जल प्रबंधन की परियोजनाओं को तैयार करने में होगी सुविधा, तेजी से होगा कार्यान्वयन
पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के आंकड़ों का उपयोग करने संबंध में जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के अधिकारियों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण
जल संसाधन विभाग, बिहार पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के आंकड़ों का उपयोग कर सिंचाई और जल प्रबंधन से संबंधित परियोजनाओं का डीपीआर तैयार करने वाला देश का पहला जल संसाधन विभाग होगा
पटना, 11 नवंबर 2024.
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के पोर्टल के उपयोग के संबंध में जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के अधिकारियों के लिए सिंचाई भवन, पटना में एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र सह चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान तैयार करने वाली संस्था भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइनफॉरमैटिक्स (बीआईएसएजी-एन), अहमदाबाद के साइंटिस्ट अजय पटेल और विजय सिंह द्वारा विस्तृत प्रस्तुतिकरण के जरिये प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल तथा विभागीय मुख्यालय के सभी वरीय अधिकारी मौजूद थे। प्रधान सचिव ने सिंचाई और जल प्रबंधन की आगामी महत्वपूर्ण परियोजनाओं, यथा- डगमारा, ढेंग, तैयबपुर, अरेराज, कटौंझा और मसान में प्रस्तावित नये बराज आदि से संबंधित डीपीआर तैयार करने में पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के आंकड़ों का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इस पर बीआईएसएजी-एन के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के आंकड़ों का उपयोग कर सिंचाई और जल प्रबंधन से संबंधित परियोजनाओं का डीपीआर तैयार करने वाला देश का पहला जल संसाधन विभाग होगा।
इससे पहले बीआईएसएजी-एन के विशेषज्ञों ने प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों से संबंधित आंकड़ों का संकलन किया गया है। इस पोर्टल के अंतर्गत विभिन्न तरह के आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए टूल्स का विकास भी संभव है। इसी कड़ी में जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के पदाधिकारियों के उपयोग के लिए नये टूल्स का सृजन किया जाएगा।
बीआईएसएजी-एन के विशेषज्ञों ने बताया कि ये आंकड़े एवं टूल्स नई परियोजनाओं की प्लानिंग करने में काफी उपयोगी सिद्ध होंगे। इन आंकड़ों का उपयोग कर समग्र एकीकृत योजना काफी सरल और सुनियोजित ढंग से तैयार की जा सकेगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने में भी सुविधा होगी। इससे परियोजनाओं के क्रियान्वयन की गति तेज होगी और इसे समय पर पूरा करने में सुविधा होगी।
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