मंत्री, सहकारिता विभाग डा. प्रेम कुमार द्वारा गांधी मैदान, पटना में चार दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला एग्रो 2024 के अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा स्थापित स्टॉल का उद्घाटन किया

मंत्री, सहकारिता विभाग डा. प्रेम कुमार द्वारा गांधी मैदान, पटना में चार दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला एग्रो 2024 के अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा स्थापित स्टॉल का उद्घाटन किया


 प्रेस विज्ञप्ति


पटना, 9 फरवरी, 2023


आज दिनांक-09.02.2024 को माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग डा. प्रेम कुमार द्वारा गांधी मैदान, पटना में चार दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेला एग्रो 2024 के अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा स्थापित स्टॉल का उद्घाटन किया गया। विभाग द्वारा किसानों के हित संवर्द्धन के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी स्टॉल में प्रदर्शनी के माध्यम से प्रसारित एवं प्रचारित किया जा रहा है।


बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना के माध्यम से राज्य में उत्पादित सब्जी का विपणन करके ब्रांड 'तरकारी' के माध्यम से समाज में विश्वास का एक ब्रांड स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य राज्य के भीतर एवं बाहर एक प्रत्यक्ष सब्जी आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करके सब्जी उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है।


राज्य सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहकारिता विभाग के द्वारा मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना को लागू किया गया है। इस योजना के माध्यम से चयनित पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से पैक्सों को ट्रैक्टर, रोटावेटर, कल्टीवेटर एवं अन्य आधुनिक कृषि यंत्रों को क्रय करने हेतु चयनित प्रति पैक्स 15 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराया गया है। इसके माध्यम से किसानों को किफायती दर पर स्थानीय स्तर पर आधुनिक कृषि यंत्रों की सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है।


पैक्स एवं व्यापार मंडलों में आधारभूत संरचना के कार्य को प्रमुखता से कराया जा रहा है। पैक्सों एवं व्यापार मंडलों में गोदाम निर्माण, राईस मिल एवं ड्रायर की स्थापना की गई है, जिसका लाभ स्थानीय स्तर पर किसानों को मिला है तथा सहकारी समितियों भी आर्थिक रूप से मजबूत हुई है। राज्य में अभी तक 200 एम.टी., 500 एम.टी., 1000 एम.टी. क्षमता के 6942 गोदामों का निर्माण कार्य कराया जा चुका है, जिनकी कुल भण्डारण क्षमता 15.00 लाख एम.टी. से अधिक है। इसी प्रकार अब तक कुल 474 राइस मिल की स्थापना की जा चुकी है।


राज्य में पंचायत के सह-अंतक पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि पैक्सों को मल्टी सर्विस सेन्टर के रूप में विकसित किया जा सके। पैक्सों के कम्प्यूटरीकरण के कारण योजनाओं को मूर्त रूप देने में इसकी अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अभी तक प्रथम चरण में 4477 पैक्सों का चयन कम्प्यूटरीकरण योजना के अन्तर्गत किया गया है तथा पुनः 1601 पैक्सों का चयन द्वितीय चरण हेतु किया गया है। इस प्रकार कुल 6078 पैक्सों का चयन कम्प्यूटरीकरण हेतु किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा खरीफ 2018 मौसम से बिहार राज्य फसल सहायता योजना लागू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य फसलों के उत्पादन में हास की परिस्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना का लाभ रैयत एवं गैर रैयत किसानों को प्राप्त होता है। फसल उत्पादन में 20 प्रतिशत तक हास की स्थिति में किसानों को प्रति हेक्टेयर 7500 रु. एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए 15000 रु. देय है। साथ ही 20 प्रतिशत से अधिक फसल के हास की स्थिति में 10000 रु. प्रति हेक्टेयर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर के लिए 20000 रु. देय है।


पैक्सों में ई-सेवाओं की बेहतर पहुँच के लिए पैक्सों में कॉमन सर्विस सेन्टर की स्थापना की जा रही है। इसके तहत पैक्स, ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन, स्वास्थ्य सेवाएँ एवं पैन कार्ड, आई.आर.सी.टी.सी. रेल, बस, हवाई टिकट, बुकिंग जैसे 300 से अधिक सेवाएँ प्रदान कर सकेंगे।


पैक्सों में जन-औषधि केन्द्र की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सामान्य एवं ग्रामीण नागरिकों तक आसानी से सुनिश्चित हो पाएगी। जरूरतमंदों को 50 प्रशित से 70 प्रतिशत कम राशि पर दवा उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही पैक्स को MRP पर 20 प्रतिशत कमिशन प्राप्त हो सकेगा। उत्पाद बास्केट में 1799 दवाएँ और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल है, जिन्हें जन औषधि केन्द्र


के माध्यम से बेचा जा सकता है। इनसे पैक्सों के आर्थिक सृदृढ़ीकरण के साथ-साथ रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी सृजित हो सकेंगे।


पैक्स पेट्रोल / डीजल रिटेल आउटलेट के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किये जायेंगे। राज्य में 12 जिलों के 15 लोकेशन पर पेट्रोल पम्प आउटलेट के लिए जगह चिन्हित किया गया है, जिसमें 11 लोकेशन पर पेट्रोल पम्प अनुज्ञप्ति हेतु आवेदन किये जा चुके हैं।

पैक्सों को किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि किसानों को कृषि से संबंधित सुविधाओं को स्थानीय स्तर पर एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराए जा सके। राज्य के 1716 पैक्सों को किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।


पैक्स को सहकारी बैंकों के DMA (Deposit Mobilization Agent) के रूप में कार्य करने एवं Micro ATM के माध्यम से Door Step Service सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पात्र बनाया जा रहा है। डोर स्टेप बैंकिंग सुविधा ग्राहकों को अपने निवास पर ही बैंकिंग सुविधा उपलब्ध होगी। जैसे, पैसे का जमा-निकासी, खातों में उपलब्ध राशि की जानकारी प्राप्त होगी। पैक्स द्वारा संचालित होने वाले DMA बैंक व्यवसाय के विस्तार में सहायक होंगे।


उपरोक्त योजनाओं की जानकारी विभाग द्वारा स्थापित स्टॉल के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है। उक्त अवसर पर अपर मुख्य सचिव, सहकारिता विभाग, श्री दीपक कुमार सिंह, कृषि निदेशक, श्री आलोक रंजन घोष, अपर निबंधक, श्री मनोज कुमार सिंह, श्री अजय कुमार अलंकार, संयुक्त निबंधक (अंके.) सहयोग समितियाँ, श्री कामेश्वर ठाकुर, जनसम्पर्क पदाधिकारी, श्री बाबू राजा एवं अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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