*विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर मनाया गया श्रम-कल्याण दिवस*

*विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर मनाया गया श्रम-कल्याण दिवस*

*श्रमिकों के कल्याण के लिए श्रम संसाधन विभाग की सभी योजनाओं को जानकारी और लाभ हो सुनिश्चित : दीपक आनंद*

*बाल मजदूरी है दंडनीय अपराध, बाल श्रम कानून का और सख्ती से हो पालन : सचिव*

*श्रमिकों के हित में पूरी तन्मयता के साथ काम कर रहा है श्रम संसाधन विभाग : श्रमायुक्त*

*कारखाना निरीक्षणालय द्वारा प्रदेश के कामगारों को किया गया सम्मानित*


पटना, 17 सितंबर 2024: विश्वकर्मा पूजा के पावन अवसर पर आज दशरथ मांझी, श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान, पटना में श्रम कल्याण दिवस का शुभारंभ सचिव श्री दीपक आनंद ने किया। उक्त अवसर पर श्रमायुक्त रंजिता, विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं राज्य के विभिन्न कारखाना प्रबंधक, श्रमिक और असंगठित क्षेत्र के कामगार उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सचिव ने राज्य के श्रमिकों को श्रम कल्याण दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि विश्वकर्मा पूजा हमारे समाज की श्रमशीलता एवं निर्माण परम्परा का द्योतक है। यह दिन सिर्फ निर्माण के देवता विश्वकर्मा भगवान के पूजन का ही नहीं, अपितु हमारे श्रमिकों एवं उनके कार्यों की सराहना का भी दिन है। इसी उपलक्ष्य में आज श्रम संसाधन विभाग द्वारा श्रम कल्याण दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
श्रमिक भाई -बंधु  हमारे समाज की रीढ़ है एवं उनके प्रयासों के बिना कोई भी निर्माण संभव नहीं है।  इसलिए उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का ख्याल रखना, उनके अधिकारों की रक्षा करना एवं उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना हमारा कर्तव्य है ।

इन्हीं कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए श्रम संसाधन विभाग, बिहार, पटना द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए विभाग दिन रात एक कर काम कर रहा है। विभाग ने प्रवासी मजदूर हो या असंगठित क्षेत्र के मजदूर, उनके लिए अनुदान की राशि बढ़ाई है। विगत वर्ष तकरीबन 3 करोड़ की राशि का अनुदान विदेशों में या बिहार से बाहर काम कर रहे श्रमिकों को दिया गया है। विभाग श्रमिकों के प्रति बेहद संवदेनशील है। यही वजह है कि विभाग 16 अलग अलग योजनाओं में अनुदान देता है। गत वर्ष 694 करोड़ रुपए उपकर के रूप में विभाग के अधिकारियों ने प्राप्त किए हैं, जिनमें 623 करोड़ रुपए विभिन्न मद में अनुदान के रूप में श्रमिक कल्याण के लिए दिए गए हैं। 


उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में निबंधन की संख्या और बढ़ानी है। इसके लिए उन्होंने विभागीय अधिकारियों और नियोक्ताओं को भी आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही तमाम श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी श्रमिकों के द्वारा तक पहुंचने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया समेत अन्य संचार माध्यमों के उपयोग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आज भी बेहद प्रयास के बाद भी कई बार देखा गया है कि विभाग की कल्याणकारी योजनाएं श्रमिकों के पास नहीं पहुंच पा रही हैं। जबकि बिहार के श्रमिक देश के हर कोने में काम करते मिल जाते हैं इसलिए जरूरी है प्रदेश के हर मजदूर को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराने और उनका लाभ मिले यह सुनिश्चित करने का। 
सचिव ने कहा कि जो कारखाने में लगा हुआ है/ देश उसे पर टिका हुआ है। इसलिए श्रमिक भाइयों के कल्याण के साथ-साथ उनका बुनियादी हक भी उन्हें मिले यह भी सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है और हम चाहेंगे कि विभाग के पदाधिकारी और नियोक्ता इस बात को सुनिश्चित करें की मानव की गरिमामयी जीवन का अधिकार भी उन्हें मिले। उन्होंने बाल श्रम पर सख्त हिदायत देते हुए कहा कि अभी भी बाल श्रम को लेकर शिकायतें आ रही हैं जिन्हें दूर करना जरूरी है। बच्चों से उनका बचपन छीना संगीन अपराध है इसलिए हम चाहेंगे कि हमारे पदाधिकारी गण बाल श्रम निषेध कानून को सख्ती से लागू करें। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि श्रम संसाधन विभाग श्रमिकों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर है। इसलिए हम चाहेंगे कि श्रमिकों को अधिक से अधिक अनुदान मिले और उनका निबंध भी अधिक से अधिक हो। 


श्रमायुक्त रंजिता ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वकर्मा पूजा का यह शुभ दिन मेहनतकश लोगों के गुणगान का दिन है और ऐसे में इस आयोजन का  मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार करना है, जिसका उनके मनोविज्ञान पर प्रभाव पड़ता है और उनके उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है। श्रमिक कल्याण, श्रमिकों की शारीरिक, मानसिक और नैतिक स्थितियों में सुधार करता है। सरकार द्वारा बाल श्रम उन्मूलन, न्यूनतम मजदूरी, बंधुआ मजदूरी व अंतरराज्यीय प्रवासी कर्मकार हेतु विभाग के द्वारा योजनायें संचालित की जा रही हैं। जब श्रमिक के पास पूरी सुविधाएं होंगी, तो वह चिंताओं से मुक्त होगा और इसलिए पूरे प्रयासों और रुचि के साथ कारखाने में काम करेगा। श्रमिकों को ये सुविधाएं प्रदान करने से दक्षता में वृद्धि के साथ विश्वास पैदा होता है और वे पहले से अधिक क्षमता व रुचि से काम करते हैं। बीमा सुविधा और अच्छी कामकाजी परिस्थितियाँ सुरक्षा का वातावरण बनाती हैं और श्रमिक के मन से असुरक्षा की भावना दूर होती है। अगर हम सब मिलकर उनके हितार्थ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सभी संचालित योजनाओं से जोड़कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक लाभ पहुचाएंगे तो निश्चित रूप से उनका आत्मबल बढेगा और वे पूरी तरह से अपना श्रम देकर प्रदेश और देश के विकास में सहभागी बनेंगे। 

कार्यक्रम के दौरान  कारखाना निरीक्षणालय, बिहार द्वारा 13 कारखाना प्रबंधकों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले लगभग 135 कामगारों को श्रमायुक्त और विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित  किया गया। साथ ही बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को अनुदान वितरित किया गया।

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