अद्भुत वैश्विक शिक्षाविद्, मानवतावादी और विश्व शांति के प्रतीक

अद्भुत वैश्विक शिक्षाविद्, मानवतावादी और विश्व शांति के प्रतीक

*कड़ी मेहनत, धैर्य और बुलंद हौसलों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले सैय्यद दानिश*

सोनू शम्स (सैय्यद दानिश) के नेतृत्व में बिहार में 2018 में आधिकारिक तौर पर रहमते मुस्तफा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट (RMSWT) का गठन किया गया। इसकी शुरुआत शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, शांति, मानवता, सद्भावना और जागरूकता जैसे बुनियादी मुद्दों से हुई। सैय्यद दानिश के नेतृत्व में बिहार में सिलाई केंद्र और लघु उद्योग की शुरुआत की गई और पुरुष व महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक छोटा सा प्रयास किया गया। RMSWT ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रत्येक राज्य के लिए जागरूकता अभियान चलाया और पीड़ितों की मदद के लिए एक छोटा सा प्रयास किया। RMSWT ने PMO को आर्थिक सहायता प्रदान करके मानवता को मजबूत करने का एक छोटा सा प्रयास किया। सैय्यद दानिश के नेतृत्व में एक अभियान चलाया गया और लोगों से पुराने कपड़े, जूते और किताबें दान करने और उन्हें ज़रूरतमंदों में वितरित करने की अपील की गई। RMSWT ने हमेशा भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूत करने की कोशिश की और सैय्यद दानिश ने सभी धर्मों के लोगों से मिलकर इस खाई को पाटने की पूरी कोशिश की। सैय्यद दानिश ने कई बार गुरुद्वारों, चर्चों और मंदिरों का दौरा किया और सर्वधर्म को मजबूत करने का प्रयास किया। RMSWT ने कई लड़कियों की शादी में आर्थिक मदद की और अनाथ लड़कियों को कपड़े दान किए। लॉकडाउन के दौरान RMSWT ने जरूरतमंदों को भोजन आदि वितरित करके मानसिक रूप से विकलांग लोगों का मार्गदर्शन किया। RMSWT ने 2020 में शेरघाटी दर्शन समाचार और विश्व शांति के नाम से एक नई शुरुआत की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और मानवता को मजबूत करने का काम शुरू किया। विश्व शांति के माध्यम से सैय्यद दानिश ने जमीनी स्तर पर विश्व शांति के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की खबरें प्रकाशित करना शुरू किया। सैय्यद दानिश के नेतृत्व में ऐसे लोगों की खबरें बिना किसी शुल्क के लगातार प्रकाशित की जा रही हैं। बोकारो रक्तवीर परिवार, बोकारो, झारखंड और कर्णभूमि रक्तदान सेवा समिति, मुंगेर, बिहार के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को रक्त के माध्यम से मदद करना शुरू किया जो बिल्कुल मुफ्त है। सैय्यद दानिश दूरदर्शी हैं और हमेशा कोशिश करते हैं कि बिना संसाधनों के भी लोगों की मदद करना बंद न करें और इसके लिए वे जमीनी स्तर से निस्वार्थ प्रयास कर रहे हैं। RMSWT ने 2021 में द स्टार ग्लोबल एजुकेटर्स अवार्ड्स का आयोजन कर निचले स्तर के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को बधाई देकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का एक छोटा सा प्रयास किया। वेबिनार का आयोजन दिल्ली पब्लिक स्कूल, कादिराबाद, दरभंगा, बिहार और RMSWT ने संयुक्त रूप से किया था। सैय्यद दानिश ने द इमाम हुसैन ग्लोबल शांति पुरस्कार का आयोजन किया और लोगों को फ़िक़्र ए हुसैन का मंत्र दिया और कहा कि अब ज़िक्र बहुत हुआ अब फ़िक़्र करने की ज़रूरत है। 2021 में RMSWT ने शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के लिए इंडोनेशिया विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जमीनी स्तर पर काम करने के लिए RMSWT को पीएमओ और कई राज्य सरकारों ने सम्मानित किया है। सैय्यद दानिश के जमीनी स्तर के काम को देखते हुए फ्रांस की महारानी नादिया हरिहिरी ने उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय संगठन सक्सेसवर्ल्ड1 अकादमी में भारत के लिए मानव अधिकारिता का वैश्विक राजदूत नियुक्त किया। मेक्सिको से विश्व ज्ञान शिखर सम्मेलन के प्रमुख डॉ0 अल्कान्तरा ने उन्हें अपनी संस्था का अंतर्राष्ट्रीय राजदूत बनाया। जमीनी स्तर पर उनके काम के लिए सैय्यद दानिश को कई देशों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी मिल चुकी है। सैय्यद दानिश के शानदार लेखन से प्रेरित होकर ग्लोबल एजुकेटर्स फ्रेटरनिटी (GEF) की संस्थापक रचना भीमराजका ने उन्हें अपने संगठन का मुख्य संपादक नियुक्त किया। सैय्यद दानिश दूरदर्शी हैं और हमेशा मानवता के कल्याण से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं और विश्व शांति के अभियान को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने का जुनून रखते हैं। अगर उनके पेशेवर करियर की बात करें तो उन्होंने 2010 से 2017 तक भारत के दो महत्वपूर्ण विभागों शिक्षा विभाग और करीम सिटी कॉलेज में इग्नू अध्ययन केंद्र की जिम्मेदारी संभाली। सैय्यद दानिश ने कहा कि वो अपनी अंतिम सांस तक लोगों को जागरूक करने का काम करते रहेंगे और समाज मे गंगा जमुनी तहज़ीब को आगे बढ़ाते रहेंगे। सैय्यद दानिश ने कहा कि अब तक कई स्तर के वेबिनार, सेमिनार व समिट करवाये और देश विदेश के लोगों का धयान संवेदनशील मुद्दों की तरफ लाया। 2024 में उन्हें पूरे एशिया से विश्व ज्ञान शिखर सम्मेलन करवाने की ज़िम्मेदारी मिली जिसमें उन्होंने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, अजरबैजान, श्रीलंका समेत कई देशों के छात्र एवं छात्राओं को कई विषयों पर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बोलने का मौका दिलवाया।

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