ उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कुल प्रतिभागियों की संख्या 139 रही,कार्यक्रम के अंत मे श्री कुमार भारत भूषण (सहायक नैदानिक विकास सी.आर.सी. पटना) द्वारा सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार, एन. आई.एल. डी. कोलकता के निदेशक महोदय को कार्यक्रम अनुमति प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित प्रदान किया।सी.आर.सी. पटना की निदेशक महोदया के नेतृत्व में सफलता पूर्वक कार्यक्रम हेतु धन्यवाद प्रदान किया। और सभी प्रतिभागियों को विशेष धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया ।
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