जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया है कि समाचार पत्रों तथा मीडिया के अन्य माध्यमों से शीतलहर की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाए

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया है कि समाचार पत्रों तथा मीडिया के अन्य माध्यमों से शीतलहर की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाए

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, भूमि सुधार उप समाहर्ताओं तथा अंचलाधिकारियों को शीतलहर/पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर उससे बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार त्रुटिहीन प्रबंध सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि पटना जिला में सामान्यतः माह दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता कभी-कभी प्रचण्ड एवं भयावह शीतलहर का रूप ले लेती है। इस वर्ष भी ठंड प्रारंभ होने के कारण तापमान गिर रहा है तथा निकट भविष्य में शीतलहर का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। प्रायः शहरी/अर्द्धशहरी क्षेत्रों में बसे गरीब, निःसहाय एवं आवासहीन व्यक्ति विशेष रूप से शीतलहर से प्रभावित होते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रशासन का यह दायित्व है कि शीतलहर से प्रभावित होने वाले जनसामान्य, विशेषकर गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों के बचाव हेतु समुचित प्रबंध सुनिश्चित रहे। 
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया है कि समाचार पत्रों तथा मीडिया के अन्य माध्यमों से शीतलहर की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाए। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) से प्राप्त शीतलहर की पूर्व चेतावनी को सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच समय से प्रसारित करने का निदेश दिया गया ताकि जानमाल के संभावित नुकसान/क्षति को कम किया जा सके। जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन, नगर कार्यपालक पदाधिकारियों, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, जिला पशुपालन पदाधिकारी, विद्युत कार्यपालक अभियंताओं, जिला परिवहन पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर शीतलहर/पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर बचाव का उपाय करने का निदेश दिया गया है। अपर जिला दण्डाधिकारी (आपदा प्रबंधन), पटना को इसका अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है।
विदित हो कि सरकार द्वारा पूर्व में ही शीतलहर (Cold Wave) / पाला (Frost) को राज्य आपदा रिस्पांस कोष/राष्ट्रीय आपदा रिस्पांस कोष के अन्तर्गत सहाय्य मानदर के अनुरूप सहाय्य की देयता के लिए प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है। राज्य में सहाय्य मानदर लागू है।
जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि जैसे ही शीतलहर प्रारंभ हो, अपने विवेक से गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों को शीतलहर के प्रकोप से बचने हेतु आवश्यकता के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में अलाव की व्यवस्था मुख्यालय स्तर से लेकर प्रखण्ड स्तर तक सभी शहरी एवं अर्द्धशहरी स्थानों में की जाए। अलाव ऐसे स्थानों पर जलाया जाय जहाँ अधिक से अधिक निर्धन एवं असहाय लोग निवास करते हैं या एकत्र होते हों यथा धर्मशाला, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा, मुसाफिरखाना, रिक्शा एवं टमटम पड़ाव, चौराहा, रेल/बस स्टेशन आदि। साथ ही, अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाया जाए जहाँ अधिक-से-अधिक लोगों को लाभ मिल सके। 

डीएम डॉ. सिंह द्वारा अनुमण्डल स्तर पर सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, पटना जिला को अलाव की व्यवस्था नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण हेतु प्रभारी पदाधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता का दायित्व यह सुनिश्चित करना होगा कि चयनित स्थलों पर अलाव की समुचित व्यवस्था संबंधी उपाय की जा रही है एवं इस राहत का लाभ वास्तव में गरीबों एवं निःसहायों को मिल रहा है। अनुमंडल पदाधिकारियों को अलाव जलाने वाले स्थलों पर समय-समय पर स्वयं निरीक्षण एवं सघन अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया है कि सभी अंचलाधिकारी प्रतिदिन अलाव से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन विहित प्रपत्र में भेजना सुनिश्चित करेंगे। 

