आग की रोकथाम के लिए आम जनता से सावधानी बरतने का डीएम ने किया आह्वान

आग की रोकथाम के लिए आम जनता से सावधानी बरतने का डीएम ने किया आह्वान

 

मार्च से जून तक अग्नि प्रवण काल;  ‘‘क्या करें, क्या न करें’’ के बारे में वृहद स्तर पर जन-जागरूकता उत्पन्न करेंः डीएम ने अधिकारियों को निदेश

-----------------------------


नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन मुस्तैदः डीएम

------------------------------------


जिलाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक ने आम जनता से अग्नि-सुरक्षा हेतु निर्धारित मापदंडों का पालन करने का आह्वान किया है। साथ ही उन्होंने आपदा प्रबंधन के पदाधिकारियों को आग लगने की घटना पर प्रावधानों के अनुसार अग्निकांड पीड़ितों को 24 घंटे के अंदर अनुमान्य सहाय्य उपलब्ध कराने का निदेश दिया है। 


जिलेवासियों के नाम एक संदेश में उन्होंने कहा कि अभी अग्नि प्रवण काल चल रहा है जिसमें माह मार्च से माह जून तक अग्निकांड से सुरक्षा एवं बचाव हेतु आम जन को जागरूक करना जनहित में आवश्यक है। इस अवधि में पछुआ हवा का प्रवाह भी तीव्र गति से होता है। ग्रीष्मकाल में विभिन्न क्षेत्रों में अग्निकांड की संभावना बढ़ जाती है। गाँव में अगलगी की घटना होने पर खेत, खलिहान, खड़ी फसल आदि में जान-माल की क्षति होती है। डीएम ने कहा कि ऐसी स्थिति में आग लगने की घटनाओं की रोकथाम हेतु सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए दिये गये निदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। आग लगने की हर छोटी-बड़ी घटना की सूचना क्षेत्रीय पदाधिकारी वरीय पदाधिकारियों को तुरत दें। मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार प्रबंधन सुनिश्चित करें। आग की छोटी-सी लौ भी एक क्षण में पूरी तरह से अनियंत्रित होकर बड़ी आग में परिवर्तित हो सकती है। अतः हर व्यक्ति के स्तर पर अपेक्षित सतर्कता आवश्यक है। 


 डीएम ने कहा कि अग्निकांड की आपदा से निपटने हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का निर्धारण किया गया है एवं समय-समय पर निदेश भेजा जाता है। इसके अक्षरशः अनुपालन से अगलगी की घटनाओं को रोका जा सकता है।


==========================


जिला अग्निशाम पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पटना जिला में अग्निशमन विभाग की 98 गाडियाँ  क्रियाशील है जिसमें 36 गाड़ियाँ 400 लीटर तथा 44 गाड़ियाँ 5,000 लीटर से अधिक क्षमता की हैं; 3 हाइड्रॉलिक प्लेटफ़ॉर्म, 2 फोम टेंडर तथा 13 वाटर वाउज़र है। जिला में 10 फायर स्टेशन है जिसमें 06 शहरी क्षेत्रों में तथा 04 ग्रामीण क्षेत्रों में है। 10 अनुमडण्ल स्तरीय अग्निशामालय पदाधिकारी कार्यरत हैं। डीएम ने पटना जिला अन्तर्गत सभी सरकारी (अग्निशाम, पीएचईडी एवं अन्य) तथा निजी हाईड्रेन्ट एवं जलश्रोतों को क्रियाशील रखने का निदेश दिया। उन्होंने अग्निशामालयों तथा थानों में प्रतिनियुक्त सभी अग्निशामक वाहनों को ड्राइवर एवं अन्य संसाधनों सहित 24*7 मुस्तैद रखने का निदेश दिया ताकि आवश्यकता की घड़ी में इसे तुरत घटना स्थल पर भेजा जाए। अग्निशामक वाहनों एवं पंपों में खराबी आने पर अतिशीघ्र उसे नियमानुसार मरम्मति करा कर चालन की स्थिति में रखें। डीएम ने विद्युत कार्यपालक अभियंताओं को भी बिजली के तारों को सुरक्षित ऊँचाई (12 फीट से अधिक) पर व्यवस्थित करने का निदेश दिया ताकि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को आवश्यकता पड़ने पर गली-कूचियों में सुगमतापूर्वक पहुँचाया जा सके। गौरतलब है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी की अधिकतम ऊँचाई 12 फीट होती है।

