आयुक्त की अध्यक्षता में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई
आउटडोर में 94,525 एवं इन्डोर में 29,623 रोगियों का उपचार किया गया, 431 रोगियों को इमर्जेन्सी सेवा सुलभ करायी गयी
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कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में जनता के प्रति संवेदनशीलता तथा प्रबंधन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश
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रोगियों के कल्याण के प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें; जरूरतमंदों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए विशेष प्रयास करेंः आयुक्त
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मूल्य-आधारित स्वास्थ्य एवं मेडिकल अभ्यासों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर आयुक्त ने दिया बल
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पटना, बुधवार, दिनांक 11.09.2024ः आयुक्त, पटना प्रमंडल श्री मयंक वरवड़े ने कहा है कि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल उत्कृष्ट शिक्षा, अनुसंधान तथा आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के अपने उद्देश्य के प्रति निरंतर प्रयत्नशील रहे। उन्होंने कहा कि अस्पताल गरीबों एवं वंचित समूहों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। उन्होंने अधीक्षक को अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया। वे आज राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के रोगी कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। आयुक्त ने कहा कि रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज- केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। उन्होंने अधिकारियों एवं चिकित्सकों को कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में आम जनता के प्रति संवेदनशीलता तथा संस्थान के प्रबंधन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
आज की बैठक में आयुक्त ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल द्वारा मरीजों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया। दिनांक 18.10.2022 को आयोजित रोगी कल्याण समिति की बैठक की कार्यवाही के अनुपालन की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्तावित एजेंडा पर सदस्यों ने एक-एक कर चर्चा की। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं, यंत्रों एवं एम्बुलेंस की उपलब्धता, ओपीडी तथा आईपीडी का संचालन, पंचकर्म यूनिट का जीर्णाेद्धार, रजिस्ट्रेशन काउंटर की समुचित व्यवस्था, भवन का अनुरक्षण एवं मरम्मती, छात्रावास, चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपस्थिति, पद सृजन एवं आउटसोर्सिंग, संस्थान में जलापूर्ति, नियमित एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति, शौचालय, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक द्वारा उपस्थापित प्रस्तावों पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की।
प्रभारी अधीक्षक द्वारा आयुक्त महोदय के संज्ञान में अस्पताल से संबंधित विभिन्न तथ्यों को लाया गया। उन्होंने बताया कि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल, पटना का भवन तीन तलों का है। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के मानक के अनुरूप वर्तमान समय में 224 शय्याओं पर रोगियों की भर्ती कर चिकित्सा की जाती है। आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने कहा कि सरकार द्वारा इस अस्पताल में 230 शय्याओं की स्वीकृति दे दी गई है। इसके समायोजन के लिए ऊपरी तल पर लाईट वेट फ्लोर का निर्माण कराना आवश्यक है। आज की बैठक में आयुक्त द्वारा अस्पताल भवन के ऊपरी तल पर लाईट वेट फ्लोर के निर्माण हेतु त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश बीएमएसआईसीएल के उप महाप्रबंधक को दिया गया ताकि स्वीकृति के अनुसार शय्याओं को लगाते हुए रोगियों को भर्ती कर चिकित्सा की जाए।
