आयुक्त की अध्यक्षता में एनएमसीएच रोगी कल्याण समिति की शासी निकाय की बैठक का आयोजन
नागरिकों को *सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य-सेवा* उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता; रोगियों के कल्याण के लिए सभी पदाधिकारी एवं चिकित्सक *सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध* रहें: आयुक्त
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विगत एक वर्ष में 6,30,849 रोगियों को ओपीडी एवं 37,610 रोगियों को आईपीडी सुविधा उपलब्ध करायी गई
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प्रबंधन में *पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व* सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 06.09.2024ः आयुक्त, पटना प्रमंडल-सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति, नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पटना श्री मयंक वरवड़े ने कहा है कि नागरिकों को *सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य सेवा* उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी पदाधिकारियों एवं चिकित्सकों को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में एनएमसीएच के रोगी कल्याण समिति की शासी निकाय की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने कहा कि विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे प्रभावी, कुशल, संवेदनशील एवं जवाबदेह कार्य-प्रणाली से ही हासिल किया जा सकता है।
आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने संस्थान में रोगियों के उपचार के लिए बेहतर सुविधा एवं अच्छी कार्य प्रणाली पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रोगियों के कल्याण हेतु संस्थान में आवश्यकतानुसार विकास कार्य कराने के लिए उनके स्तर से विभाग से लगातार समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
आयुक्त ने बीएमएसआईसीएल के उप महाप्रबंधक को निदेश दिया कि अस्पताल के अधीक्षक से सम्पर्क स्थापित कर लंबित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें।
आज की इस बैठक में आयुक्त ने एनएमसीएच द्वारा मरीजों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया। रोगी कल्याण समिति की पूर्व बैठक में प्रदत्त निदेशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। अधीक्षक-सह-सदस्य सचिव, रोगी कल्याण समिति, एनएमसीएच द्वारा प्रस्तुत एजेंडा पर सदस्यों ने एक-एक कर चर्चा की। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं एवं यंत्रों की उपलब्धता, ओपीडी तथा आईपीडी का संचालन, मेडिकल वेस्ट का निष्पादन, मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता, चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपस्थिति, आउटसोर्सिंग, संस्थान में जलापूर्ति, नियमित एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति, शौचालय, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर उपस्थापित प्रस्तावों पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की।
अधीक्षक द्वारा आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि दीदी की रसोई के माध्यम से अन्तःवासी रोगियों हेतु शुद्ध एवं पोषक भोजन की व्यवस्था की गई है। बायोमेडिकल वेस्ट के उठाव एवं निष्पादन हेतु प्रावधानों के अनुसार कार्य किया जा रहा है।
आयुक्त ने कहा कि रोगी कल्याण समिति के गठन के उद्देश्यों के प्रति सभी को दृढ़ संकल्पित रहने की आवश्यकता है। रोगियों को कोई समस्या न हो इसे सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर उन्नयन तथा आधुनिकीकरण के लिए प्रयत्नशील रहें। मरीजों को उत्कृष्ट चिकित्सकीय वातावरण प्राप्त होना चाहिए। आयुक्त द्वारा अधीक्षक को निदेश दिया कि रोगी कल्याण समिति के राजस्व का स्रोत बढ़ाने के लिए नियमानुसार कार्य किया जाए।
आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने कहा कि संस्थान एवं स्थानीय प्रशासन में बेहतर समन्वय है। इससे विभिन्न समस्याओं का सुगमतापूर्वक समाधान हो रहा है।
अधीक्षक द्वारा आयुक्त के संज्ञान में एनएमसीएच के कार्यों एवं गतिविधियों को लाया गया। उन्होंने सितम्बर, 2023 से अगस्त, 2024 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदन रखा जो निम्नवत हैः-
आउटडोर रोगियों की संख्याः 6,30,849
इन्डोर रोगियों की संख्याः 37,610
इमर्जेंसी ओपीडी की संख्याः 64,612
एमआरआई (पीपीपी मोड) की संख्याः 3,869
सीटी स्कैन (पीपीपी मोड) की संख्याः 11,193
यूएसजी की संख्याः 18,594
एक्स-रे की संख्याः 99,288
जाँच की सुविधाः ब्लड, इको, ईसीजी, ईईजी, एफएनएसी, बेरा टेस्ट, टीएमटी, मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउन्ड, एक्स-रे एवं पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन/एमआरआई की सुविधा उपलब्ध है।
विगत एक वर्ष में किये गये शल्य चिकित्सा का विवरणः मेजर-9,124 एवं माइनर-8,264
प्रमंडलीय आयुक्त ने अधीक्षक को अस्पताल में पेयजल तथा शौचालय की बेहतर सुविधा रखने का निदेश दिया।
आयुक्त ने एनएमसीएच में बायोमेडिकल अपशिष्ट के निष्पादन पर विशेष ध्यान देने को कहा। एजेंसी के कार्यों का लगातार अनुश्रवण करने एवं नियंत्रण रखने का निदेश दिया गया। आयुक्त ने कहा कि अस्पताल के दैनिक प्रबंधन में सतत एवं पर्यावरण-अनुकूल मानकों को अपनाया जाए। वैज्ञानिक तरीके से हॉस्पिटल वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम विकसित किया जाए।
आयुक्त ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मानक के अनुसार गुणवत्तापूर्ण नियमित आहार उपलब्ध कराना सुनिश्चित रखने का निदेश दिया। उन्होंने पर्याप्त मात्रा में मानक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रखने का निदेश दिया।
आयुक्त ने अस्पताल की सुरक्षा-व्यवस्था सुदृृढ़ रखने का निदेश दिया। सीसीटीवी कैमरों से विभागों/वार्डों एवं परिसर में गतिविधियों की नियमित रूप से निगरानी की जाए।
आयुक्त ने कहा कि स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों पर पदस्थापन हेतु विभाग से पत्राचार किया जाए। विहित प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
आयुक्त ने कहा कि दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने संस्थान को इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।
आयुक्त ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी प्रणाली की रीढ़ है, जो सभी नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है। रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज-केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। संस्थान इसे सुनिश्चित करे।
आयुक्त ने प्रबंधन तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, संवेदनशीलता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
इस बैठक में आयुक्त के साथ जिलाधिकारी,पटना-सह-उपाध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, अधीक्षक एनएमसीएच, सिविल सर्जन, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी, क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, उपमहाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल, रोगी कल्याण समिति के सदस्यगण तथा अन्य उपस्थित थे।
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