पीएमसीएच को बदनाम कर रहे अधीक्षक: पटना मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशान

पीएमसीएच को बदनाम कर रहे अधीक्षक: पटना मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशान

पटना। 
पटना मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन का गुरूवार को गठन किया गया। कॉलेज के सभी फैकल्टी ने सर्वसम्मति से मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एनपी सिंह को एसोसिएशन का अध्यक्ष, हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. भरत सिंह को उपाध्यक्ष, हड्डी रोग विभाग के ही सीनियर फैकल्टी डॉ. महेश प्रसाद को सचिव और एनाटॉमी विभाग की डॉ. रेखा को कोषाध्यक्ष पद पर मनोनीत किया। 
बैठक के दौरान पीएमसीएच के अधीक्षक द्वारा कॉलेज के फैकल्टी को बदनाम करने की कोशिश की कड़ी आलोचना की गई। सभी विभागाध्यक्ष और फैकल्टी एक सुर में कहे कि अधीक्षक किसी भी समय विभाग में आकर उपस्थिति रजिस्टर जांच कर शिक्षकों को अनुपस्थित करार दे देते हैं जबकि उस समय वो कहीं और काम कर रहे होते हैं। सबसे ओछा काम तब होता है जब मीडिया और विभाग को इसकी मनगढंत जानकारी भेज अपने वाहवाही की जाती है और संस्थान को बदनाम किया जाता है। 
बैठक को सभी विभागाध्यक्षों ने संबोधित किया। उनका कहना था कि पीएमसीएच में काम का वातावरण नहीं है। ना शिक्षक को बैठने की जगह है और न ही मरीज को। विभागों में उपकरण और उपस्कर की भारी कमी है। शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। हीट वेब में भी कॉलेज परिसर की नालियां बजबजाती रहती हैं। ना जाने बरसात में क्या हाल होगा। 
बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि सही से काम करने के लिए अपनी  एसी लगवानी पड़ रही है। स्थिति यह हो गई है कि यहां सिर्फ विस्थापित मरीज आ रहे हैं। सुपर स्पेशियलिटी में कुछ नहीं है। ऐसे में मैं आपसे अनुरोध नहीं अब आह्वान करता हूं कि अपने को बचाईए। हमें अपनी विरासत अगली पीढ़ी को भी स्थानांतरित करनी है।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. भरत सिंह ने कहा कि ओपीडी से एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग जाने के लिए रास्ता बेहद संकरा है। इसे डबल लेन का किया जाए। इसी तरह फैकल्टी के वाहनों के लिए बनी पार्किंग में भारी अव्यवस्था है। गाड़ी पार्क करने की जगह नहीं मिलती है।  
चेस्ट रोग के डॉ. एमजी रई ने कहा कि खाली पदों पर कुछ बहाली हुई, लेकिन अभी भी काफी पद खाली है। वैट सर्जरी के लिए साजोसमान मुहैया कराने की लगातार अनुरोध कर रहा हूं, लेकिन नहीं दिया जा रहा है। जबकि सामान बहुत महंगा नहीं है। 
प्रसूति एवं स्त्री रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. गीता सिन्हा ने अटेंडेंस बनाने में हो रही दिक्कत का मसला उठाया। विभागाध्यक्षों ने बॉयोमेट्रिक सिस्टम कई जगह लगाने की अपील की। 
एक विभागाध्यक्ष का कहना था कि यदि फैकल्टी या डॉक्टर काम नहीं कर रहे हैं तो कैसे हर रोज 300-350 मरीज हर विभाग में देखे जा रहे हैं। और फिर दिन भर के काम की रिपोर्ट भी कैसे भेजी जा रही है? 
बैठक के बाद सचिव और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. महेश प्रसाद ने बताया कि बैठक पूरी तरह सफल रहा। बैठक में विभागाध्यक्षों ने संगठन को पंजीकृत कराने और बॉयलॉज बनाने का सुझाव दिया है। जिस पर अध्यक्ष महोदय ने काम करने की बात कही है। इस संगठन के कार्यकारी समिति के सदस्य पीएमसीएच के सभी विभागाध्यक्ष होंगे।

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