केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने टेक्सटाइल में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने वाले अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेन्टर का उद्घाटन किया
बेगूसराय (बिहार), 23 नवंबर, 2024: माननीय केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज बिहार के बेगूसराय में कौशल प्रशिक्षण और उत्पादन के लिए जीविका दीदी ट्रेनिंग कम प्रोडक्शन सेन्टर का उद्घाटन किया। यह अपनी तरह की पहली पहल है। यह अत्याधुनिक सुविधा गांव की महिलाओं को रॉ-फैब्रिक को वैश्विक रूप से मार्केटिंग योग्य प्रोडक्ट में बदलने में सक्षम बनाएगी, जिससे पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक डिजाइन और मार्केटिंग तकनीकों के साथ जोड़ा जा सकेगा। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और इसके पाँच सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) और निफ्ट पटना के साथ साझेदारी में विकसित इस सेन्टर का उद्देश्य महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को अपैरल और टेक्सटाइल सेक्टरों में सफल उद्यमी के रूप में विकसित करने के लिए उन्हें महत्वपूर्ण स्किल्स, टूल्स और रिसोर्स देकर आगे बढ़ाना है।
इस सेन्टर को ट्रेनिंग हब और प्रोडक्शन फैसिलिटी दोनों के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यह सेन्टर 10,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैला है, जिसमें अतिरिक्त 1,000 वर्ग फीट खुली जगह है। इस सेन्टर का प्राथमिक उद्देश्य महिलाओं, विशेष रूप से स्वं-सहायता समूहो में शामिल महिलाओं को प्रोडक्शन, ब्रांडिंग, डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता और ई-कॉमर्स में एडवांस्ड स्किल से लैस करना है। बिहार की राजधानी पटना से 120 किलोमीटर से दूर बेगूसराय में स्थित यह सेन्टर विशेष प्रशिक्षण प्रदान करके महिलाओं को प्रोडक्ट्स बनाने और स्थायी व्यवसाय स्थापित करने के लिए सशक्त बनाएगा जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा।
इस कार्यक्रम में श्री रजनीश कुमार, पूर्व एमएलसी, बेगुसराय; श्री राजीव कुमार वर्मा, भाजपा जिला अध्यक्ष; श्री कुन्दन कुमार, विधायक, बेगुसराय-सदर; श्री सर्वेश कुमार, एमएलसी बेगुसराय; एवं श्री राजकुमार सिंह, विधायक, मटिहानी सहित सम्मानित गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित *श्री गिरिराज सिंह ने कहा,* "भारत की प्रगति को आकार देने में महिलाओं की परिवर्तनकारी भूमिका उल्लेखनीय है, और मैं इसमें जीविका दीदियों के योगदान को बहुत महत्व देता हूँ। आज, नौ करोड़ से अधिक दीदियाँ इस आंदोलन का हिस्सा हैं, और लाभार्थी से लेकर प्रमुख योगदानकर्ता बनने तक की उनकी यात्रा, इस पहल की अपार क्षमता को दर्शाती है। अकेले कृषि में, एक लाख से अधिक दीदियाँ बदलाव ला रही हैं, खासकर केले की खेती में, जहाँ उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली फसलों, एडवांस्ड जूस एक्सट्रैक्शन मशीनरी और हॉट्रीकल्चर एवं फर्टिलाइजर के रिसोर्स द्वारा सपोर्ट दिया जाता है। कौशल विकास और मार्केटिंग की ट्रेनिंग इस पहल के केंद्र में हैं, जो महिलाओं को रोजगार और उद्यमिता के लिए विशेषज्ञता से सशक्त करती है। एनएसडीसी के मार्गदर्शन में, और प्रशिक्षित दीदियों को नियुक्त करने के लिए प्रमुख कंपनियों की प्रतिबद्धताओं के साथ, हम सुनिश्चित करते हैं कि उनके पास आगे बढ़ने के लिए टूल्स हों। हमारा लक्ष्य बेगूसराय में एक मजबूत सिस्टम का निर्माण करना, सभी सेक्टरों में महिलाओं को सशक्त बनाना और किसी भी दीदी को पीछे नहीं छोड़ना है। साथ मिलकर, हम महिलाओं के इनोवेशन, लीडरशिप और आत्मनिर्भरता के नेतृत्व में भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।"
