प्रमंडलीय आयुक्त ने की परिवहन विभाग की पटना प्रमंडल में प्रगति की समीक्षा, अधिकारियों को सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का दिया निदेश

प्रमंडलीय आयुक्त ने की परिवहन विभाग की पटना प्रमंडल में प्रगति की समीक्षा, अधिकारियों को सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का दिया निदेश

जिला सड़क सुरक्षा समिति तथा बाल परिवहन समिति की नियमित बैठक कराएँः आयुक्त ने दिया सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निदेश
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निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध राजस्व संग्रहण के लिए तत्पर रहने का आयुक्त ने जिला परिवहन पदाधिकारियों को दिया निदेश
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पटना, शक्रवार, दिनांक 13.09.2024ः आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री मयंक वरवड़े ने प्रमंडल अन्तर्गत सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों को अपने-अपने जिला में जिला सड़क सुरक्षा समिति तथा बाल परिवहन समिति की नियमित तौर पर बैठक आयोजित कराने का निदेश दिया है। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में प्रमंडल अन्तर्गत सभी छः जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी उपस्थित थे। प्रमंडलीय आयुक्त ने अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध राजस्व संग्रहण के लिए नियमित तौर पर तत्पर रहने का निदेश दिया। 

इस बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना (11वां चरण), मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना, मोटर ट्रेनिंग स्कूल, टेस्ंिटग ट्रैक, राजस्व संग्रहण, जिला सड़क सुरक्षा एवं बाल परिवहन समिति की बैठकों का आयोजन, प्रदूषण जाँच केन्द्रों का अनुज्ञप्ति निर्गमण एवं नवीनीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों में बस स्टॉप का निर्माण, ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी से संबंधित प्रतिवेदन, मोटर वाहन विक्रय एजेंसी की जाँच आदि में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया।संयुक्त आयुक्त-सह-सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार, पटना प्रमंडल, पटना श्री मनोज कुमार चौधरी द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को सरकार के दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि हरएक विद्यालय में बाल परिवहन समिति गठित रहना चाहिए तथा इसका प्रावधानों के अनुसार समय-समय पर बैठक आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। विद्यालय प्रबंधन, वाहन चालकों एवं परिचरों, बस ऑपरेटर्स, माता-पिता/अभिभावकों एवं प्रशासन की यह सम्मिलित जिम्मेदारी है कि बच्चों की सुरक्षा हर हाल में हो।

प्रमंडलीय आयुक्त ने अधिकारियों को निदेश दिया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना तथा मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करंे। ये योजनाएं जनहित की महत्वपूर्ण योजनाएं हैं। राज्य में प्रखंडों एवं सुदूर पंचायतों को जिला मुख्यालय से जोड़ने हेतु परिवहन की सुुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। विदित हो कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का अभी 11वां चरण चल रहा है। 

आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्रों के नियमित तौर पर अभियान चलाकर जाँच करने का निदेश दिया। उन्होंने ओवरलोडिंग तथा अवैध गाड़ियों के परिचालन के विरूद्ध समय-समय पर स्पेशल ड्राइव चलाने तथा नियमानुसार दंड लगाने एवं अन्य कार्रवाई करने का निदेश दिया। 

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि सुगम एवं सुचारू यातायात की व्यवस्था जनहित में आवश्यक है। यह हमारी कार्यशैली एवं जीवन-शैली पर काफी प्रभाव डालता है। सभी जिला परिवहन पदाधिकारी पुलिस, प्रशासन, नगर विकास विभाग, ट्रैफिक, एनएचएआई, पथ निर्माण सहित अन्य सभी विभागों के जिला में पदस्थापित पदाधिकारियों के साथ सार्थक समन्वय स्थापित कर बेहतर यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करें। सुरक्षित एवं सुगम यातायात प्रबंधन के सभी मानकों के प्रति सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग एवं तत्पर रहे। पार्किंग स्थल, वेंडिंग जोन, नो-इन्ट्री पर विचार, सड़क की चौड़ाई बढ़ाना, जाम एवं दुर्घटना का कारण खोजने एवं इसका समाधान करने, अतिक्रमण हटाने, सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन इत्यादि पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उच्च तकनीकांे पर आधारित यातायात प्रबंधन के लिए सतत कार्य किया जाए। 

