जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता दिवस मनाया

जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता दिवस मनाया


इस वायरस की 16 और 18 प्रजाति बेहद खतरनाक मानी जाती है


22 जनवरी,पटना

जनवरी का महीना सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में जाना जाता है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओंं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। ऐसे में इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल जनवरी महीने को बनाया जाता है।डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर पूर्वी भूमध्य क्षेत्र में महिलाओं में होने वाला छठा सबसे आम कैंसर है। साल 2020 में, इस क्षेत्र में करीब 89 हजार 

800 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चला था, जबकि 47 हजार 500 से अधिक महिलाओं की बीमारी से मृत्यु हो गई थी। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि इसे लोगों के बीच जागरुकता फैलाई जाए। इसी मकसद से यह माह कुछ पीढ़ियों में सर्वाइकल कैंसर को समाप्त करने की थीम के साथ बनाया जा रहा है। जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर  गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सरिता शर्मा ने इस मुद्दे पर अहम जानकारी दी। मौका था जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता दिवस मनाया गया, जिसमें 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया।



गर्भाशय कैंसर के बारे में बताते हुए जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर  गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सरिता शर्मा ने कहा कि कुछ जांच के बाद यह साबित हुआ है कि HPV (Human Papilloma Viruses) के संक्रमण के बाद यह कैंसर होता है। कई बार यह वायरस संक्रमण के बाद पूरी तरह गायब हो जाता है। कुछ पैमाने पर संक्रमण वैसे ही रहकर यह कैंसर में तब्दील हो जाता है। इस वायरस की 16 और 18 प्रजाति बेहद खतरनाक मानी जाती है। यह कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है। इस कैंसर के लिए बहुत कम उम्र में यौन संबंध बनाना, एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखना, रोग प्रतिकार शक्ति का कमजोर होना धुम्रपान आदि भी बडे कारण बन जाते है।

 बीमारी के लक्षण के बारे में बात करते हुए जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर  गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सरिता शर्मा ने कहा कि दुर्गन्ध युक्त सफ़ेद पानी आना , दो माहवारी के बीच में खून बहना, योनी मार्ग से बहुत ज्यादा खून बहना, यौन संबंध के बाद खून बहना, वजन घटना  आदि इस बीमारी के लक्षण हो सकते है। ऐसा दिखाई देने पर महिला रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर जांच करानी चाहिए।


 उन्होंने कैंसर के बचाव के बारे में बताते हुआ कहा कि PAP Smear एवं  HPV DNA स्क्रीनिंग टेस्ट, लड़कियों को HPV का टीकाकरण एवं सर्विक्स को इन्फेक्शन से बचाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए। उपरोक्त लक्षण दिखाई देने और जांच में ऐसा दिखाई देने पर छोटा टुकडा (Biopsy) निकालकर जांच के लिए भेजा जाता है। साथ ही यह कैंसर कितना फैला है, यह जानने कोशिश की जाती है। इसके लिए CT Scan, MRI और PET Scan आदि विशेष जांच भी कराई जाती है।


सबसे पहले यह जानने की कोशिश की जाती है कि कैंसर कितने पैमाने पर फैला है। यदि आरंभ की स्टेज में हो और कम उम्र हो तो ऑपरेशन (Radical Hysterectomy) कर इसे खत्म किया जाता है। जितनी कम स्टेज होगी उतना इन मरीजों का कैंसर मुक्त काल भी ज्यादा होता है। आज (Chemotherapy) और (Radiotherapy) से इसे आसानी से खत्म किया जा सकता है।

गर्भाशय के मुख के कैंसर की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी जानकारी हमे कैंसर होने से पहले PAP Smear  Test  या  HPV DNA टेस्ट के द्वारा कर सकते हैं।  इसीलिए महिलाओं को 30 साल के बाद अपनी PAP Smear  Test  या  HPV DNA Test करा लेनी चाहिए। 65 वर्ष की आयु तक यह Test कराना जरूरी है। PAP Smear Test पहले तीन साल में एक बार करानी चाहिए उसके बाद ये नार्मल है तो तीन साल के अंतराल  पर करनी  चाहिए और HPV DNA Test पाँच  साल  के अंतराल पर होनी चाहिए।  PAP Smear  Test  में कुछ अंतर नजर आए तो Colposcopy कराकर Biopsy कराई जाती है। जिससे कैंसरपूर्व स्टेज का निदान कराकर जरूरी इलाज कराया जा सके।

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