डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 19 मामलों की सुनवाई की गई
कार्यों में लापरवाही तथा लोक शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया
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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 13 सितम्बर, 2024ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 19 मामलों की सुनवाई की गई। 12 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 07 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया। कार्यों में लापरवाही तथा जनहित के मामलों में संवेदनहीनता के आरोप में एक लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, धनरूआ के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया।
दरअसल अपीलार्थी श्री शिव शंकर प्रसाद पता-सोनमई, अंचल-धनरूआ, अनुमंडल-मसौढ़ी, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत राजस्व रसीद ऑनलाईन नहीं करने केे संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, धनरूआ द्वारा इस मामले में कोई सकारात्मक, सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। उनका प्रतिवेदन भी अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, मसौढ़ी के समक्ष दिनांक 18.04.2023 को ही परिवाद दायर किया गया था। सोलह महीना से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद भी यह मामला अंचल अधिकारी, धनरूआ के स्तर पर ही लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। अस्पष्ट प्रतिवेदन देने, लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, धनरूआ के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए उनसे कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया कि सुनवाई की अगली तिथि से पूर्व परिवाद का नियमानुसार निवारण करते हुए कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ सुनवाई में उपस्थित रहेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।
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