आयुक्त ने कहा कि बिहार मोटरगाड़ी (संशोधन) नियमावली, 2020 में विद्यालय वाहन परिचालन से संबंधित विस्तृत दिशा-निदेश दिया गया है। जिलों में सभी विद्यालयों के प्रबंधकों एवं प्राचार्यों को यह उपलब्ध कराया गया है। आयुक्त ने कहा कि छात्र-छात्राओं की जीवनरक्षा एवं सुरक्षित यात्रा के लिए विद्यालय वाहनों के परिचालन का विनियमन इसके प्रावधानों के अनुसार सुनिश्चित किया जाए। समय-समय पर वर्कशॉप एवं प्रशिक्षण सत्र का आयोजन कर लोगों का उन्मुखीकरण करें ताकि सभी स्टेकहोल्डर्स नियमावली की बारीकियों से अवगत रहें। 
 
आयुक्त ने कहा कि इस नियमावली का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। *स्कूली बच्चों की घर से विद्यालय तक एवं वापस घर तक सुरक्षित यात्रा हर हाल में होनी चाहिए।* उन्होंने कहा कि विद्यालय वाहनों के लिए मानकों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक स्कूल प्रबंधन अपने-अपने यहाँ ‘‘बाल परिवहन समिति’’ की नियमित बैठक अनिवार्य रूप से करें एवं स्कूली बच्चों की सुरक्षित परिवहन व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित करें। जिला परिवहन पदाधिकारी इसका अनुपालन कराएंगे। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में हर जिला में जिला सड़क सुरक्षा समिति की प्रावधानों के अनुरूप ससमय बैठक हो जिसमें स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन से संबंधित उपायों की समीक्षा करें। 

आयुक्त ने कहा कि बच्चों के पाठ्य-सामग्री में भी सड़क सुरक्षा से संबंधित विषय अनिवार्य रूप से रहना चाहिए ताकि उन्हें जागरूक किया जा सके तथा दुर्घटना को रोका जा सके। बच्चों को संकेतक, यू-टर्न, ज़ेब्रा क्रॉसिंग सहित सभी तथ्यों की जानकारी रहनी चाहिए।

आयुक्त ने कहा कि विद्यालय वाहन परिचालन विनियमन में विद्यालय वाहनों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। विद्यालय वाहन से तात्पर्य हैः-

I. स्कूल प्रबंधन या उसके प्रधानाचार्य/निदेशक या स्कूल के किसी अन्य पदाधिकारी के नाम पर विधिवत पंजीकृत सभी प्रकार के वाहन, या

II. विद्यालय में छात्र-छात्राओं के परिवहन हेतु निजी ऑपरेटर एवं विद्यालय प्रबंधन के बीच समझौते के तहत किराया अथवा लीज पर संचालित स्कूल वाहन, या

III. अन्य सभी श्रेणी के विधिमान्य वाहन जो स्कूली बच्चों को विद्यालय अथवा अभिभावक की सहमति से किसी विद्यालय के छात्र-छात्राओं का नियमित रूप से परिवहन कर रहे हों।

 आयुक्त ने कहा कि इन तीनों श्रेणियों के वाहन विद्यालय वाहनों की परिधि में आते हैं तथा इन सभी पर बिहार मोटरगाड़ी (संशोधन) नियमावली का प्रावधान लागू होता है। अतः विद्यालय प्रबंधन सहित सभी हितधारक इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। 

आयुक्त ने कहा कि विद्यालय वाहन परिचालन अधिनियम में वाहनों के माध्यम से विद्यालय जाने वाले छात्र-छात्राओं को सुरक्षित रखने के लिए विद्यालय प्रबंधन द्वारा कार्रवाई अपेक्षित है। विद्यालय वाहनों के लिए निर्धारित निम्नलिखित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य हैः-

1. बसों/अन्य वाहनों की बॉडी सुनहरे पीले रंग की होगी। यह रंग IS-5-1994 (समय-समय पर यथासंशोधित) के अनुरूप होगा।

