
बिहार एवं झारखंड में मेघगर्जन/ वज्रपात/ वर्षा की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम विज्ञान केंद्र, पटना से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार 30 मार्च, 2024 को बिहार राज्य के सभी भागों (उत्तरी और दक्षिणी जिलों, विशेषकर पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, अररिया एवं किशनगंज) में एक या दो स्थानों पर हल्के स्तर की वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान राज्य के दक्षिणी भाग के जिलों के एक या दो स्थानों पर मेघगर्जन/ वज्रपात की भी संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम विज्ञान केंद्र, रांची से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार झारखंड राज्य के दक्षिणी, पश्चिमी तथा मध्य भागों में कहीं-कहीं पर 30 और 31 मार्च, 2024 को गर्जन के साथ वज्रपात और वर्षा होने की संभावना है।
संभावित प्रभाव:
• मेघगर्जन, वज्रपात एवं वर्षा की स्थिति में जान-माल और पशुधन को नुकसान हो सकता है।
• परिपक्वता पर पहुँच चुकी फसलों, फलों और सब्जियों को नुकसान हो सकता है।
• कच्चे घरों और पशु-घर का भी नुकसान हो सकता है।
• आम और लीची के पुष्पन को नुकसान हो सकता है।
किसान बंधु क्या करें:
• तैयार हो चुकी फसलों जैसे गेहूँ, मसूर, चना, सरसों इत्यादि को काटकर सुरक्षित स्थान पर रख दें।
• परिपक्वता पर पहुँच चुकी सब्जियों जैसे भिंडी, लौकी, नेनुआ, खीरा इत्यादि को तोड़ कर सुरक्षित जगह पर रख दें।
• यह आम और लीची के बौर का महीना है। हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा रोगों को बढ़ावा दे सकती है। इसलिए फफूंदीजनक बीमारियों से बचाव हेतु कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% डब्ल्यूजी का 1 ग्राम/लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। 15 दिन बाद इस प्रक्रिया को पुनः दोहराएँ।
• आम और लीची में कीटों के हमले को रोकने के लिए, थियामेथोक्साम 25% डब्ल्यूपी का 0.5 ग्राम/लीटर पानी दर से छिड़काव करें और 15 दिनों के बाद एक बार पुनः छिड़काव करें।
• आम में, मैन्कोजेब 63% + कार्बेन्डाजिम 12% डब्ल्यूपी का 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में फूल आने से फल के विकास चरण के दौरान 15 दिनों के अंतराल पर प्रयोग करें।
• पूर्व में खुदे आलू का सुरक्षित स्थान पर भंडारण कर दें।
• पूर्व में खुदे आलू के बीज को 2.5% बोरिक एसिड के घोल से उपचारित करें। छाया में सुखाएं और कोल्ड स्टोरेज में रखें।
• वानिकी एवं फल वर्गीय छोटे पौधों को झाड़ियों या प्लास्टिक से ढक दें।
• पशुगृह के दरवाजे पर जूट या तिरपाल का पर्दा बांधें।
• स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता वज्रपात की अधिक सटीक जानकारी हेतु मोबाइल अप्लीकेसन “दामिनी” का उपयोग करें और समयानुसार ही अपने दैनिक खेती के कार्य करें।
किसान बंधु क्या न करें:
• कृषक बंधु बिजली चमकने के दौरान खेतों में न जाएं, पेड़ों के पास आश्रय न लें और मौसम के साफ होने की प्रतीक्षा करें।
• ऊंचे पेड़ों एवं बिजली के खंबों से दूर रहें और मौसम के साफ होने तक निकटतम पक्के मकानों में ही रुकें।
• वर्षा, मेघ गर्जन एवं वज्रपात के दौरान पशुधन को खुले स्थान पर न छोड़े।
• संभावित मध्यम स्तर की वर्षा फसलों के लिए पर्याप्त है अतएव खेतों में व्यर्थ सिंचाई न करें।
• तालाब में खाद/ गोबर का प्रयोग न करें।
यह कृषि मौसम परामर्श भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया है।
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