*एनएसडीसी के सीओओ (ऑफिशिएटिंग सीईओ) और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी ने अपने विजन को साझा करते हुए कहा,* “जीविका दीदी ट्रेनिंग सेन्टर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और भारत के समावेशी विकास के विज़न को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत कौशल विकास के लिए एक समर्पित मंत्रालय स्थापित करने वाला पहला देश बन गया है, जिससे जमीनी स्तर पर परिवर्तन के लिए एक दूरदर्शी अप्रोच दिखाई देती है। यह सेन्टर उस विजन को मूर्त रूप देता है, जिसमें कौशल विकास के लिए एक हॉलिस्टिक ईकोसिस्टम बनाने के लिए कपड़ा मंत्रालय, एनएसडीसी और निफ्ट जैसे संस्थानों सहित कई हितधारकों के प्रयासों को एकीकृत किया गया है। यह पहल प्रशिक्षण से कहीं आगे जाती है - यह महिलाओं के लिए अपने समुदायों में लीडर बनने का मार्ग प्रशस्त करती है। डिजिटल मार्केटिंग और डिज़ाइन इनोवेशन जैसे मॉडर्न टूल्स के साथ पारंपरिक कौशल को जोड़कर, महिलाएँ न केवल अपने प्रोडक्ट्स का निर्माण करेंगी बल्कि वैश्विक स्तर पर उनकी मार्केटिंग भी करेंगी, जिससे हमारे प्रधानमंत्री द्वारा देखे गए 'फार्म टू फैशन टू फॉरेन' के सपने को साकार किया जा सकेगा। इस सेन्टर में डिजिटल कॉमर्स की भी शुरुआत हुई है, जिससे महिलाएँ उद्यमिता के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठा सकती हैं, जिससे एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा जहाँ वे जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बन सकती हैं। मैं जीविका दीदियों की ऊर्जा और महत्वाकांक्षा से बहुत प्रेरित हूँ, जो डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया के सार को मूर्त रूप देती हैं। साथ मिलकर, हम ग्रामीण विकास में एक ऐसा मानक स्थापित कर रहे हैं जो आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था के लिए भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप है।"
इस सेन्टर के ट्रेनिंग प्रोग्राम, पाँच प्रमुख सेक्टर्स: अपैरल, टेक्सटाइल, जैम्स एंड ज्वैलरी, हैन्डीक्राफ्ट्स और मैनेजमेन्ट को कवर करेंगे। पाँच सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ साझेदारी करके, सेन्टर डोमेन-स्पेसिफिक ट्रेनिंग प्रदान करेगा जो इन उद्योगों की बढ़ती माँगों के अनुरूप है।
इसमें शामिल काउंसिलों में टेक्सटाइल सेक्टर स्किल काउंसिल, अपैरल सेक्टर स्किल काउंसिल, जैम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर स्किल काउंसिल, हैन्डीक्राफ्ट सेक्टर स्किल काउंसिल और मैनेजमेन्ट सेक्टर स्किल काउंसिल शामिल हैं। ये साझेदारियां सुनिश्चित करेंगी कि प्रशिक्षण विशिष्ट और बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। इसके अतिरिक्त, निफ्ट पटना डिजाइन और ब्रांडिंग तकनीकों में निर्देश की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षक सहायता प्रदान करेगा, जिससे स्वं-सहायता समूह उच्च गुणवत्ता वाले, आकर्षक प्रोडक्ट्स बना सकेंगे।
सेन्टर की एक अनूठी विशेषता इसका हब-एंड-स्पोक मॉडल है, जो ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर नैनो-साइज की प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करके पहल की पहुँच का विस्तार करेगा। इन स्पोक यूनिट्स से डिसेन्ट्रलाइज प्रोडक्शन किया जा सकेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में और भी अधिक महिलाओं को अपने समुदायों के आर्थिक विकास में भाग लेने के लिए सशक्त बनाया जा सकेगा।
यह सेन्टर स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। यह सेन्टर तैयार माल को बाजार तक आसानी से पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक्स चैनल स्थापित करने पर भी काम करेगा, जिससे इन प्रोडक्ट्स की पहुंच में सुधार होगा।
बेगूसराय में यह सेन्टर इस बात का एक प्रमुख उदाहरण बनने जा रहा है कि किस तरह महिलाओं के नेतृत्व वाली उद्यमिता ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को बदल सकती है। महिलाओं को सही कौशल, संसाधन और सहायता प्रदान करके, सेन्टर उनके आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे आत्मनिर्भरता, स्थाई व्यवसाय और बेहतर जीवन स्तर का रास्ता खुलेगा।
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