2. यदि विद्यालय द्वारा बस या अन्य वाहन किसी वाहन ऑपरेटर से लीज अथवा किराया पर लिया गया है, तो बस के पीछे और सामने स्पष्ट रूप से ऑन-स्कूल ड्यूटी (On School Duty) प्रदर्शित करना होगा।

3. मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा-118 के आलोक में स्कूल बसों/स्कूल वाहनों में विनिर्दिष्ट मानक का गति नियंत्रक उपकरण (स्पीड गवर्नर) लगाना अनिवार्य होगा, जिसकी अधिकतम गति सीमा 40 कि.मी. प्रति घंटा होगी। 

4. सभी वाहनों में एक प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना अनिवार्य होगा।

5. वाहन में अग्निशामक यंत्र (ड्राई पाउडर टाईप) लगाना अनिवार्य होगा।

6. प्रत्येक स्कूल वाहन में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम-125एच में उल्लिखित वीएलटीडी (Vehicle Location Tracking Device) और पैनिक बटन (Panic Button) लगाना अनिवार्य होगा। 

7. प्रत्येक स्कूल वाहन में केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम-104 में उल्लिखित रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप (Retro Reflective Tape) लगाना अनिवार्य होगा।

8. प्रत्येक स्कूल बस/स्कूल वाहन को जीपीएस युक्त होना अनिवार्य होगा। 

9. स्कूली बच्चों के परिवहन में संलग्न बस एवं अन्य सभी प्रकार के वाहनों का पंजीकरण व्यावसायिक यात्री वाहन के रूप में होगा। मोटरयान अधिनियम, 1988 के तहत स्कूल वाहनों के लिए सक्षम प्राधिकार से परमिट प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

10. आठ वर्ष तक के नये वाहनों को द्विवार्षिक एवं अन्य सभी स्कूली वाहनों को वार्षिक फिटनेस प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। 

11. स्कूल बस में *सीसीटीवी* को अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा, ताकि यात्रा के दौरान वाहन की गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा सके। सीसीटीवी फुटेज 60 (साठ) दिनों तक स्कूल प्रबंधक को संरक्षित करना होगा। छोटे वाहनों (14-सीटर से कम) के लिए सीसीटीवी का अधिष्ठापन अनिवार्य नहीं होगा।
 
12. *स्कूल बस से भिन्न अन्य व्यावसायिक छोटे वाहन; यथा ऑटो रिक्शा, मारूति ओमनी वैन, टाटा 407, टाटा एस, विंगर एवं अन्य कार जिसका उपयोग स्कूल के छात्रों के परिवहन के लिए नियमित रूप से किया जा रहा है, के द्वारा भी सुसंगत मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस तरह के वाहन पर भी सामने और पीछे की तरफ एक विशिष्ट स्थान पर स्पष्ट अक्षरों में ‘स्कूल वैन’ अथवा ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।*

13. माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा निर्गत सड़क सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देशों तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, परिवहन विभाग, बिहार सरकार या जिला प्रशासन अथवा विभिन्न शिक्षा बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेश तत्समय लागू होंगे। 

आयुक्त ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा तथा प्रदूषण नियंत्रण हम सभी के लिए आवश्यक है। जिलों को सर्वानुकूल बनाना एवं सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों तथा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराना जरूरी है। *चूँकि मामला बच्चों की सुरक्षा से संबंधित है अतः हम सबको अतिरिक्त संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी।* आयुक्त ने कहा कि विहित प्रावधानों के अनुसार विभिन्न स्तरों पर विद्यालय वाहन परिवहन अनुश्रवण समितियों की बैठक एवं कृत कार्रवाई की प्रमंडल स्तर पर नियमित समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में समय-समय पर जाँच अभियान चलाया जाए तथा चेकलिस्ट के अनुसार वाहनों की जाँच की जाए। उल्लंघन पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करें। आयुक्त ने कहा कि विद्यालय वाहनों के लिए निर्धारित पाँच मूलभूत मानदंडों- परमिट, स्पीड गवर्नर, बीमा, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल तथा फिटनेस- का अनुपालन सुनिश्चित की जाए।

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