पटना नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्रों में रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, असहायों, आवास विहीनों एवं सदृश्य श्रेणी के ऐसे गरीब निःसहाय व्यक्तियों के रहने हेतु रैन बसेरों (Night Shelters) की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा आगे भी सुनिश्चित की जाएगी। वर्तमान में पटना नगर निगम द्वारा आश्रय विहीनों के लिए तीन प्रकार का कुल 29 रैन बसेरा तैयार किया गया है। 06 स्थायी एवं 11 अस्थायी आश्रय स्थलों के साथ 12 जर्मन हैंगर का निर्माण किया गया है। पहली बार अस्थायी एवं स्थायी रैन बसेरों के साथ जर्मन हैंगर तकनीक द्वारा रैन बसेरा तैयार किया गया है। कुल 907 बेड की व्यवस्था है जिसमें 06 स्थायी रैन बसेरों में 325 बेड, 11 अस्थायी रैन बसेरों में 270 बेड तथा जर्मन हैंगर तकनीक से निर्मित 12 रैन बसेरों में 312 बेड है। ये सभी रैन बसेरा सार्वजनिक स्थलों यथा चौक-चौराहों, रेलवे स्टेशन तथा बस स्टैंड के नजदीक हैं। सीसीटीवी की निगरानी में रैन बसेरों में आश्रय विहीनों के लिए निःशुल्क रहने की उत्कृष्ट व्यवस्था है। निःशुल्क बेड (चौकी), बेडशीट, कंबल, मच्छरदानी, पेयजल, शौचालय, टेबल, कुर्सी, आगंतुकों के लिए रजिस्टर सहित कई सुविधा दी गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से अग्निशामक यंत्र भी लगाया गया है। सफाई एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से पटना नगर निगम के कंट्रोल रूम द्वारा सभी रैन बसेरों का 24 घंटा सीसीटीवी से मॉनिटरिंग की जाएगी। पटना नगर निगम द्वारा दी गई सूचना के अनुसार इन 29 रैन बसेरों में दिनांक 12.12.2024 तक आवासित लोगों की संख्या 6,274 है जिसमें आज आवासित लोगों की संख्या 351 तथा तथा इसके पूर्व ठहरने वाले लोगों की संख्या 5,923 है। जिलाधिकारी द्वारा नगर कार्यपालक पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि जहाँ रैन बसेरे उपलब्ध न हों, तो वहाँ जिले में उपलब्ध पॉलिथीन शीट्स, टेंट, तारपोलीन शीट्स का उपयोग कर आवश्यकतानुसार अस्थायी शरण स्थली बनायी जाए। रैन बसेरों एवं अस्थायी शरण स्थलों में पर्याप्त संख्या में कम्बल रखी जाय। रैन बसेरों एवं अस्थायी शरण स्थलों में सुरक्षा मानकों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाय। शरण स्थली से संबंधित जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय, ताकि जन सामान्य को इसकी पूर्ण जानकारी रहे तथा वे सरकार द्वारा एतद् संबंधी की गई व्यवस्था का पूरा लाभ उठा सकें तथा की गयी व्यवस्था का पर्यवेक्षण/अनुश्रवण हेतु पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाय। अपने स्तर से की गई व्यवस्था से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन जिला आपदा प्रबंधन शाखा, पटना को उपलब्ध करायी जाए। 
जिलाधिकारी द्वारा सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग पटना को कंबल वितरण से संबंधित आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। साथ ही सिविल सर्जन, पटना को शीतलहर/पाला के दरम्यान बच्चों, महिलाओं, वृद्ध व्यक्तियों सहित सभी लोगों के स्वास्थ्य के देखभाल हेतु पर्याप्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। 

डीएम डॉ. सिंह ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निदेशों का दृढ़तापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि शीतलहर/पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहें।


0 Response to "जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया है कि समाचार पत्रों तथा मीडिया के अन्य माध्यमों से शीतलहर की सूचना प्राप्त होने पर नियमानुसार त्वरित कार्रवाई की जाए"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article