*कला के प्रति अभिरुचि को जागृत करने का माध्यम है ग्रीष्मकालीन कार्यशाला*
*14 दिवसीय ग्रीष्मकालीन मधुबनी चित्रकला और टेराकोटा कला कार्यशाला हुआ शुभारंभ*
पटना 18 मई 2024
आज कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा मिथिला चित्रकला संस्थान और बिहार ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में 8 से 16 साल तक के बच्चों के लिए 14 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि, पद्म श्री शिवम पासवान, निदेशक, सांस्कृतिक कार्य श्रीमती रूबी, मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक श्री वीरेंद्र प्रसाद, सचिव, बिहार ललित कला अकादमी श्रीमती अमृता प्रीतम, के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।
निदेशक, सांस्कृतिक कार्य *श्रीमती रूबी* ने कहा किगर्मियों की छुट्टी का इंतजार सभी को होता है खासकर बच्चों को ताकि वह अपनी मनपसंद चीजें और रोज की नियमित दिनचर्या से हटकर अपने मनपसंद की अपने हॉबी को पूरा कर सकें । इसी उद्देश्य के साथ इस 14 दिनों तक चलने वाली कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है । श्रीमती रूबी ने आगे कहा कि इस प्रकार के कार्यशालाओं के माध्यम से विभाग बच्चों और युवाओं में रचनात्मकता को बढ़ाने के साथ ही उन्हें अपने अन्दर छुपी कलात्मक प्रतिभा को सामने रखने का एक मंच भी मुहैया करवा रहा है ।
*पद्म श्री शिवम पासवान* ने कहा कि आज कला में जितनी सुविधाएं हैं पहले उतनी नहीं थी । हमलोग पहले फूलों से रंग तैयार कर पेंटिंग करते थे । उन्होंने कहा कि हमारे समय में बिजली की भी सुविधा नहीं थी काफी दिक्कतों के साथ मैंने अपने चित्रकला की यात्रा पूरी की । बच्चों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि संघर्ष जीवन है मनुष्य को कभी आलस नहीं करना चाहिए मेहनत करना चाहिए । मेहनत का फल मीठा होता है और कभी ना कभी वह बहुत खुशबू ले आता है ।
बच्चों को संबोधित करते हुए मिथिला चित्रकला संस्थान के निदेशक *श्री वीरेंद्र प्रसाद* ने कहा कि मिथिला चित्रकला संस्थान के प्रशिक्षक आपको सिखाएंगे गाइड करेंगे तो यह बहुत अच्छी अपॉर्चुनिटी है आपके लिए । आप सब के लिए इस प्रकार की कार्यशालाएं काफी उपयोगी होंगी और मुझे उम्मीद है आप इस अवसर का सदुपयोग कर अपनी कल्पनों को रंगों की कूंची से भरेंगे ।
सचिव, बिहार ललित कला अकादमी *श्रीमतीअमृता प्रीतम* ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के अंदर जो छुपी रचनात्मक और कला के प्रति अभिरुचि है उसको जागृत करने के लिए बेहतर मंच प्रदान करना है । मुझे उम्मीद हैं की इन १४ दिनों में बेहतर प्रशिक्षकों के साथ तेरा और मिथिला पेंटिंग में आप सभी अपना बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे साथ ही आपको इन कलाओं की बारीकियों को समझने का अवसर मिलेगा । कला, संस्कृति एवं युवा विभाग राज्य में कलाओं के विकास, संवर्धन और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और मैं यह उम्मीद करती हूं कि यह कार्यशाला सफल होगी और उसमें आप सब लोग का सहयोग प्राप्त होगा ।
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