==========================


डीएम द्वारा  इस पर प्रसन्नता व्यक्त की गई कि अग्निकांड की सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी ससमय घटनास्थल पर पहुँच जाती है। उन्होंने आगे भी इसे सुनिश्चित करने का निदेश दिया। 


डीएम ने जिले के सभी पंचायतों में अग्नि कांड के हिसाब से अतिसंवेदनशील जगहों के रूट चार्ट को नियमित तौर पर अद्यतन करने का निदेश दिया। उन्होंने सभी अग्निशामालयों से अग्निशामक वाहनों में उपलब्ध वितंतु सेट और मोबाइल सेट को सदैव कार्यरत रखने का निदेश दिया।


डीएम ने कहा अगलगी से बचाव हेतु जनहित में ‘‘क्या करें, क्या नहीं करें’’ जारी किया गया है। आम जनता इसका अनुपालन कर अगलगी की घटनाओं को रोक सकती है। उन्होंने ‘‘क्या करें, क्या नहीं करें’’ का प्रचार-प्रसार गाँव-गाँव तक सुनिश्चित करने का निदेश दिया ताकि आम जनता को जागरूक किया जा सके।


 # क्या करें

 

* स्टोव या लकड़ी, गोइठा आदि के जलावन वाले चूल्हे पर खाना बनाते वक्त सावधानी बरतें। हमेशा सूती वस्त्र पहनकर ही खाना बनायें।


* गेहूँ कटनी तथा ओसनी का काम हमेशा रात में तथा गाँव के बाहर खलिहान में जाकर करें।


* घर व खलिहान पर समुचित पानी व बालू की व्यवस्था रखें।


* खाना पकाते समय रसोईघर में वयस्क मौजूद रहें, बच्चों को अकेला न छोड़ें।


* खिड़की से स्टोव के बर्नर तक हवा न पहुॅच पाए। इस बात की पूरी तसल्ली कर लें।


* सरकारी सहायता पाने के उद्देश्य से जानबूझकर अपनी सम्पत्ति में आग लगाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने में प्रशासन की मदद कर जागरूक नागरिक अवश्य बनें।


* तौलिये या कपड़े का इस्तेमाल सावधानी से गर्म बर्तन उतारने के लिए करें।


* तैलीय पदार्थ से लगी आग पर पानी न डालें या सिर्फ बेकिंग सोडा, नमक डालें या उसे ढंक दें।


* खिड़की के बाहर कोई चादर या तौलिया लटका दें ताकि बाहर लोगों को पता चल सके कि आप कहाँ हैं और आपको मदद चाहिए।


* गैस चूल्हे का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद सिलिंडर का नॉब बंद कर दें।


* बिजली तारों एवं उपकरणों की नियमित जाँच करें।


* घर में अग्निशमन कार्यालय तथा अन्य आपातकालीन नंबर लिखा हुआ हो और घर के सभी सदस्यों को इन नंबरों के बारे में पता हो।


* आग लगने पर दमकल विभाग को फोन करें और उन्हें अपना पूरा पता बतायें, फिर दमकल विभाग जैसा कहें वैसा ही करें।


 # क्या न करें 


* बच्चों को माचिस या आग फैलाने वाले एवं अन्य सामानों के पास न जाने दें।


* बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि पीकर जहाँ-तहाँ न फेंकें, उसे पूरी तरह बुझने के बाद ही फेंकें।


* चूल्हा, ढिबरी, मोमबत्ती, कपूर इत्यादि जलाकर न छोड़ें।


* अनाज के ढेर, फूस या खपड़ैल की झोपड़ी के निकट अलाव व डीजल इंजन नहीं चलाएं।


* सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ न ले जाएँ।


* आपके कपड़े में अगर आग लग जाए तो दौड़ना नहीं चाहिए बल्कि जमीन पर लेटकर गोल-गोल कर आग बुझायें।


* खाना बनाने के समय ढीले-ढाले कपड़े न पहनें।


* अग्नि दुर्घटना के दौरान कभी भी लिफ्ट का प्रयोग नहीं करें।


* गैस की दुर्गंध आने पर बिजली के स्वीच को न छुऐं।


* खाना पकाते समय रसोईघर में बच्चों को अकेला न छोड़ें।


> ज़िलाधिकारी ने अग्निकांड की रोकथाम हेतु सभी अंचलाधिकारियों को अपने क्षेत्र में निम्नलिखित तथ्यों को प्रचारित- प्रसारित कराने का निदेश दिया है-


