नाटक मरणोपरांत का हुआ सफ़ल मंचन, कलाकारों के अभिनय से मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

नाटक मरणोपरांत का हुआ सफ़ल मंचन, कलाकारों के अभिनय से मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

 


पटना: भारतेन्दु नाट्य महतोस्व 2024 के अवसर पे निर्माण रंगमंच हाजीपुर के द्वारा आयोजित एवं रंग गुरुकुल रंगमंडल के द्वारा प्रस्तुत नाटक मरणोपरांत का मंचन किया गया । जिसके लेखक सुरेन्द्र वर्मा है और निर्देशन राजवीर गुंजन ने किया था । नाटक में दो लोगो के बीच के द्वन्द को दर्शाया जाता है , जिसमे एक लड़का प्रेमी होता है और दूसरा पति । दोनों ही चरित्र को दोनों कलाकार अपने अभिनय छमता से दर्शकों को आख़िरी वक़्त तक बांधे रखते है और इस कहानी को जीवंत रूप देते है । कहानी मूलतः एक लड़की पे आधारित है जिसका एक पति होता है और दूसरा प्रेमी।
मरणोपरांत नाटक में कुछ ऐसी बातों का एहसास कराया जो हम जीवन में बोल नहीं पाते और ना कर पाते हैं। यह नाटक शुरू होता है दुर्घटना में एक महिला की आकस्मिक मौत से। शुरू में ये नाटक दो ऐसे व्यक्तियों के इर्द-गिर्द घूमता है जो एक युवती के मरने के बाद पहली बार मिल रहे हैं। एक व्यक्ति, मृतक युवती का पति है तो दूसरा प्रेमी। पति को युवती मौत के बाद उसके पर्स में मिली एक निशानी से प्रेमी के बारे में पता चलता है वह उसे फोन करके मिलने के लिए बुलाता है। एक पति और एक प्रेमी के द्वंद्व को संवादों के माध्यम से दर्शाया है। पूरे नाटक में स्थितियों-परिस्थितियों का तालमेल ऐसा बन पड़ता है कि दोनों पुरूषों के मन में उस युवती की याद से जुड़े हर रंग ताजा हो जाते हैं। पति को स्वीकार करना पड़ता है कि उसकी पत्नी उससे खुश नहीं थी जिसका एहसास वो पहले भी कर चुका है लेकिन उसके प्रेमी से मिलने के बाद यह बात पुख्ता हो जाती है। अंत में दोनों का अंतरद्वंद्व उन्हें झकझोरता है। 
नाटक देखने कि बाद दर्शकों ने काफ़ी प्रशंशा की और कलाकारों को और निर्देशक को काफ़ी बधाई भी मिली। नाटक के मंच पर पहला व्यक्ति :- राजवीर गुंजन, दूसरा व्यक्ति :-विष्णु देव कुमार, लेखिक :- सुरेंद्र वर्मा, म्यूजिक एंड लाइट:- अविराज कपूर
प्रोडक्शन मैनेजर:- मानिकांत चौधरी
प्रोडक्शन असिसटेंट - ओम कपूर और पीयूष गुप्ता असिस्टेंट डायरेक्ट :- अविराज कपूर
मीडिया - रुपेश रंजन सिन्हा
डिज़ाइन एंड डायरेक्शन :- राजवीर गुंजन
प्रस्तुति :- रंग गुरुकुल की थी।

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