पारस एचएमआरआई में बोन मैरो ट्रांस्प्लांट सर्वाइवर्स मीट का आयोजन

पारस एचएमआरआई में बोन मैरो ट्रांस्प्लांट सर्वाइवर्स मीट का आयोजन

• हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. अविनाश सिंह बोले, खून की कमी को नजरअंदाज न करें
• ट्रांस्प्लांट करा चुके मरीजों ने भी साझा किए अपने अनुभव 
पटना।
पारस एचएमआरआई, पटना ने गुरुवार को बोन मैरो ट्रांस्प्लांट सर्वाइवर्स मीट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नाम *नवजीवन* रखा गया इसमें बोन मैरो ट्रांस्प्लांट कराकर गंभीर बीमारियों से जंग जीत चुके मरीजों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बोन मैरो ट्रांस्प्लांट करा कर ब्लड कैंसर,  एप्लास्टिक एनिमिया, थैलेसिमिया और एमडीएस जैसी गंभीर बीमारियों से उबर चुके मरीजों और उनके परिजनों को यह संदेश देना था कि बोन मैरो ट्रांस्प्लांट खून से संबंधित गंभीर बीमारियों के लिए सबसे सटीक और सफल इलाज है। कार्यक्रम में बोन मैरो ट्रांस्प्लांट कराने के बाद सामान्य जीवन जी रहे लोगों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम में पारस एचएमआरआई के *हेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अविनाश सिंह* ने कहा कि बिहार में काफी लोग खून की कमी से जूझ रहे हैं। फैलने वाले गंभीर रोगों जैसे- ब्लड कैंसर,  एप्लास्टिक एनिमिया, थैलेसिमिया, एक्यूट ल्यूकेमिया और एमडीएस के उपचार के लिए बोन मेरौ ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। खून की इन बीमारियों के लक्षण में कमजोरी लगना, चक्कर आना, हाथ-पैर में सूजन होना, शरीर सफेद पड़ जाना, सांस लेने में दिक्कत होना, नाक-दांत से खून आना और लम्बे समय तक बुखार रहना शामिल हैं। इसलिए खून की कमी से संबंधित बीमारियों को नजरअंदाज करने की गलती न करें। समय-समय पर जांच कराते रहें और कुछ परेशानी महसूस हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें। 

पारस एचएमआरआई के *फैसिलिटी डाइटेक्टर अनिल कुमार* ने डॉ. अविनाश सिंह सहित उनके सहयोगियों को इतने मरीजों को नई जिंदगी देने के लिए धन्यवाद दिया। बताया कि हमलोगों ने 2017 में बोन मेरौ ट्रांसप्लांट शुरू किया था और अबतक 60 मरीजों से ज्यादा का ट्रांसप्लांट कर चुके हैं। हमने मल्टिपल माइलोमा, जो कि एक तरह का ब्लड कैंसर है, एप्लास्टिक एनिमिया, थैलेसिमिया मेजर, एक्यूट ल्यूकेमिया और एमडीएस जैसी गंभीर बीमारियों के लिए यहां ट्रांस्प्लांट किया है। इसलिए पारस एचएमआरआई की भरोसेमंद सुविधा बोन मैरो ट्रांस्प्लांट के लिए सबसे उपयुक्त है।
इस मौके पर *डॉ. एए हई* (डाइरेक्टर जेनेरल सर्जरी), *डॉ. जॉन मुखोपाध्याय* (डायरेक्टर आर्थोपेडिक), *डॉ. अभिषेक आनंद* (एचओडी मेडिकल ऑन्कोलॉजी), *डॉ. शेखर केसरी* (एचओडी रेडिएशन ओन्कोलॉजी),  *डॉ. आर.एन. टैगोर* (मुख्य कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी),  *डॉ. मोसर्रत शाहीन* (कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी) *डॉ. स्नेहा झा* (मुख्य कंसल्टेंट रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) ने भी अपनी बातें रखीं।

*पारस एचएमआरआई के बारे में* 
पारस एचएमआरआई, पटना बिहार में 2013 से कार्यरत है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए जाना जाता है।

0 Response to "पारस एचएमआरआई में बोन मैरो ट्रांस्प्लांट सर्वाइवर्स मीट का आयोजन"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article