
डीएम ने की शिक्षा विभाग की ज़िला में प्रगति की समीक्षा
विद्यार्थियों तथा अध्यापकों से नियमित संवाद कायम रखने एवं फीडबैक लेने का डीएम ने दिया निदेश
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प्री-फैब स्ट्रक्चर से वर्गकक्ष निर्माण में पटना जिला मॉडल, डीएम द्वारा हर्ष व्यक्त किया गया
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कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में हर एक संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया निदेश
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गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्धः डीएम
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पटना, सोमवार, दिनांक 27.11.2023ः- जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी संबंधित पदाधिकारी सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता करते हुए पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों का सफल संचालन तथा योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना सभी पदाधिकारियों का दायित्व है। शिक्षा विभाग के जिला में पदस्थापित सभी पदाधिकारी सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कर गुणात्मक परिवर्तन लाएँ। विद्यालयों में साफ-सफाई, शौचालय एवं शुद्ध पेयजल की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। उन्होंने इस पर खुशी व्यक्त की कि प्री-फैब स्ट्रक्चर से वर्गकक्षों के निर्माण में पटना जिला को विभाग द्वारा मॉडल ज़िला बनाया गया है। डीएम द्वारा इस पर भी प्रसन्नता व्यक्त की गई कि पीएम पोषण योजना अंतर्गत जिले में कार्यरत कुल 9,827 रसोइयों का अक्टूबर, 2023 तक का मानदेय भुगतान किया जा चुका है। विद्यालयों में लाईब्रेरी तथा लेबोरेट्री फंक्शनल है तथा विद्यार्थियों को खेल-कूद की सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। जिलाधिकारी द्वारा यूथ एवं इको क्लब तथा साईंस एवं मैथ्स क्लब के माध्यम से समसामयिक महत्व पर आधारित विभिन्न तरह की सृजनात्मक तथा वैज्ञानिक गतिविधियों का संचालन करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में डिजिटल लर्निग बोर्ड तथा ओपेन जिम की स्थापना के लिए तेजी से कार्य करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि जिला खनिज फाउण्डेशन की राशि से इन विद्यालयों में स्मार्ट इन्टरएक्टिव क्लासरूम हेतु डिजिटल लर्निंग बोर्ड की व्यवस्था की जाएगी। उच्च गुणवत्ता वाले बेंच एवं डेस्क की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही ओपेन जिम की स्थापना की जाएगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों का निदेशानुसार समय-समय पर जाँच कराया जाता है तथा बालिकाओं का हेल्थ चेक-अप भी कराया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कस्तूरबा गाँधी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कराने तथा बालिकाओं से फीडबैक लेने का निदेश दिया। उन्होंने कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में गैप एनैलिसिस करने का निदेश दिया ताकि इन विद्यालयों में आवश्यकतानुसार सभी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। पटना जिला में शिक्षा विभाग के नवगठित अभियंत्रण कोषांग द्वारा कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में आवश्यक निर्माण कार्य भी कराया जाएगा।
आज की बैठक में डीएम डॉ. सिंह द्वारा पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। जिले के शैक्षिक परिदृश्य, नामांकन, शिक्षकों की संख्या, विद्यालयों का निरीक्षण, सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का संचालन, प्रधानमंत्री पोषण योजना के संचालन की स्थिति, खाद्यान्न उठाव, समग्र शिक्षा, शौचालय, छात्रवृत्ति, पोशाक, साईकिल, मेधावृत्ति योजना, मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम, समावेशी शिक्षा, शिक्षा का अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन, शिक्षक प्रशिक्षण, विद्यालयों में असैनिक कार्य सहित विभिन्न पहलुओं पर प्रगति की समीक्षा की।
जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना श्री अमित कुमार द्वारा जिला पदाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि पूरे जिले में पीएम पोषण योजना से आच्छादन हेतु एवं आच्छादित विद्यालयों की संख्या क्रमशः 3,147 एवं 3,142 है। जिला में 9,827 रसोईया-सह-सहायक कार्यरत है। 3,090 विद्यालयों में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। शेष 57 विद्यालयों में यह प्रक्रियाधीन है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन 57 विद्यालयों में एक सप्ताह के अंदर नया एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने पोषण योजना से अनाच्छादित पाँच विद्यालयों में भी कारणों को शीघ्र दूर करते हुए पोषण योजना शुरू करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पेयजल के कारण, विद्यालय प्रबंध समिति गठन के कारण, रसोईया अथवा खाद्यान्न उठाव के कारण यह योजना प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि टी.के. घोष अकेडमी तथा पटना हाई स्कूल में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों का विधिवत संचालन हो रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन छात्रावासों में अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन छात्रावासों के संचालन का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया। बच्चों के बेहतर पठन-पाठन, स्वास्थ्य, सुरक्षा इत्यादि सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि पटना जिला के अभियंत्रण कोषांग में 24 अभियंता कार्यरत हैं। डीएम डॉ. सिंह द्वारा इन अभियंताओं को जिला में शिक्षा विभाग की अपूर्ण योजनाओं को विशेष रूचि लेकर पूरा करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न असैनिक कार्य यथा अतिरिक्त वर्ग कक्षों का निर्माण, शौचालय का निर्माण तथा विद्यालय भवनों का निर्माण इत्यादि कार्य को लक्ष्य के अनुसार शीघ्र पूरा किया जाए।
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विशेष नामांकन अभियान के उपरांत माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। अतिरिक्त वर्गकक्ष की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में उपलब्ध छात्र कोष एवं विकास कोष की राशि से मध्य विद्यालयों एवं माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्री-फैब स्ट्रक्चर से वर्गकक्ष का निर्माण किया गया है तथा यह लगातार जारी है। अभी तक 91 प्री-फैब वर्गकक्ष निर्माण कार्य पूर्ण है तथा 40 प्री-फैब वर्गकक्ष का निर्माण प्रगति पर है। पटना जिला के वर्गकक्ष निर्माण को मॉडल बनाकर अन्य जिलों में भी प्री-फैब स्ट्रक्चर वर्गकक्ष का निर्माण कराने हेतु विभाग द्वारा निदेश दिया गया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने एवं उनके कौशल विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में पटना जिला के छः प्रखंडों-फुलवारीशरीफ, दानापुर, मनेर, अथमलगोला, बख्तियारपुर एवं फतुहा- में नए संसाधन केन्द्र की स्थापना की गई है। पूर्व से पटना जिला में छः संसाधन केन्द्र संचालित है। इन केन्द्रों पर सभी कोटि के दिव्यंगता से प्रभावित बच्चों को फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, श्रवण क्षमता का आकलन, ब्रेल प्रशिक्षण, व्यवहार प्रबंधन, अभिभावक प्रशिक्षण, विशेष शैक्षणिक स्पोर्ट, दैनिक जीवन कौशल के प्रशिक्षण के साथ-साथ श्रवण यंत्र, बैशाखी, व्हीलचेयर, ब्रेल उपकरण एवं अन्य सहायक उपकरण प्रदान की जाती है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसका नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि निदेशानुसार विद्यालयों का नियमित निरीक्षण किया जाता है। जिलाधिकारी ने कहा कि निरीक्षण से विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से नियमित तौर पर फीडबैक लें।
जिलाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को विभाग के निदेशानुसार मिशन दक्ष का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया ताकि पढ़ाई में कमजोर बच्चों को उनके कक्षा के अनुरूप ज्ञान हो।
डीएम डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री बालक/बालिका (माध्यमिक) प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसचित जनजाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने इसके अंतर्गत शेष आवेदनों का शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया।
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