स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन: बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण
पटना, 22 दिसंबर 2024 (रविवार) : बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आज बापू सभागार, गांधी मैदान, पटना में आपदा प्रबंधन के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में 4,300 ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों ने भाग लिया, जिससे सामुदायिक नेतृत्व को सशक्त बनाने और स्वास्थ्य समन्वयकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम माननीय मुख्यमंत्री सह अध्यक्ष, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा निर्देश में एवं प्राधिकरण के माननीय उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत की अध्यक्षता में एवं माननीय सदस्य श्री पी.एन. राय एवं श्री कौशल किशोर मिश्र के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का स्वागत सम्बोधन प्राधिकरण के सचिव मो. वारिस खान ने किया। राज्य के जिलों से आए ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों को आपदा प्रत्युत्तर के लिए तैयार करने एवं समाज में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रति सम्बोधन डॉ. एल. बी. सिंह, सुपरिंटेंडेंट, महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केंद्र, पटना द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आए ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों को ग्रामीण स्तर पर लोगों से व्यावहारिक जुड़ाव, स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके ध्यान और हितों को रखते हुए उन्हें आपदा से कैसे बचाया जाए, इस संदर्भ में संवेदीकरण किया गया। इस कार्यक्रम में 4300 ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों को प्राधिकरण की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। फिल्मों के माध्यम से उन्हें प्राधिकरण के विभिन्न कार्यक्रमों यथा- मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम, सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम, सामुदायिक स्वयंसेवक प्रशिक्षण कार्यक्रम, भूकंप रोधी घर निर्माण हेतु राज मिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम, दिव्यांग आपदा सुरक्षा समायोजित कार्यक्रम, अस्पताल अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम और ग्लोबल वार्मिंग एवं पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत समाज में आपदा प्रत्युत्तर की तैयारियों और उसके प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में बताया गया। साथ ही इस एक दिवसीय ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयक संवेदीकरण कार्यक्रम के माध्यम से समाज में उनकी भूमिकाओं और आपदा प्रबंधन की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में कोरोना महामारी एवं अन्य आपदाओं के समय उत्कृष्ट कार्य करने वाले पाँच ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों को पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही विभिन्न आपदाओं से बचाव से संबंधित जानकारी प्रदान करते हुए छोटी-छोटी फिल्मों के माध्यम से भी संवेदीकरण किया गया। प्राधिकरण के वरीय सलाहकार डॉ. जीवन कुमार ने विभिन्न आपदाओं के बारे में क्षमतावर्धन किया। सभी उपस्थित स्वास्थ्य समन्वयकों को राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के माध्यम से सड़क दुर्घटना से बचाव, डूबने की घटना से बचाव, प्राइमरी चिकित्सा व सीपीआर देने की सही पद्धति का मॉकड्रिल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर माननीय उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत ने सभी ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों को माननीय मुख्यमंत्री जी का संदेश पढ़ते हुए कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री जी को इस बड़े आयोजन की जानकारी दी, तो उन्होंने पूछा, आपकी नजर में भगवान कौन होते हैं, मैंने उत्तर दिया माँ, पिता, और गुरु होते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा, 'आपका कहना सही है, पर चौथा नाम जोड़ लें- वे डॉक्टर भगवान होते हैं। आप सभी को मैं और माननीय मुख्यमंत्री जी नमन करते हैं।
डॉ. उदयकांत ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन से उन्हें बहुत खुशी हुई है। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य समर्थकों के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय संवेदीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। मुख्यमंत्री जी का संकल्प शुरू से ही स्पष्ट है - राज्य के आपदा पीड़ितों की हर प्रकार से सुरक्षा की जाए। यह बड़ी अच्छी बात है कि आप इस संकल्प को पूरा करने में सहभागी बन रहे हैं। बिहार को आपदाओं से मुक्त रखने और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि चाणक्य के नीतिशास्त्र में कहा गया है कि एक गांव का वैद्य या चिकित्सक परिवार का पहला सदस्य है, और सरकार की जिम्मेदारी है कि उनको हर प्रकार से सहयोग करके मजबूत किया जाए। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक व्यक्ति को उचित प्रशिक्षण मिले, पर्याप्त उपकरण और दवाइयाँ उपलब्ध हों। प्राधिकरण इसी ध्येय वाक्य पर कार्य करते हुए आप लोगों के सहयोग से बिहार में आपदा प्रबंधन की मुहिम में साथ मिलकर कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम में माननीय सदस्य श्री डॉ. पी.एन. राय ने उपस्थित स्वास्थ्य समन्वयकों को विभिन्न आपदाओं से कैसे बचना है और समाज में अपने दायित्वों के निर्वहन करते हुए लोगों को कैसे बचाना है इस संदर्भ में क्षमतावर्धन करते हुए कहा कि आपदा के समय में आपकी जागरूकता और क्षमता वर्धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप सभी को जागरूक और प्रशिक्षित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। सड़क दुर्घटना, शीतलहर, वज्रपात, लू, डूबने की घटना इन सभी आपदाओं में स्वास्थ्य समन्वयकों की भागीदारी एवं जागरूकता पर उन्होंने संवेदीकरण किया। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने गांव में लोगों को जागरूक करें और आपदाओं से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का सपना है कि राज्य के लोग सुरक्षित रहें और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे सरकार के साथ जुड़कर आपदाओं से बचाव में सहयोग करें और इस दिशा में किए गए प्रयासों को जारी रखें।
डॉ. एल. बी. सिंह ने भी अपने वक्तव्य में 2005 के पहले और बाद के बिहार की तुलना करते हुए कहा, नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में राज्य ने प्रगति की राह पर कदम बढ़ाए हैं। नीतीश कुमार जी ने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता को बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री जी ने हमेशा ग्रामीण चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा है और उन्हें सम्मानित किया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के इस कार्यक्रम में आपकी भागीदारी से राज्य को आपदाओं से निपटने में और भी मजबूती मिलेगी। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि समाज की सेवा में अपना योगदान दें। आपकी सेवा की भावना से प्रेरित होकर राज्य को आपदाओं से सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिहार विकास की ओर अग्रसर है और हम सभी को इसमें अपना योगदान देना चाहिए।
इस कार्यक्रम के माध्यम से बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो न केवल राज्य बल्कि देश के अन्य हिस्सों को भी इस दिशा में प्रेरित करेगा। यह आयोजन स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने और आपदा प्रबंधन में नई ऊँचाइयों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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