प्रभारी अधीक्षक द्वारा बताया गया कि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में 01 जनवरी, 2024 से 31 अगस्त, 2024 तक बहिरंग (आउटडोर) विभाग में 94,525 एवं अंतरंग (इन्डोर) विभाग में 29,623 रोगियों का उपचार किया गया। 431 रोगियों को इमर्जेन्सी सेवा उपलब्ध करायी गयी। अस्पताल में अल्ट्रासाउण्ड, एक्स-रे, हिमैटोलोजिकल टेस्ट, बायो-केमिकल टेस्ट, सिरोलॉजिकल टेस्ट, यूरिन टेस्ट एवं एलिसा टेस्ट की सुविधा है। इस वर्ष अभी तक 2,887 एक्स-रे, 868 अल्ट्रासाउण्ड तथा 19,444 पैथेलॉजिकल टेस्ट किया गया है। साथ ही 164 ऑपरेशन किया गया है। अस्पताल के बहिरंग एवं अंतरंग विभाग में रोगियों के वितरण हेतु हर तरह की आवश्यक दवाई उपलब्ध है। अंतरंग विभाग में भर्ती रोगियों को सरकारी प्रावधानों के अनुसार ससमय आहार पथ्य उपलब्ध कराया जाता है। शौचालय एवं पेयजल की अच्छी सुविधा है। सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ है। रोगियों एवं परिजनों की सुविधा के लिए बेड लिफ्ट बीएमएसआईसीएल द्वारा क्रियाशील कर दिया गया है। संस्थान में यूजी के 125 तथा पीजी के 85 छात्र अध्ययनरत हैं। अध्ययनरत छात्रों के प्रशिक्षण के लिए सारी सुविधा उपलब्ध है। चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों द्वारा बायोमेट्रिक (थम्ब एवं फेस) व्यवस्था के तहत आगमन एवं प्रस्थान दर्ज किया जाता है। अस्पताल में सुपरस्पेशलिटि पंचकर्म यूनिट के निर्माण हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है।
प्रभारी अधीक्षक द्वारा बताया गया कि विगत वर्षों की तुलना में अधिक मरीज इन्डोर, आउटडोर, इमर्जेन्सी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड, पैथोलॉजी इत्यादि की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। आयुक्त द्वारा इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा गया कि अस्पताल की व्यवस्था रोगियों के लिए अनुकूल रखें। प्रत्येक दवा महत्वपूर्ण होती है, हरएक की उपलब्धता सुनिश्चित करें। स्वच्छता के मानकों का अनुपालन करें।
आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने बीएमएसआईसीएल के उप महाप्रबंधक को छात्राओं के लिए निर्माणाधीन हॉस्टल का निर्माण कार्य इस साल पूरा करने का निदेश दिया।
प्रभारी अधीक्षक द्वारा आयुक्त के संज्ञान में लाया गया कि संस्थान के बाहरी परिसर में जल-जमाव की समस्या के निराकरण हेतु पटना नगर निगम द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध किया गया है। जल-जमाव वाले क्षेत्र में चैम्बर का निर्माण कर उसे ह्यूम पाईप द्वारा मुख्य चैम्बर में मिला दिया गया है। जल-जमाव की अब कोई समस्या नहीं है।
आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने कहा कि राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के अंतरंग विभाग में भर्ती रोगियों को ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण आहार पथ्य उपलब्ध कराने की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए विभाग से समन्वय स्थापित कर जीविका द्वारा संचालित दीदी की रसोई के निर्माण हेतु आवश्यक कार्रवाई किया जाएगा।
आयुक्त द्वारा बीएमएसआईसीएल के उप महाप्रबंधक को पंचकर्म चिकित्सा की व्यापक व्यवस्था के लिए पंचकर्म यूनिट की वृहद मरम्मति एवं जीर्णाेद्धार तथा सुपरस्पेशलिटि पंचकर्म यूनिट के निर्माण हेतु सभी आवश्यक कार्रवाई तेजी से करने का निदेश दिया गया। उन्होंने एक्स-रे जाँच की निःशुल्क सुविधा निर्बाध रूप से जारी रखने का निदेश दिया।
आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल को अस्पताल के अधीक्षक से सम्पर्क एवं समन्वय स्थापित कर अस्पताल/महाविद्यालय में चिकित्सकों एवं चिकित्सा-कर्मियों के बैठने हेतु मानकों के अनुरूप फर्निचर अविलंब उपलब्ध कराने, मरीजों के लिए शौचालयों की नियमित मरम्मति करने एवं जलापूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ रखने का का निदेश दिया। पार्किंग स्थल को चिन्हित करते हुए पार्किंग बनाने के लिए नियमानुसार कार्य करने का निदेश दिया गया।
आयुक्त ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में पद सृजन हेतु गहन मूल्यांकन कर सारगर्भित प्रस्ताव समर्पित करने को कहा । उन्होंने अधीक्षक को आवश्यकतानुसार विभाग से मार्गदर्शन मांगने का निर्देश दिया।
आयुक्त ने कहा कि दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने अधीक्षक को इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।
आयुक्त ने राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने मूल्य-आधारित स्वास्थ्य एवं मेडिकल अभ्यासों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर बल दिया।
आयुक्त ने अधीक्षक को रोगियों के कल्याण के लिए सुदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण सेवा सदैव सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।
आज के इस बैठक में सिविल सर्जन, क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, अधीक्षक, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल, निदेशक, आयुष निदेशालय उपमहाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य सेवाएं एवं अन्य भी उपस्थित थे।
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