रक्षाबंधन: भाई-बहन के अटूट बंधन का त्यौहार

रक्षाबंधन: भाई-बहन के अटूट बंधन का त्यौहार

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक अनोखा त्यौहार है, जो भाई-बहन के रिश्ते की अहमियत को दर्शाता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाइयों से उनकी लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा की प्रार्थना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों को तोहफे देते हैं और उनकी सुरक्षा और सुख-समृद्धि का आश्वासन देते हैं।
रक्षाबंधन की परंपरा का इतिहास बहुत पुराना है। यह पर्व केवल भाई-बहन के रिश्ते को ही नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को भी उजागर करता है। रक्षाबंधन का संबंध अनेक पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। एक लोकप्रिय कथा के अनुसार सीता माता ने लक्ष्मण की रक्षा के लिए राखी बांधी थी। इसके बदले में लक्ष्मण ने सीता माता को आश्वस्त किया किया था कि वह उनकी रक्षा करेंगे। रक्षाबंधन के दिन बहनें विभिन्न रंग-बिरंगे और सजावटी राखियाँ चुनती हैं, जो न केवल भाइयों की कलाई को सजाती हैं, बल्कि इस पर्व की भव्यता को भी बढ़ाती हैं। इस दिन राखी के साथ-साथ मिठाइयों का भी खास महत्व होता है। विशेषत: इस दिन बहनें अपने भाइयों को मिठाई खिलाकर इस खुशी के मौके को और भी खास बना देती हैं।
रक्षाबंधन का पर्व सामाजिक समरसता और भाईचारे का प्रतीक है। यह केवल भाइयों और बहनों के बीच के रिश्ते को ही मजबूत नहीं करता, बल्कि एक परिवार के भीतर प्रेम और समझ को भी प्रगाढ़ बनाता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि रिश्तों की सच्ची ताकत प्यार और समर्थन में छिपी होती है, और यह हमारे समाज को एकजुट बनाए रखने में मदद करता है।

0 Response to "रक्षाबंधन: भाई-बहन के अटूट बंधन का त्यौहार"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article