एक देश, एक चुनाव - देशहित में एक ऐतिहासिक और आवश्यक कदम : डॉ दिलीप जायसवाल

एक देश, एक चुनाव - देशहित में एक ऐतिहासिक और आवश्यक कदम : डॉ दिलीप जायसवाल

 *एक देश, एक चुनाव" लोकतंत्र की मजबूती और राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक – डॉ. दिलीप जायसवाल* 

 *एक देश, एक चुनाव प्रधानमंत्री मोदी जी की दूरदर्शी पहल - डॉ दिलीप जायसवाल* 

प्रदेश अध्यक्ष एवं राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने "एक देश, एक चुनाव" की अवधारणा को राष्ट्रहित में अत्यंत आवश्यक बताते हुए विस्तार से इसके लाभों और आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि देश में बार-बार चुनाव होने के कारण विकास की प्रक्रिया बाधित होती है। बार-बार आदर्श आचार संहिता लागू होने से न केवल प्रशासनिक कार्य रुकते हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित होता है। साथ ही, चुनाव प्रक्रिया में खर्च होने वाले धन और समय का सदुपयोग राष्ट्र निर्माण के कार्यों में किया जा सकता है।

"एक देश, एक चुनाव" के प्रमुख लाभ को गिनाते हुए  डॉ जायसवाल ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने से सरकार और निर्वाचन आयोग पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है। "एक देश, एक चुनाव" से देशभर में चुनाव एक ही समय पर संपन्न होंगे, जिससे समय और पैसे की बचत होगी।

बार-बार चुनाव के कारण सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होती है। एक ही समय पर चुनाव होने से आचार संहिता बार-बार लागू नहीं होगी और सरकारें बिना किसी रुकावट के विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगी।

चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षा बलों को तैनात किया जाता है, जिससे नियमित प्रशासनिक कार्य बाधित होते हैं। "एक देश, एक चुनाव" से प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता आएगी।

बार-बार चुनाव होने से राजनीतिक दलों और नेताओं का ध्यान विकास कार्यों से हटकर चुनावी राजनीति में लगा रहता है। "एक देश, एक चुनाव" से इस राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त किया जा सकता है।

एक ही समय पर चुनाव होने से जनता को बार-बार मतदान की प्रक्रिया से गुजरना नहीं पड़ेगा, जिससे उनकी भागीदारी में उत्साह और विश्वास बना रहेगा।

डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में "एक देश, एक चुनाव" को साकार करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। यह एक दूरदर्शी पहल है, जो भारत को एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि सभी राजनीतिक दल अपने मतभेदों को छोड़कर राष्ट्रहित में इस पहल का समर्थन करें।

डॉ. जायसवाल ने सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों से अपील की कि वे "एक देश, एक चुनाव" के इस ऐतिहासिक कदम का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक सुधार नहीं है, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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