जल-निकासी की सुगम व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताः डीएम

जल-निकासी की सुगम व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताः डीएम

 

शहर के प्रमुख नालों की अद्यतन स्थिति की जाँच के लिए डीएम ने किया विशेष टीम का गठन

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जिलाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक द्वारा शहर के प्रमुख नालों की अद्यतन स्थिति की जाँच हेतु विशेष टीम का गठन किया गया है। इनके द्वारा नालों के अतिक्रमण एवं नाली की उड़ाही की स्थिति की विस्तृत जाँच की जाएगी। 


पटना नगर निगम अंतर्गत छः अंचलों एवं तीन नगर परिषदों-फुलवारीशरीफ, दानापुर तथा खगौल-  क्षेत्रान्तर्गत सभी प्रमुख 09 नालों की अद्यतन स्थिति की जाँच के लिए अंचलवार विशेष टीम का गठन किया गया है। नूतन राजधानी अंचल, पाटलिपुत्रा अंचल, कंकड़बाग अंचल, बांकीपुर अंचल, पटना सिटी अंचल एवं अजीमाबाद अंचल तथा दानापुर, खगौल एवं फुलवारीशरीफ नगर परिषद् अंतर्गत नालों तथा जल संसाधन विभाग के क्षेत्राधीन नालों की अद्यतन स्थिति की जाँच इन विशेष दलों द्वारा की जाएगी। इसमें वरीय दण्डाधिकारियों, कार्यपालक पदाधिकारियों तथा अन्य पदाधिकारियों एवं दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।


डीएम द्वारा नौ प्रमुख नालों की जाँच के लिए सात विशेष टीम का गठन किया गया है। ये नौ नाले हैंः सर्पेन्टाईन नाला, मंदिरी नाला, राजीवनगर (कुर्जी) नाला, बाकरगंज नाला, सैदपुर नाला, आनंदपुरी नाला, योगीपुर नाला, बाईपास (के.बी.सी.) नाला तथा बाईपास (एन.सी.सी.) नाला। इनके साथ-साथ अंचल अंतर्गत अन्य सभी संबंधित नालों की अतिक्रमण एवं उड़ाही की जाँच की जाएगी तथा प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा।


इन दलों के द्वारा संबंधित अंचल के भूमिगत एवं खुले नालों का प्रवाह एवं बहाव की अद्यतन स्थिति प्रतिवेदित की जाएगी। साथ ही संबंधित अंचल अंतर्गत नालों पर अतिक्रमण का निरीक्षण किया जाएगा। विशेष दलों के द्वारा सभी सम्प हाउस की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की जाएगी एवं क्रियाशीलता की जाँच की जाएगी। विदित हो कि बुडको द्वारा कुल 66 स्थायी ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन संचालित किया जाता है। 19 अस्थायी ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन का संचालन मॉनसून अवधि में पटना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। विशेष दलों के द्वारा अंचलों में अतिवृष्टि की स्थिति में डीपीएस से अतिरिक्त संचित जल/अपशिष्ट जल की निकासी की क्षमता एवं क्रियाशीलता की जाँच की जाएगी। सम्प हाउस के इन्लेट तक जल प्रवाह की तैयारी तथा आउटलेट से मुख्य नाला तक बहाव की स्थिति का आकलन किया जएगा। विशेष दल के द्वारा सुगम जल निकासी हेतु आवश्यक सुझाव भी दिया जाएगा। 


डीएम द्वारा कुल सात जाँच दल का गठन किया गया है। सात वरीय दण्डाधिकारियों के नेतृत्व में नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों, अभियंताओं तथा अन्य दण्डाधिकारियों एवं पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। संबंधित दल के द्वारा सर्पेन्टाईन नाला, मंदिरी नाला, हड़ताली मोड़ से राजापुर पुल नाला, आनन्दपुरी नाला, कुर्जी नाला, आशियाना दीघा नाला, कौटिल्य नगर बीएमपी-5 से नेपाली नगर कल्वर्ट, श्री कृष्णापुरी से आनन्दपुरी भाया मोहनपुर सम्प नाला, बाईपास नाला (उत्तरी न्यू बाईपास), बाईपास नाला (नन्दलाल छपरा), योगीपुर नाला, बाकरगंज नाला, सैदपुर नाला, सीडीए बिल्डिंग से सैदपुर सम्प, बादशाही नाला, ब्रह्मोत्तर नाला एवं अन्य सभी संबंधित नालों की अतिक्रमण एवं उड़ाही की जाँच की जाएगी तथा प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा।


ज़िलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि नालों पर अतिक्रमण प्रतिवेदित होने की स्थिति में उसे तुरत हटाएँगे। नालों पर से अतिक्रमण हटाने हेतु अनुमंडल द्वारा निर्धारित तिथि को जिला नियंत्रण कक्ष से दंडाधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर, पटना सिटी एवं दानापुर स्वयं भ्रमणशील रहकर नालों की उड़ाही, प्रवाह एवं अतिक्रमण हटाने संबंधी कार्यों की सतत निगरानी करेंगे। डीएम ने निदेश दिया कि अतिक्रमण हटाने के क्रम में बुडको, जल संसाधन विभाग एवं नगर निकायों के पदाधिकारी तथा कर्मी सभी आवश्यक संसाधनों के साथ उपस्थित रहेंगे।


डीएम ने कहा कि सितम्बर-अक्टूबर, 2019 में अतिवृष्टि के कारण पटना शहर अंतर्गत कई क्षेत्रों में भीषण जल-जमाव के कारण आमजन को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सुव्यवस्थित जल-निकासी आवश्यक है। 


डीएम ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को दिनांक 8 मई, 2024 तक जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जाँच रिपोर्ट के आधार पर तत्परता से आवश्यक कार्रवाई की जाएगी ताकि जल-निकासी की उत्कृष्ट व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। 


डीएम ने कहा कि जल-निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।


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