*भारतीय नृत्य कला मंदिर में होगा जश्न-ए- बिहार के तहत नृत्य संध्या का आयोजन*

*भारतीय नृत्य कला मंदिर में होगा जश्न-ए- बिहार के तहत नृत्य संध्या का आयोजन*

 

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस की पूर्व संध्या पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा रविवार 28 अप्रैल को जश्न-ए-बिहार के तहत नृत्य संध्या का आयोजन किया जायेगा ।  कार्यक्रम में कत्थक एवं भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति देंगें ।प्रतिवर्ष 29 अप्रैल को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस को नृत्य कला को समर्थन और प्रोत्साहन देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से नृत्य कला के महत्व को जागरूक करने और लोगों को नृत्य कला की महत्ता को समझाने के लिए मनाया जाता है ।  

*कत्थक की प्रस्तुति देंगे प्रसिद्ध कलाकार विशाल कृष्णा*

विशाल कृष्णा जी का जन्म 1991 मे बनारस घराने के प्रवर्तक एंव उनके परदादा आचार्य पंडित सुखदेव महाराज जी के यहाँ  हुआ । इनकी नृत्य की शिक्षा 3 वर्ष की आयु से प्रारंभ हो गई । इन्होंने कत्थक की शिक्षा कथक की महारानी दादी सितारा देवी, उसके बाद पिता पंडित मोहन कृष्णा एंव श्री रविशंकर मिश्र से प्राप्त की । श्री कृष्णा के नृत्य में गजब की स्फूर्ति ,सुंदर अंग संचालन ,कुशल अभिनय, होने की वजह से इन्हें एक अलग पहचान मिली ।  कला विभूति सम्मान एवं उत्तर प्रदेश संगीत नाटक आकादमी पुरस्कार सहित कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित विशाल कृष्णा ने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी कई नृत्य कार्यक्रम किए है

*प्रेमचंद होम्बल एवं दल  के द्वारा होगी भरतनाट्यम की प्रस्तुति* 

श्री प्रेमचन्द होम्बल का जन्म 24 मार्च 1952, नृत्य को समर्पित परिवार में हुआ। माता श्रीमती गिरिजा देवी होम्बल एवं पिता स्व. श्री शंकर होम्बल के सानिध्य में बाल्यावस्था से ही नृत्य शिक्षा प्रारम्भ हुई।

इन्होंने भरतनाट्यम् का गहन प्रशिक्षण पद्मभूषण गुरु स्व. श्रीमती रुक्मिणी देवी अरुण्डेल से प्राप्त की। संगीत नाटक अकादमी दिल्ली सम्मान से सम्मानित श्री होम्बल ने कई नृत्य रूपक एवं संस्कृत नाटकों का निर्देशन एवं उनमें अभिनय किया है। जिनमें प्रमुख नृत्य-रूपक हैं- त्रिपथगा, रणचण्डी, जातकम्, रास-गोविन्दम्, सारनाथ, उमा-परिणयम्, गाथा महामना की, स्वाभिमान( डॉ. अम्बेडकर के जीवन पर), कादम्बरी, महिषासुर मर्दिनी इत्यादि।

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