(क) हवा के झोंकों के तेज होने के पहले ही खाना पकाकर चूल्हे की आग को पानी से पूरी तरह बुझा दें। 


(ख) चूल्हे की आग की चिंगारी पूरी तरह बुझी हो, इसे सुनिश्चित कर लिया जाए।


(ग) घर से बाहर जाते समय बिजली का स्विच ऑफ हो इसे सुनिश्चित कर लिया जाए।


(घ) खाना वैसी जगह पकाया जाय, जहाँ हवा का झोंका न लगे। बीड़ी-सिगरेट पीकर इधर-उधर या खलिहान की तरफ न फेंके। 


(च) आगजनी से बचाव हेतु उपाय क्या करें, क्या न करें को आग-प्रवण क्षेत्रों में लगातार प्रसारित किया जाए।


(छ) गाँव/ मोहल्लों में जल एवं बालू संग्रहण की व्यवस्था रखी जाय ताकि आग पर शीघ्र काबू पाया जा सके। प्रत्येक गाँव में फायर बीटर्स, फायर टैंक, बाल्टी, रस्सी एवं कुल्हाड़ी आदि छोटे-छोटे अग्निशमन उपकरण सार्वजनिक स्थल पर रखवाने की व्यवस्था पंचायत की मदद से की जाए।


>ज़िलाधिकारी ने कहा कि सरकार की नीति के अनुरूप अग्निकांड की सूचना प्राप्त होते ही जिला एवं अंचल के आपदा प्रबंधन के उत्तरदायी पदाधिकारी एवं उनकी टीम घटना स्तर पर शीघ्रातिशीघ्र पहुँचंेगे एवं त्वरित गति से पीड़ितों को प्रावधानों के अनुसार सहाय्य प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। भीषण अग्निकांड होने पर संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी स्वयं घटनास्थल पर शीघ्रातिशीघ्र पहुँच कर सहाय्य की व्यवस्था करेंगे। 


डीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार अग्निकांड की आपदा के प्रबंधन हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई अपेक्षित है। साथ ही संबंधित पदाधिकारियों के बीच समन्वय की भी आवश्यकता है। सभी पदाधिकारी इसे सुनिश्चित करेेंगे। जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि 


(1) अग्निकांड की सूचना प्राप्त होते ही अंचल अधिकारी/अनुमण्डल पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुँच कर राहत एवं बचाव का कार्य कराना सुनिश्चित करें। जहाँ पर अग्निकांड की बड़ी घटना प्रतिवेदित हो, वहाँ अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन भी स्वयं शीघ्रातिशीघ्र पहुँच कर राहत एवं बचाव कार्य कराना सुनिश्चित करें।


(2) अग्निकांड की सूचना प्राप्त होते ही आवश्यकतानुसार फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर रवाना करें। आवश्यकतानुसार 101/ 112 इआरएसएस; जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र (डीईओसी) की दूरभाष संख्या 0612-2210118 एवं ई-मेल आईडी dismgmtpatna@gmail.com पर अविलंब सूचित किया जाए।


(3) गर्मी के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में अगलगी की घटनाओं की रोकथाम के संबंध में फायर ब्रिगेड के पदाधिकारी मुस्तैद रहेंगे। अंचल अधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारी तथा जिला आपदा प्रबंधन कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी फायर ब्रिगेड के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यकता पड़ने पर सार्थक कार्रवाई करेंगे। आग लगने की घटना होने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटना स्थल पर ससमय पहुँच जानी चाहिए। 


(4) अग्निकांड पीड़ितों को प्रावधानों के अनुसार 24 घंटे के अंदर अनुमान्य साहाय्य यथा पॉलिथीन शीट, नकद अनुदान तथा वस्त्र एवं बर्तन के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाए। इसी प्रकार घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए तथा मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान अविलंब किया जाए।


(5) जले एवं क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वेक्षण कर इसका जियो टैगिंग एवं फोटोग्राफी कराकर प्रावधानों के अनुसार गृह क्षति अनुदान का भुगतान शीघ्रातिशीघ्र कर दिया जाए।


डीएम ने अधिकारियों को आम जनता के बीच अग्नि सुरक्षा हेतु लगातार जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन पूर्णतः मुस्तैद है।



0 Response to " आग की रोकथाम के लिए आम जनता से सावधानी बरतने का डीएम ने किया आह्वान"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article